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What is the full form of HIV(एचआईवी) ?

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HIV(एचआईवी) का फुल फॉर्म या मतलब Human immunodeficiency virus (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) होता है।

एचआईवी एक ऐसा वायरस माना जाता है, जिसकी वजह से हमें एड्स हो सकता है।

यह वायरस बहुत ही आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है।

यह वायरस आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बिल्कुल कम कर देता है, और आपका शरीर तरह-तरह की बीमारियों से परेशान हो जाता है।

मुख्य रूप से देखा जाए तो एचआईवी और सुरक्षित यौन संबंध, दूषित रक्त संक्रमण और गर्भावस्था या स्तनपान के कारण फैलता है।

पर आप में से कई लोग ऐसे होते हैं जो एचआईवी औरAIDS को एक जैसा समझते हैं।

ऐसा कुछ नहीं है, आपको बता दें कि एचआईवी वायरस रूप की तरह होता है जबकि AiDs एचआईवी संक्रमण के बाद सिंड्रोम के रूप में प्रकट होता है।

यदि कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित है, तो यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं कि उसे ऐड्स हुआ है।

क्योंकि एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति प्रॉपर मेडिकेशन को फॉलो कर सामान्य जीवन बिता सकते हैं, लेकिन हर एड्स से पीड़ित व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित होता है, क्योंकि AIDS, HIV के कारण ही आगे चलकर हो जाता है।

एचआईवी(HIV) किस कारण से होता है?

आज जिस तरह का दौर चल रहा है, उसमें ऐड्स एक गंभीर समस्या मानी जाती है।

इसकी सबसे बड़ी वजह है कि लोगों में जागरूकता का अभाव है, जिसकी वजह से अभी भी एचआईवी के कई मामले सामने आते रहते हैं।

आपको बता दें कि एचआईवी वायरस होने के 8 से 10 साल बाद आपके अंदर एड्स के लक्षण नजर आने लगते हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन कारणों से एचआईवी वायरस मानव के शरीर में फैलती है।

  • खून चढ़ाने के दौरान एचआईवी अफेक्टेड ब्लड का इस्तेमाल
  • एचआईवी का वायरस मां से बच्चों में फैल सकता है
  • एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध
  • नाई या टैटू की शॉप पर infected चीजों का इस्तेमाल
  • किसी डॉक्टर द्वारा डिस्पोजल सिरिंज का इस्तेमाल करना

एचआईवी(HIV) के सामान्य लक्षण

  • लगातार वजन का घटना
  • याददाश्त में कमी आना
  • थोड़े से काम में ज्यादा थकान महसूस होना
  • धिक समय तक डायरिया की स्थिति बने रहना
  • सूखी खांसी होना
  • लंबे समय तक बुखार रहना
  • इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
  • रात को सोते वक्त पसीना आना
  • दस्त की समस्या
  • मेमोरी लॉस

एचआईवी(HIV) के चरण

एचआईवी के तीन चरण पाए जाते हैं, जो कि हर किसी के लिए जानना काफी महत्वपूर्ण है:-

#1. Acute HIV infection

यह एचआईवी का पहला चरण माना जाता है। जहां आपको बता दें कि इस बीमारी के लक्षण संक्रमण के तुरंत बाद प्रकट नहीं होते हैं। इसलिए जो भी लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं उन्हें तुरंत पता नहीं चलता है।

बताया जाता है कि इसके शुरुआती लक्षणों को जानने के लिए लगभग 2 से 4 सप्ताह लग जाते हैं।

#2. Chronic HIV infection

आपको यह बता दे कि एचआईवी के दूसरे चरण में यह वायरस शरीर को रिप्लिकेटिंग करना शुरू कर देता है, जो धीरे-धीरे मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है।

इसलिए यह बताया जाता है कि दूसरों को संक्रमित करने से पहले एचआईवी के लिए जल्दी परीक्षण करवाना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

#3. advanced infection

तीसरा और आख़िरी चरण माना जाने वाला एचआईवी इनफेक्शन आपकी cd4 T- सेल कि संख्या 200 के नीचे चली जाती है और आप की प्रतिरक्षा पूरी तरह से इस स्थिति में कमजोर हो जाती है।

इस वजह से यह देखा जाता है कि आप अवसरवादी संक्रमण के लिए अधिक संक्रमित हो जाते हैं।

एचआईवी का इलाज

एचआईवी का अभी तक कोई इलाज नहीं है सही जानकारी के साथ इससे बचाव किया जा सकता है इस बीमारी का इलाज नहीं किया जा सकता

एचआईवी बीमारी का अभी तक कोई टीका भी नहीं है इसलिए जरूरी है कि लोग सही जानकारी के साथ इस बीमारी से बचें

एचआईवी का जाँच

आमतौर पर यह देखा जाता है कि इस बीमारी की उपस्थिति के परीक्षण करने का कोई उचित तरीका नहीं है, क्योंकि एचआईवी बहुत ही छोटा है और इसे रक्त से अलग नहीं किया जा सकता है।

आपको बता दें कि इस बीमारी के निदान के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इस्तेमाल की जाने वाले विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल है। जिसमें ELiSA test , western bolt test, saliva test और viral load test शामिल है।

इस बात का ध्यान रहे कि एचआईवी के परीक्षण के दौरान कुछ जटिलताएं भी सामने आ सकती है इसलिए हमेशा सावधानी से हर टेस्ट के लिए कदम बढ़ाए।

एचआईवी का रोकथाम

अभी तक ऐसी कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाया गया है जो एचआईवी संक्रमण को रोक सके या उन लोगों का पूरी तरह से इलाज कर सकें, जिन्हें यह संक्रमण है।

वही आपके लिए यह जानना बहुत ही जरूरी है कि आप पूरी तरह से एचआईवी के जोखिम को कम नहीं कर सकते हैं पर हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आप कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरत सकते हैं।

#1. अपने यौन साथी की संख्या को सीमित रखें, केवल एक साथी के साथ यौन संबंध बनाए जो केवल आपके साथ सेक्स करे।

#2. यदि आपको एच आइ वी है तो निर्देश अनुसार अपनी दवाई ले और अपने यौन साथी को इसे प्रसारित करने के जोखिम को कम करें।

#3. पहले से ही इस्तेमाल की गई इंजेक्शन का उपयोग ना करें।

#4. अपनी और अपनी साथी की स्थिति जानने के लिए एचआईवी के लिए परीक्षण करें।

#5. Condom का उपयोग करने का सही तरीका जाने और उसका उपयोग हर बार करें जब आप यौन संबंध बना रहे हैं।

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है कि एचआईवी(HIV) फुल फॉर्म के बारे में आर्टिकल आपको पूरी जानकारी दे पाया।

अगर आप इस आर्टिकल को इंग्लिश में पढ़ना चाहिए तो फुल फॉर्म डॉट वेबसाइट पर विज़िट कर सकते हैं।

एचआईवी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप डब्ल्यूएचओ के वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

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