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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your Miscellaneous full forms knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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What is the full form of KYC (केवाईसी) ? |
Answer» KYC (केवाईसी) का फुल फॉर्म या मतलब Know Your Customer(नो योर कस्टमर) होता है। नो योर कस्टमर आज बहुत सारे महत्वपूर्ण व्यवसाय हो द्वारा उपयोग किए जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके तहत ग्राहकों की पहचान का सत्यापन उनके साथ व्यापार करने से पहले या उसके दौरान की जाती है, यह वित्तीय संस्थानों को आपकी बेहतर सेवा करने में मदद करता है। डिजिटल लेनदेन करने वाली कंपनियां, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं को अपने ग्राहकों की केवाईसी, उनको अपने सभी सेवाओं का उपयोग करने से पहले सुनिश्चित करना आरबीआई ने जरूरी कर रखा है। केवाईसी बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह ग्राहकों और वित्तीय संस्थाओं दोनों को बहुत सारे फ्रॉड और इलीगल एक्टिविटी से बचाता है। भारत में बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के लिए आरबीआई केवाईसी के नियम निर्धारित करती है। केवाईसी क्या है?केवाईसी वह प्रक्रिया है जिसके तहत फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अपने कस्टमर का आइडेंटिफिकेशन और एड्रेस प्रूफ को वेरीफाई करता है। जैसे कि आप अगर किसी बैंक में अकाउंट खोलने जाएंगे, तो बैंक आपसे आपका केवाईसी डॉक्यूमेंट मतलब, आपका आईडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ करने के लिए जरुरी पेपर प्रोडूस करने को कहेगा। आईडेंटिटी प्रूफ करने के लिए और एड्रेस प्रूफ करने के लिए अलग-अलग तरह के कई पेपर है, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि KYC (केवाईसी) की जरूरतकेवाईसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं और कस्टमर दोनों के लिए ही बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवाईसी के दौरान लिए गए जरूरी स्टेप्स यह सुनिश्चित करता है, कि कस्टमर रियल है, और उससे कोई खतरा तो नहीं है। केवाईसी प्रक्रिया के तहत किसी भी व्यक्ति का आईडी कार्ड वेरीफिकेशन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फेस वेरिफिकेशन किया जाता है, जिससे ग्राहक और उसके द्वारा बताई गई जानकारियां प्रमाणित होती हैं। केवाईसी के कारण आज बैंकिंग प्रक्रिया बहुत ही सुरक्षित बन पाई है, और आरबीआई ने सभी बैंकों के लिए अपने ग्राहकों का केवाईसी, रेगुलर बेसिस पर अपडेट करते रहना जरूरी कर रखा है। वैलिड KYC (केवाईसी) डॉक्युमेंट्स की सूचीनिम्नलिखित डाक्यूमेंट्स को देकर आप अपना एड्रेस और आईडेंटिटी प्रूफ कर सकते हैं-
ऊपर बताए गए दस्तावेजों में से कोई एक पेपर आप अपना आइडेंटिटी प्रूफ के लिए दे सकते हैं जैसे कि पैन कार्ड और एक पेपर आप अपना एड्रेस प्रूफ के लिए दे सकते हैं जैसे कि वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस। अगर किसी व्यक्ति के पास केवल आधार कार्ड ही हो तो भी उसका KYC (केवाईसी) पूरा किया जा सकता है लेकिन उसके बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन की सीमा बहुत ही कम होगी। ई-केवाईसी क्या है?ई केवाईसी का फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी होता है। e-kyc वह प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी कस्टमर की आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ का वेरिफिकेशन इलेक्ट्रॉनिकली आधार ऑथेंटिकेशन के द्वारा किया जाता है। आज भारत के लगभग सभी नागरिक के पास आधार कार्ड है, और आधार कार्ड में किसी भी व्यक्ति का बायोमेट्रिक डिटेल्स दर्ज रहता है, तो कोई भी व्यक्ति अपने अंगूठे को फिंगर रीडर पर दर्ज कर अपनी आईडेंटिटी को प्रूफ कर सकता है। ई केवाईसी एक बहुत ही शुभम सुरक्षित और तेज प्रक्रिया है जिसमें ना आपको कोई पेपर देने की जरूरत होती है, और ना कहीं सिग्नेचर करने की जरूरत होती है। ई केवाईसी के लिए आपके बैंक के पास आपका आधार डीटेल्स होना जरूरी है केवाईसी का महत्व
एसबीआई में केवाईसीएसबीआई भारत की सबसे बड़ी बैंक है ,और इसके पास 42 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहक है। एसबीआई को हमेशा अपने सभी कस्टमर का केवाईसी अपडेटेड रखना होता है, और इसीलिए बैंक अपने कस्टमर का ऑफलाइन, और ईकेवाईसी दोनों माध्यम से केवाईसी करती है। यह बड़ा बैंक भी आरबीआई के अंतर्गत ही काम करता है और आरबीआई के केवाईसी रूल इस पर भी लागू होते हैं। तो अगर आपका भी अकाउंट एसबीआई में है तो आप ऊपर बताए गए डाक्यूमेंट्स में से कोई दो डॉक्यूमेंट के साथ अपना केवाईसी पूरा कर सकते हैं। |
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What is the full form of DBS (डीबीस ) ? |
Answer» DBS का full form The Development bank of Singapore या The Development bank of Singapore लिमिटेड है जो एक सिंगापुर की बहुराष्ट्रीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा निगम है। The Development bank of Singapore का मुख्यालय मरीना बे, सिंगापुर में है। The Development bank of Singapore की स्थापना 16 जुलाई 1968 को सिंगापुर सरकार द्वारा की गई थी। The Development bank of Singapore की स्थापना का उद्देश्य आर्थिक विकास बोर्ड से औद्योगिक वित्तपोषण कार्यों को लेना था। The Development bank of Singapore भी संपत्ति के हिसाब से दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा बैंक है और एशिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक है। The Development bank of Singapore का सिंगापुर, ताइवान और हांगकांग में उपभोक्ता बैंकिंग, ऋण कोष जुटाने और इक्विटी के क्षेत्र में बाजार में वर्चस्व है। The Development bank of Singapore में मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स द्वारा उच्चतम एए और एएस 1 क्रेडिट रेटिंग और एशिया प्रशांत क्षेत्र के बीच मजबूत पूंजी की स्थिति भी है। The Development bank of Singapore तीन सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक सर्वश्रेष्ठ बैंक पुरस्कारों – यूरोमनी, ग्लोबल फाइनेंस, द बैंकर आदि को धारण करने वाला पहला बैंक बन गया है। इसके अलावा सिंगापुर का डेवलपमेंट बैंक भी सिंगापुर की पहली कंपनियों में से एक बन गया है, जिसे 2018 में पहले ब्लूमबर्ग लिंग समानता सूचकांक में सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के साथ-साथ लैंगिक समानता के प्रयासों के लिए जाना जाता है। The Development bank of Singapore का 17 बाजारों में संचालन है, साथ ही 250 से अधिक शाखाओं का क्षेत्रीय नेटवर्क और 50 शहरों में 1100 से अधिक एटीएम हैं। DBS(डेवलपमेंट बैंक आफ सिंगापुर) इतिहासThe Development bank of Singapore की स्थापना 16 जुलाई 1968 को सिंगापुर सरकार द्वारा की गई थी। The Development bank of Singapore की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य प्रसंस्करण उद्योगों और निर्माताओं को वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करना था। इसके माध्यम से The Development bank of Singapore सिंगापुर में मौजूदा उद्योगों की स्थापना और उन्नयन में मदद करना चाहता था। सिंगापुर सरकार ने 1960 के दशक में सिंगापुर में आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के औद्योगिक सर्वेक्षण मिशन को आमंत्रित किया। The Development bank of Singapore के इस प्रस्ताव में विदेशी निवेश प्राप्त करने और औद्योगिक सम्पदा को प्रबंधन और वित्तपोषण देने के लिए एक आर्थिक संगठन के साथ मिलकर एक विकास बैंक स्थापित करना शामिल था। DBS(डेवलपमेंट बैंक आफ सिंगापुर) अधिग्रहणThe Development bank of Singapore ने 16 नवंबर 1998 को 1.6 बिलियन डॉलर में डाकघर बचत बैंक का अधिग्रहण किया। सिंगापुर में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा रैफल्स प्लेस में सामान्य डाकघर भवन में 1 जनवरी 1877 को डाकघर बचत बैंक का गठन किया गया था। दोनों बैंकों के विलय ने दोनों में से किसी भी बैंक के अपने ग्राहकों को सुविधाओं को साझा करने की अनुमति दी। DBS शेयरधारक और अंतर्राष्ट्रीय संचालन सिंगापुर के अलावा The Development bank of Singapore की चीन, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, म्यांमार, फिलीपींस, थाईलैंड, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में शाखाएं और कार्यालय हैं। यूनाइटेड किंगडम आदि सिटीबैंक द्वारा नामित सिंगापुर पीटीई लिमिटेड The Development bank of Singapore का सबसे बड़ा शेयरधारक है, जिसके पास बैंक में कुल हिस्सेदारी का लगभग 20% है। उसके बाद माजू होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड के पास 18% और DBS नामांकित पीटीई लिमिटेड के पास The Development bank of Singapore के 17% शेयर हैं। The Development bank of Singapore। तामासेक होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के पास सिंगापुर के डेवलपमेंट बैंक के 11% शेयर हैं। तामासेक होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड सिंगापुर के वित्त मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। DBS(डेवलपमेंट बैंक आफ सिंगापुर) पुरस्कारThe Development bank of Singapore एशिया प्रशांत के सबसे सफल बैंकों में से एक है। इसे कई उपलब्धियां मिली हैं जैसे – ताइवान में सबसे अच्छा ग्राहक सेवा ब्रांड जिसे ग्लोबल ब्रांड्स पत्रिका द्वारा सम्मानित किया गया था। बैंकर द्वारा ग्लोबल बैंक ऑफ द ईयर जो फाइनेंशियल टाइम्स ग्रुप है। न्यूयॉर्क के वैश्विक वित्त द्वारा विश्व का सर्वश्रेष्ठ बैंक। ताइवान में सर्वश्रेष्ठ एसएमई बैंकिंग ब्रांड जिसे ग्लोबल ब्रांड पत्रिका द्वारा सम्मानित किया गया था। इसी तरह की फुल फॉर्मDBT (डीबीटी)फुल फॉर्म DELL (डेल)फुल फॉर्म
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What is the full form of HDFC (एचडीएफसी) ? |
Answer» HDFC (एचडीएफसी) का फुल फॉर्म या मतलब Housing Development Finance Corporation (हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन) होता है एचडीएफसी यानी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन जो कि भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर बैंक है, साथ में इसे हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है एचडीएफसी मुख्य रूप से आवासीय परियोजनाओं के लिए मध्यम वर्ग के लोगों और बिल्डरों को आवास ऋण प्रदान करता है और एचडीएफसी का मुख्य उद्देश्य आवासीय वित्त स्टॉक को एक रणनीतिक तरीके से आवास वित्त के प्रावधान द्वारा विकसित करना है, जो भारत में होम ओनरशिप का विकास करेगा। हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और वित्त बाजार में अग्रणी बैंक में से एक है, और इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में है। एचडीएफसी बैंक के पास भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर अलग-अलग तरह के ग्राहक है बड़े कॉर्पोरेट, नौकरीपेशा लोग, और वित्तीय संस्थान हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के प्रमुख ग्राहक हैं एचडीएफसी का इतिहास
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What is the full form of IPPB (आईपीपीबी) ? |
Answer» IPPB (आईपीपीबी) का फुल फॉर्म या मतलब India Post Payment Bank (इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक) होता है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक पूरी तरह से भारत सरकार का बैंक है। यह डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट के द्वारा संचालित होता है जो मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन के अंतर्गत आता है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक बनाने का मकसद बैंकिंग सेवाओं को सभी लोगों तक पहुंचाना है। जैसा कि आप जानते हैं भारत में 155000 से ज्यादा पोस्ट ऑफिस काम कर रहे हैं, और जब इन सभी पोस्ट ऑफिस में मॉडर्न बैंकिंग सुविधाएं मिलने लगेंगी तो आम लोग इससे बड़ी आसानी से जुड़ पाएंगे और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।
1 सितंबर 2018 को पहले फेज में 650 इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का ब्रांच खोला गया। इस बैंक को इस तरह प्लान किया गया है, कि यह लोगों को बैंकिंग की सभी सेवाएं देगा ,लेकिन लोन की सुविधा खुद से नहीं देगा। पोस्ट पेमेंट बैंक के थ्रू अगर किसी को लोन चाहिए, तो वह थर्ड पार्टी के द्वारा पूरा किया जाएगा, तो इस तरह से बैंक के ऊपर किसी तरह का कोई क्रेडिट रिस्क नहीं रहेगा। यह बैंक खोलना सरकार और आम लोग दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद है। सरकार को इस बैंक को खोलने के लिए कोई भी नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की जरूरत नहीं है, और पुराने पोस्ट ऑफिस से ही यह बैंक ऑपरेट कर सकता है। बहुत कम नए एम्पलाई हायर करने की जरूरत है, और पुराने एम्पलाई को ही ट्रेनिंग देकर उनसे बैंकिंग का भी काम लिया जा रहा है। IPPB (आईपीपीबी) का इतिहास19 अगस्त 2015 को रिजर्व बैंक के द्वारा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक को बैंकिंग लाइसेंस दिया गया। 1 सितंबर 2018 को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत हुई और आज हर दिन इसके शाखाओं का विस्तार होता जा रहा है। IPPB (आईपीपीबी) पर उपलब्ध सर्विसेजइंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शाखाओं पर लगभग सभी मॉडर्न बैंकिंग सुविधाएं दी जा रही है, कोशिश की जा रही है की आम लोगों तक लेटेस्ट बैंकिंग टेक्नोलॉजी पहुंचाई जाए, जैसे कि मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग आदि।
₹100000 लिमिट के साथ कोई भी भारतीय नागरिक बड़ी आसानी से इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के साथ अपना सेविंग या करंट अकाउंट अपनी सुविधा के अनुसार खोल सकता है। आईपीपीबी में तीन तरह के सेविंग अकाउंट की सुविधा है, रेगुलर सेविंग अकाउंट, डिजिटल सेविंग अकाउंट और बेसिक सेविंग अकाउंट। यह तीन तरह का सेविंग अकाउंट इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है, कि गांव और शहर के लोग अलग-अलग तरह के होते हैं। उनकी जरूरत अलग-अलग होती है, और उनका शिक्षा का स्तर अलग अलग होता है, तो यह तीनों सेविंग अकाउंट सभी लोगों की जरूरतों को पूरा कर पाएगा। आप आईपीपीबी के तरफ से दी जाने वाली एटीएम के द्वारा भी कई तरह के बैकिंग सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। डोर स्टेप बैंकिंग डोर स्टेप बैंकिंग आईपीपीबी की एक अनोखी पहल है, जिसके तहत बैंकिंग की बहुत सारी सुविधाएं जैसे कि अकाउंट ओपनिंग, कैश डिपाजिट और विड्रॉल, मनी ट्रांसफर, इंसुरेंस, लोन, इन्वेस्टमेंट आदि की सुविधा सीधे आपके दरवाजे पर इंडियन पोस्ट बैंक के एंपलाई द्वारा दी जाती है । अच्छी बात यह है कि यह सारी बैंकिंग सुविधाएं आपके घर तक बहुत ही कम चार्ज के साथ दी जाती है और अभी शुरुआत में इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के द्वारा यह चार्ज नहीं लिया जा रहा है। आईपीपीबी कांटेक्ट डिटेल्सcustomer care details- 155299 OR 1800-180-7980 email- मैं IPPB के साथ खाता कैसे खोलूं?आईपीपीबी के साथ बैंक अकाउंट खोलने के लिए आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस पर पहुंच सकते हैं।
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What is the full form of ATM(एटीएम) ? |
Answer» ATM(एटीएम) का मतलब Automated Teller Machine (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) होता है। एक और एटीएम का फेमस फुल फॉर्म एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट होता है. ATM के ये दो फुल फॉर्म बहुत प्रसिद्ध हैं। इन दोनों के अलावा, एटीएम के कुछ और प्रसिद्ध फुल फॉर्म हम इस लेख के अंतिम पैराग्राफ में देखेंगे। वित्त और कंप्यूटर के संदर्भ में एटीएम फुल फॉर्मएटीएम का फुल फॉर्म वित्त और कंप्यूटर के संदर्भ में एक स्वचालित टेलर मशीन(Automated Teller Machine) है। हम एटीएम का उपयोग बैंक खातों से पैसा निकालने और अन्य वित्तीय गतिविधियों को करने के लिए करते हैं। एटीएम एक ऐसी मशीन है, जो कंप्यूटर और मेक्ट्रोनिक्स तकनीक का उपयोग करके स्वचालित रूप से आपको आपकी मांग पर पैसा देती है। यदि लोग कहते हैं, एटीएम एक कंप्यूटर है, तो यह एक कंप्यूटर का जीवंत उदाहरण है। जैसा कि हम मानते हैं कि एक कंप्यूटर वह है, जो बिना मानव की मदद के सही सटीकता के साथ, हर बार सही ढंग से एक कार्य कर सकता है, जब आप एटीएम से पैसे निकालने जाते हैं, तो आपकी मदद के लिए वहाँ कोई व्यक्ति नहीं होता है। आप अपना कार्ड एटीएम मशीन में डालते है , और मशीन आपके कार्ड को पढ़ने के बाद आपसे आपका पिन मांगती है। पिन बताने के बाद, आप अपनी पसंदीदा राशि बताते हैं, जिसे आप निकालना चाहते हैं। आपकी पुष्टि के बाद, एटीएम आपको जो भी राशि चाहे, आपको देता है। ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) से इस पैसे को निकालने की पूरी प्रक्रिया में कहीं भी किसी इंसान की कोई भूमिका नहीं होती है। एटीएम कार्ड और एटीएम मशीन का उपयोग करके, आप सभी प्रकार के खातों जैसे कि बचत खाते, चालू खाते और क्रेडिट से नकदी निकाल सकते हैं।
आज हमारे लिए ATM कितना महत्वपूर्ण है?एटीएम आज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है आज के डिजिटल युग में, हम अपना अधिकांश बैंकिंग या तो ऑनलाइन या एटीएम के माध्यम से करते हैं। आप एटीएम का उपयोग पैसे निकालने और पैसा जमा करने के लिए कर सकते हैं। पैसा जमा करने और पैसा निकालने के लिए अलग-अलग तरह के एटीएम मशीन का प्रयोग किया जाता है जिस मशीन में हम पैसा डिपाजिट भी सकते हैं उसे कैश डिपॉजिट मशीन कहते हैं आज ATM की वजह से हमारा काफी समय और पैसा बचता है। आज, एटीएम का उपयोग करते हुए, हम दिन में 24 घंटे पैसे निकाल सकते हैं, हम पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, पैसे जमा कर सकते हैं, बिल भुगतान कर सकते हैं, और बहुत कम समय में अपनी सुविधानुसार और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। एटीएम(ATM) में हम किस तरह के लेनदेन कर सकते हैं?आमतौर पर, लोग समझते हैं कि एटीएम एक मशीन है जिसका उपयोग हम बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए कर सकते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एटीएम एक बहुउद्देश्यीय मशीन है, जिसका इस्तेमाल पैसे निकालने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाओं का फायदा उठाने के लिए भी किया जा सकता है कुछ महत्वपूर्ण बैंकिंग सेवाएं नीचे दी गई हैं- ATM का उपयोग करके नकद निकासीआज के डिजिटल युग में आपको पैसे निकालने के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका खाता किस बैंक में है, आप अपनी जरूरत के अनुसार किसी भी समय, किसी भी एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। एटीएम से पैसा मिलने के कारण बैंक कर्मचारियों को भी कम लोगों को संभालना पड़ता है। क्योंकि आज हर दिन एटीएम से पैसे निकालने वालों की संख्या बढ़ गयी है, अगर वे सभी बैंक जाते हैं, तो बैंक कर्मचारियों के लिए उन्हें नकद देना बहुत मुश्किल होगा। एटीएम में बैलेंस इंक्वायरी-आपके खाते में कितने पैसे हैं, यह जानने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है। आप किसी भी एटीएम में अपने खाते की शेष राशि और विवरण की जांच कर सकते हैं आपको अपनी पासबुक अपडेट करने के लिए बैंक जाने और घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। ATM का उपयोग करके मनी ट्रांसफर-जी हां, आपने इसे सही पढ़ा है, आप एटीएम का उपयोग करके एक खाते से दूसरे खाते में धन स्थानांतरित(मनी ट्रान्स्फ़र) कर सकते हैं। कई बैंक आपको अपने एटीएम कार्ड का उपयोग करके खाते से पैसे स्थानांतरित करने की अनुमति देते हैं, वही कुछ बैंक आपको कार्ड से कार्ड मनी ट्रांसफर करने की सुविधा देते हैं। इस सेवा का उपयोग करके आप भारत के किसी भी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन यहां आपको एक बात का ध्यान रखना होगा, कि आदाता(Payee) और रिसीवर दोनों का खाता एक ही बैंक में होना चाहिए। उदाहरण के लिए- आप अपने आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम कार्ड का उपयोग करके अपने खाते से अपने दोस्त के आईसीआईसीआई बैंक खाते में धनराशि स्थानांतरित कर सकते हैं। एटीएम का उपयोग कर बिल भुगतानआप एटीएम कार्ड और मशीन का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के बिल भुगतान कर सकते हैं जैसे क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान, बिजली बिल भुगतान, मोबाइल बिल भुगतान आदि। एटीएम का उपयोग कर नकद जमा-आज नई तरह की एटीएम मशीनें आ गई हैं, जहां आप पैसे निकालने के साथ-साथ पैसा भी जमा कर सकते हैं। यह सुविधा लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है क्योंकि 24 घंटे कभी भी आप अपने बैंक खाते में नकद जमा कर सकते हैं या इस सुविधा का उपयोग करके किसी और के खाता में भी पैसा डाल सकते है। एटीएम में पिन बदलें-आज आपको अपने एटीएम कार्ड का पिन बदलने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है। आप एटीएम मशीन के माध्यम से अपने एटीएम कार्ड का पिन जनरेट और बदल सकते हैं। इस सेवा का उपयोग करने के लिए आपके पास आपका पंजीकृत मोबाइल होना चाहिए। क्योंकि जब आप अपना पिन बदलते हैं, तो आपके बैंक से आपके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाता है, जिसे एटीएम मशीन में डालना होता है। एटीएम के बुनियादी हिस्सेएटीएम का बुद्धिमान कार्य उस मशीन के कई घटकों का उपयोग करके किया जाता है। हम एटीएम के मूल भागों को दो भागों में वर्गीकृत कर सकते हैं- एटीएम के इनपुट डिवाइस-इनपुट डिवाइस वे होते हैं जिनका उपयोग हम एटीएम में डेटा इनपुट करने के लिए करते हैं। कार्ड रीडर-एटीएम मशीन का कार्ड रीडर एक इनपुट डिवाइस है, जिसमें आप अपना कार्ड डालते हैं, और यह आपके लेनदेन को आगे बढ़ाता है कार्ड रीडर आपके कार्ड पर उपलब्ध जानकारी पढ़ता है। आज एटीएम में दो प्रकार के कार्ड रीडर मैग्नेटिक कार्ड रीडर और चिप कार्ड रीडर का उपयोग किया जाता है। मैग्नेटिक स्ट्रिप आपके कार्ड के पीछे बनी होती है, वही नए कार्ड में एक चिप होती है जो कार्ड के सामने होती है। कार्ड रीडर का काम आपके कार्ड पर उपलब्ध जानकारी को पढ़ना और सर्वर पर भेजना है ताकि सर्वर आपके आगे के बैंकिंग लेनदेन को कर सके। Keypad-जब आपको अपने एटीएम लेनदेन के दौरान कोई इनपुट देने की आवश्यकता होती है, तो आप एटीएम मशीन पर उपलब्ध कीपैड के माध्यम से इनपुट देते है। एटीएम ट्रांजेक्शन के दौरान, कंप्यूटर आपसे विभिन्न प्रकार के इनपुट जैसे कि आपका पिन, आपकी इच्छा राशि, के बारे में जानकारी मांगता है वह सब एंट्री आप मशीन में कीपैड के माध्यम से करते है। एटीएम के आउटपुट डिवाइस-एटीएम का आउटपुट डिवाइस वह है जिसके माध्यम से मशीन हमें आवश्यक जानकारी और नकदी देती है। एटीएम के आउटपुट डिवाइस निम्नलिखित हैं- डिस्प्ले स्क्रीन-एटीएम की डिस्प्ले स्क्रीन पर, हमें हमारे लेन-देन के बारे में पूरी जानकारी दिखाई जाती है। एटीएम की डिस्प्ले स्क्रीन एलईडी या एलसीडी है। यह दो तरह की हो सकती है टच स्क्रीन टाइप या सामान्य डिस्प्ले स्क्रीन। स्पीकर –हर एटीएम मशीन में एक स्पीकर भी लगा होता है, जो किसी भी एटीएम ट्रांजेक्शन के दौरान हमें हिदायत देकर मदद करता है। एटीएम में स्थापित स्पीकर सभी लोगों को लेन-देन करने में मदद करता है, लेकिन जो लोग नहीं देख सकते हैं, उनके लिए यह बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। नकदी निकालने की मशीन-ATM का कैश डिस्पेंसर वाला हिस्सा ATM को कैश जारी करने में मदद करता है। हर बार जब आप एटीएम से राशि निकालना चाहते हैं, तो यह डिस्पेंसर सही गणना करता है और आपके हाथ में सही राशि देता है। रसीद प्रिंटर-रसीद प्रिंटर का काम आपको किसी भी लेनदेन के बाद लेनदेन रसीद देना है जब आप एटीएम से किसी भी तरह का लेनदेन करते हैं जैसे कि नकद निकासी या मिनी स्टेटमेंट, तो इसकी रसीद प्रिंट की जाती है, और आपको रसीद प्रिंटर द्वारा दी जाती है।
एटीएम का कार्य-बहुत सारे मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर उपकरणों को मिलाकर एक एटीएम बनाया गया है, जिसमें बहुत सारे जटिल प्रक्रिया को एक साथ अंजाम दिया जाता हैं। गलतियां किए बिना बैंकिंग लेनदेन किया जाता है। जब भी आपको पैसे निकालने की आवश्यकता होती है, तो आप अपने पास के किसी भी एटीएम पर जाते हैं। आप उस एटीएम के कार्ड रीडर में अपना कार्ड डालते है। कार्ड रीडर आपके कार्ड को पढ़ता है, और आपकी जानकारी बैंक सर्वर को भेजता है, फिर बैंक के निर्देशों के अनुसार, एटीएम आपके अधिग्रहीत लेनदेन को पूरा करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपको एटीएम से पैसे निकालने हैं, तो यह जांचने के बाद कि क्या आपके खाते में आवश्यक शेष राशि है, एटीएम आपको आपकी इच्छा राशि देता है (यदि आपके खाते में आवश्यक शेष राशि है) उसी समय, यदि आप बैलेंस पूछताछ के लिए गए हैं, तो एटीएम आपके बैंक बैलेंस की जांच करता है और आपको आपके खाते में बचे पैसे के बारे में बताता है। आप चाहें तो रसीदें भी प्रिंट कर सकते हैं। मैग्नेटिक स्ट्रिप एटीएम कार्ड की जगह चिप एटीएम कार्ड के लाभप्रारंभ में, जब एटीएम कार्ड बनाया गया था, उस पर चुंबकीय पट्टी के अंदर सभी जानकारी संग्रहीत की गई थी। लेकिन उस चुंबकीय पट्टी के साथ समस्या यह थी कि कोई भी इसे कॉपी कर सकता था जिसके कारण कई बैंक फ्रॉड शुरू हो गए। इससे बचने के लिए, बैंकों ने कार्ड पर जानकारी संग्रहीत करने के लिए एक नया तरीका विकसित किया। यह तरीका कार्ड में एक चिप लगाकर उपयोगकर्ता की जानकारी संग्रहीत करना था।
एटीएम कार्ड पर चिप इस तरह से काम करती है कि इसे केवल पढ़ा जा सकता है, किसी भी परिस्थिति में कॉपी नहीं किया जा सकता है। आज इस चिप लगे कार्ड की मदद से बहुत सारे कार्ड वाले धोखाधड़ी को कम कर दिया गया है। यदि आप भी चुंबकीय पट्टी के साथ एटीएम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं, तो तुरंत अपने बैंक से बात करें और इसे चिप कार्ड से बदल दें। एटीएम से जुड़ा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नATM मशीन का आविष्कार किसने और किस वर्ष किया?स्कॉटिश आविष्कारक जॉन स्टीफन बैरेट ने 27 जून, 1967 को एनफील्ड में बार्कलेज बैंक की एक शाखा में स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) का आविष्कार किया। भारत में कुल कितने एटीएम हैं31 मार्च, 2019 तक, कुल संख्या भारत में एटीएम की संख्या 221703 थी। भारतीय स्टेट बैंक का भारत के कुल एटीएम में से सबसे अधिक एटीएम हैं। क्या मैं बिना एटीएम कार्ड के एटीएम से पैसे निकाल सकता हूं?हाँ, आज तकनीकी प्रगति के साथ यह संभव हो गया है कि आप एटीएम मशीन से बिना अपना एटीएम कार्ड लिए भी पैसा निकाल सकते हैं। आज भारत में कई बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक आदि इस सुविधा को प्रदान कर रहे हैं नकद निकासी की प्रक्रिया आपके पंजीकृत मोबाइल और स्मार्टफोन पर बैंक ऐप की मदद से की जाती है।
ATM का दूसरा प्रसिद्ध फुल फॉर्म Air Traffic Management है। यात्रा के संदर्भ में एटीएम फुल फॉर्मएयर ट्रैफिक मैनेजमेंट का मतलब है कि, हवाई जहाज से उड़ान भरने, अपनी यात्रा पूरी करने और दूसरे हवाई अड्डे पर वापस उतरने तक जो एर ट्रैफ़िक सिस्टम का यूज़ करती है किसी भी हवाई अड्डे पर सुरक्षित और सही ढंग से विमान की आवाजाही सुनिश्चित करना एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इसीलिए हर एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट होता है, जिसके तहत एयरपोर्ट ट्रैफिक का सारा काम होता है। भारत में AAI का मतलब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया है, जो एयरपोर्ट्स का मुख्य अथॉरिटी बॉडी है, जिसके तहत सभी एयरपोर्ट्स का एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट काम करता है। ATM के कुछ अन्य उपयोगी पूर्ण रूप-ATM- टेलीकॉम के संदर्भ में एसिंक्रोनस ट्रांसफर मोड (Asynchronous Transfer Mode) एटीएम- at this moment एटीएम- किसी भी समय पैसा (मनोरंजन के लिए) एटीएम- एंटी-टैक्टिकल मिसाइल (रक्षा में) ATM- एरिया ट्रेनिंग मैनेजर (जॉब प्रोफाइल के संदर्भ में)
तो दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि ATM फुल फॉर्म का यह लेख आपको पूरी तरह से ATM को समझने में मदद करेगा अगर आपका कोई सुझाव या सवाल है तो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं। यदि आप ATM full form के बारे में English में पढ़ना चाहे तो, इस ऊपर मेनू में क्लिक करके English version पर जा सकते है। |
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What is the full form of CSP (सीएसपी) ? |
Answer» CSP (सीएसपी) का फुल फॉर्म या मतलब Customer Service Point (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) होता है |
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What is the full form of RBI (आरबीआई) ? |
Answer» RBI (आरबीआई) का फुल फॉर्म या मतलब Reserve Bank of India (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) होता है RBI क्या है?RBI भारत का केंद्रीय बैंक है। RBI की परिभाषा भारतीय रिज़र्व बैंक है। प्रत्येक देश में कम से कम एक केंद्रीय बैंक होता है जिसे वाणिज्यिक बैंकों या बैंकों के प्रमुख के रूप में भी जाना जाता है। यह उस विशेष देश में बैंकिंग प्रणाली का केंद्र होता है। केंद्रीय बैंक के रूप में, RBI भारत की मौद्रिक प्रणाली और बैंकिंग नीतियों को नियंत्रित करता है। यह भारत सरकार के लिए बैंक के रूप में कार्य करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के निर्माण के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक का गठन 1 अप्रैल, 81432">1935 को किया गया था। RBI का इतिहास1926 में भारतीय मुद्रा और वित्त पर रॉयल कमीशन ने भारत के लिए एक केंद्रीय बैंक बनाने का सुझाव दिया ताकि मुद्रा और क्रेडिट के प्रबंधन के साथ-साथ सरकार के साथ एक मौद्रिक प्रणाली को अलग किया जा सके। इस प्रकार 81432">1935 में RBI मौद्रिक स्थिरता, मुद्रा प्रबंधन और राष्ट्रों के भुगतान और वित्त प्रणाली के प्रशासन के लिए स्थापित किया गया था। एक और तथ्य यह है कि आरबीआई की नींव के पीछे ब्रिटिश सरकार कारण है। RBI (आरबीआई) के उद्देश्य क्या हैं?RBI ने भारत की वित्त और मौद्रिक प्रणाली के प्रबंधन के लिए दृष्टिकोण को व्यापक किया है। यह हर साल वार्षिक और दीर्घकालिक लक्ष्य बनाता और उसे हासिल करता है। यहाँ भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य उद्देश्य हैं –
आरबीआई से जुड़ा अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्नRBI मनी मार्केट को कैसे नियंत्रित करता है?RBI (आरबीआई) के पास धन नियंत्रण उपकरण भी हैं जिन्हें मौद्रिक उपकरण के रूप में नामित किया गया है जो कि कुछ नीतियां या नियम हैं जो RBI बाजार में धन प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए वित्तीय प्रणाली और फर्मों पर लागू होता है। इनमें शामिल हैं – सिक्योरिटीज या बॉन्ड खरीदना और बेचना, वाणिज्यिक बैंकों से सीआरआर और एसएलआर इकट्ठा करना और इस तरह के कुछ अन्य तरीके। RBI का मुख्य कार्यालय कहाँ है?भारतीय रिजर्व बैंक का मुंबई, महाराष्ट्र में प्रधान कार्यालय है। और लगभग हर राज्य की राजधानी में क्षेत्रीय कार्यालय हैं। कब आरबीआई का राष्ट्रीयकरण हुआ?भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 8-281640">1948 ने RBI को 1 जनवरी 1949 से राष्ट्रीयकृत किया गया। इस राष्ट्रीयकरण प्रक्रिया में, RBI के सभी पूँजी शेयरों को पर्याप्त भुगतान के लिए केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया। RBI को कहां से पैसा मिलता है?आरबीआई को इसका ज्यादातर पैसा बॉन्ड के हितों से मिलता है। यह सिरों को पूरा करने के लिए बॉन्ड की कीमतें भी बदल सकता है। अन्य तरीकों से, RBI ओपन मार्केट ऑपरेशनल गतिविधियों में बॉन्ड खरीद या बेच सकता है। RBI यह अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए करता है। RBI (आरबीआई) के लिए आय का एक अन्य स्रोत वाणिज्यिक बैंकों और सरकार को क्रेडिट देना है। यह क्रेडिट की छूट दर या बैंक दर से कमाता है। RBI गवर्नर का चुनाव कौन करता है?भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 8 के अनुसार भारत सरकार आरबीआई के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है। RBI के बारे में रोचक तथ्य
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What is the full form of IMPS (आइएमपीएस) ? |
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Answer» IMPS (आइएमपीएस) का फुल फॉर्म या मतलब Immediate Payment Service (इमीडिएट पेमेंट सर्विस) होता है यह एक बैंक खाते से दूसरे बैंक में धन हस्तांतरित करने की ऐसी उन्नत तकनीक है, जिसके उपयोग से लोग घर बैठे अपने मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग कर आसानी से बैंक खाते में धन भेज सकते हैं। यह 2010 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था, और इसे NPCI (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा संचालित किया जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह लेनदेन को तुरंत पूरा करता है। IMPS एक इंस्टेंट रियल-टाइम इंटर-बैंक इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर सिस्टम है, जिसके माध्यम से मोबाइल, इंटरनेट और एटीएम के माध्यम से पूरे भारत में तुरंत पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है।
IMPS न केवल सुरक्षित है, बल्कि आर्थिक और गैर-वित्तीय दोनों दृष्टियों से किफायती भी है। IMPS की सेवाएं 24 * 7 और यहां तक कि छुट्टियों पर भी उपलब्ध हैं।
IMPS (आइएमपीएस) कैसे काम करता है?
IMPS के लाभ
IMPS की कमियांइंटरनेट पर किया गया कोई भी लेनदेन नेटवर्क की सुरक्षा और मजबूती पर निर्भर करता है IMPS आम तौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन मानवीय त्रुटियों के लिए कोई गारंटी नहीं है- यदि आप किसी ऐसे खाते को भेजते हैं, जिसकी संख्या गलत बताई गई है, तो उस खाते से पैसा वसूलना मुश्किल या असंभव होगा। IMPS और NEFT में क्या अंतर है?
IMPS की सीमा क्या है?न्यूनतम स्थानांतरण के लिए कोई सीमा राशि नहीं है, यानी, आप IMPS के साथ Re.1 भी स्थानांतरित कर सकते हैं ,और प्रति लेनदेन अधिकतम सीमा Rs.200000 है। हाल ही में, भारत के अग्रणी निजी बैंक ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों को IMPS के माध्यम से प्रति दिन 1000000 रुपये तक ट्रांसफर करने की अनुमति दी है।
क्या IMPS के लिए कोई शुल्क है?फंड ट्रांसफर के लिए आईएमपीएस शुल्क न्यूनतम रु 2.50 से अधिकतम रु 25 तक जाता है। यहां IMPS शुल्कों की एक सूची दी गई है-
IMPS (आइएमपीएस)- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नNEFT या IMPS में सबसे अच्छा कौन सा है?छोटी राशि के लिए IMPS सबसे अच्छा है क्योंकि यह वास्तविक समय में तुरंत क्रेडिट हो जाता है, और 24 * 7 उपलब्ध होता है ,जबकि NEFT आधे घंटे के बैच में क्लीयर हो जाता है और RBI छुट्टियों पर उपलब्ध नहीं होता है। Similar full forms- GST full form in Hindi |
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What is the full form of UCO Bank ? |
Answer» United Commercial Bank |
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What is the full form of SBI (एसबीआई) ? |
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What is the full form of CSC (सीएससी) ? |
Answer» CSC (सीएससी) का फुल फॉर्म या मतलब Common Service Centres (कॉमन सर्विस सेंटर्स) होता है। सीएससी का फुल फॉर्म हिंदी में सर्व सेवा केंद्र होता है। कॉमन सर्विस सेंटर्स डिजिटल इंडिया मूवमेंट को साकार करने के उद्देश्य से बनाया गया अति महत्वपूर्ण सेंटर है, जो बहुत सारे एसेंशियल पब्लिक यूटिलिटी सर्विस को देश के रूरल और दूरदराज के उन जगहों पर मुहैया करवाता है, जहां आज भी इंटरनेट और कंप्यूटर की सही सुविधा उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार की तरफ से आज बहुत सारी इ-सेवाएं आम लोगों के लिए दी जा रही है, लेकिन आज भी भारत के कई ऐसे गांव और कस्बे हैं, जहां इंटरनेट की सही सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो वहां कॉमन सर्विस सेंटर लोगों को भारत सरकार की तरफ से दी जाने वाली, सभी e-service सेवाओं को प्रदान कर रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटर्स को इस तरह से प्लान किया गया है, कि वह एक ही जगह पर बहुत सारे जरूरी सेवाओं को लोगों तक पहुंचा सके। सीएससी की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 2006-290036">2006 में नेशनल ई गवर्नेंस प्लान के तहत की गई थी, और इस जरूरी सेवा को सही तरह से मैनेज करने के लिए सीएससी e-governance सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की स्थापना 16 जुलाई 2009 को की गई। सीएससी यानि कॉमन सर्विस सेंटर पूरे देश में एक समान काम करता है, और किसी राज्य या क्षेत्र के भगौलिक, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता से इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। और यह भारत सरकार के सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल रूप से समावेशी देश के उदेश्य को, सक्षम बनाता है। 2020 में जब कोरोना के कारण लोग काफी परेशान थे, तब कॉमन सर्विस सेंटर्स ने सरकार की कई वेलफेयर स्कीम्स को लोगों तक पहुंचाने में काफी मदद की। कुछ प्रमुख एसेंशियल पब्लिक यूटिलिटी सर्विसेज जो सीएसी द्वारा लोगों तक आसानी से पहुंच रहा है, यह सब है-
CSC (सीएससी) के उद्देश्यसीएससी शुरू करने का भारत सरकार का उद्देश्य पूरे देश में किसी सेवा को समान रूप से लागू करना है कुछ अन्य प्रमुख उद्देश्यों की बात करें तो यह सब है-
सीएससी के प्रमुख कामआज किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर पर बहुत सारे सेवाओं को प्रदान किया जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न है- गवर्नमेंट टू सिटीजन (G2C)- आम लोगों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाए जाने वाले कई तरह की सेवाओं को, डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचाना CSC का महत्वपूर्ण काम है। B2C यानी बिजनेस टू कस्टमर सेवा का लाभ भी सीएससी पर उठाया जा सकता है। भारत बिल पे- भारत बिल पे सीएससी पर उपलब्ध महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है, जिसका उपयोग कर कोई भी व्यक्ति अपने किसी तरह के बिल का भुगतान कर सकते हैं, चाहे इलेक्ट्रिसिटी बिल हो, मोबाइल रिचार्ज हो, मोबाइल बिल पेमेंट हो, ब्रॉडबैंड एंड लैंडलाइन बिल पेमेंट हो, डीटीएच रिचार्ज हो, गैस बिल हो, वाटर बिल हो, सब कुछ एक ही जगह से सुरक्षित और भरोसेमंद ढंग से किया जा सकता है। पासपोर्ट सेवा- भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स ने सीएससी के साथ पार्टनरशिप किया है, जिसके तहत आम लोग सीएससी सेंटर से ही पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं, फीस का पेमेंट और अपने अपॉइंटमेंट को schedule कर सकते हैं। पैन कार्ड सेवा- सीएससी सेंटर के माध्यम से कोई भी व्यक्ति नए पैन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं, या अपने पुराने पैन कार्ड में किसी तरह के बदलाव के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। फास्टैग सेवाएं- 2020 से ही सभी तरह के चार पहिया वाहनों के लिए फास्ट टैग का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। जॉब एप्लीकेशन सर्विसेज- कई तरह की सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के लिए लोग सीएससी के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं साथ में गांव में काम करने वाले लोग अपना मनरेगा कार्ड भी सीएससी के माध्यम से बना सकते हैं। कृषि से जुड़ी सेवाएं- कृषि से जुड़ी कई तरह की सेवाओं का लाभ भी सीएससी पर उठाया जा सकता है जैसे कि अपनी फसल को बेचने के लिए जरूरी प्रबंध करवाना फसल का सही दाम जानना भूमि हेल्थ कार्ड बनवाना मौसम की सही जानकारी प्राप्त करना आदि। इंश्योरेंस सेवाएं- सभी तरह की गलती इंश्योरेंस सेवाओं का लाभ भी कॉमन सर्विस सेंटर पर उठाया जा सकता है किसानों को अपने फसलों का बीमा कराने के लिए भी अब कहीं और जाने की जरूरत नहीं होती है और किसान फसल बीमा योजना का लाभ भी सीएससी पर ही ले पाते हैं इलेक्शन कमिशन सर्विसेज- इलेक्शन कमिशन से जुड़ी कई तरह की सेवाएं जैसे कि वोटर लिस्ट में नाम जोड़ना या अपने वोटर आईडी में कोई सुधार करवाना आदि सेवाओं का लाभ भी सीएससी पर लिया जा सकता है। ट्रैवल बुकिंग सर्विसेज- अलग-अलग तरह की ट्रैवल बुकिंग जैसे कि बस टिकट ट्रेन टिकट हवाई जहाज टिकट की बुकिंग भी सीएससी से की जा सकती है। कोई व्यक्ति कैसे नया सीएससी खोल सकता है?कोई भी इच्छुक व्यक्ति जिसने कम से कम 10 वीं तक की पढ़ाई की है, और जिसे कंप्यूटर का बेसिक नॉलेज हासिल है, नए सीएससी के लिए VLE लिए यानी विलेज लेबल entrepreneur के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आपको नीचे बताए गए लिंक पर क्लिक करना होगा- register.csc.gov.in नया CSC (सीएससी) खोलने के लिए कम से कम 200 स्क्वायर फीट की जगह की जरूरत होती है और एक अच्छे कंफीग्रेशन के साथ कंप्यूटर जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी हो। सीएससी खोलकर कोई व्यक्ति खुद के लिए रोजगार हासिल कर सकता है और अपने आसपास के लोगों को भी इस डिजिटल माध्यम से बहुत सारी जरूरी सेवाओं को मुहैया करवा सकता है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि हर पंचायत में कम से कम एक कॉमन सर्विस सेंटर जरूर हो और आगे चलकर इसे हर गांव के स्तर पर खोलना है। CSC (सीएससी) के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें
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What is the full form of ADB ? |
Answer» ADB stands for Asian Development Bank. It is a regional development bank that is Asian in character. It was established to reduce poverty and foster economic growth and cooperation in Asia and the Pacific. It assists in the socio-economic development in member countries by providing loans, grants and technical assistance. It has 67 members, 48 of which are from Asia and Pacific region. It is headquartered at Mandaluyong, Philippines and as of July 2017, Takehiko Nakao is the president of ADB. Areas of FocusADB operations give emphasis on the following areas:
Brief History
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What is the full form of TDS (टीडीएस) ? |
Answer» TDS (टीडीएस) एक बहुत ही फेमस एक्रोनीम है, जिसके दो फुल फॉर्म काफी लोकप्रिय है Tax Deducted at Source (टैक्स डिडक्टेड अट सोर्स), और Total Dissolved Solids (टोटल डिसॉल्वड सॉलिड्स) दो सबसे फेमस फुल फॉर्म हैं, अब हम इनके बारे में बेसिक जानकारी हासिल करेंगे TDS (टीडीएस) फुल फॉर्म- टैक्स डिडक्टेड अट सोर्स (Tax Deducted at Source)टीडीएस से तात्पर्य उस स्रोत पर काटे गए कर से है जो प्रत्यक्ष कर है। सरकार द्वारा आयकर जमा करने के लिए कराधान प्रणाली में टीडीएस की शुरुआत की गई थी। इस तरह, यह कटौतीकर्ता को सुविधा प्रदान करता है क्योंकि यह स्वचालित रूप से काटा जाता है। इसलिए सरल शब्दों में, यह एक कर है जो एक नियोक्ता या सेवा खरीदार सरकार को भुगतान करता है, लेकिन कर्मचारी से एकत्र करता है। टीडीएस की गणना कैसे करें?अन्य सभी करों की तरह, टीडीएस भी एक जटिल प्रक्रिया है जब गणना करने की बात आती है। हालांकि इसे एक बार समझ लेने पर सब कुछ आसान हो जाता है। भुगतान के समय आपूर्तिकर्ता (चाहे माल या सेवा) से टीडीएस एकत्र किया जाता है। यही कारण है कि एक कर्मचारी और नियोक्ता संबंध होना चाहिए। टीडीएस तभी काटा जा सकता है जब कुल आय कर योग्य हो। टीडीएस दर जो आयकर स्लैब के समान है, यह है कि एक नियोक्ता एक कर्मचारी के वेतन पर टीडीएस की गणना कैसे करता है। औसत आयकर दर = आयकर देय (स्लैब दरों द्वारा गणना की गई) / कर्मचारी की अनुमानित आय जो वित्तीय वर्ष है। TDS (टीडीएस) के फायदेTDS (टीडीएस) सरकार के लिए कर को राजस्व के रूप में एकत्र करने का एक तरीका है। सरकार इस आय का उपयोग अपनी जनता पर खर्च करने के लिए करती है। टीडीएस सरकार के राजस्व में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और करदाताओं को कर धोखाधड़ी से बचाने में मदद करता है। टीडीएस प्रणाली के कुछ लाभ इस प्रकार हैं –
टीडीएस का नुकसानTDS (टीडीएस) एक कर है, इसलिए यह करदाताओं और सरकार दोनों के लिए अच्छा होगा। अभी भी यहाँ कुछ समस्याएं हैं TDS लाता है –
अब आइये जानते हैं TDS का दूसरा फुल फॉर्म TDS (टीडीएस)- Total Dissolved Solids (टोटल डिसॉल्वड सॉलिड्स)पानी में टीडीएस TDS (टीडीएस) को टोटल डिसॉल्वड सॉलिड्स के रूप में परिभाषित किया गया है, जो पानी में किसी भी धातु, नमक, उद्धरण या खनिजों को संदर्भित करता है। सरल शब्दों में, TDS पानी में घुलने वाले मोबाइल आवेशित आयनों की मात्रा है। इसे मिलीग्राम की इकाइयों में पानी की प्रति इकाई मात्रा या पीपीएम (भागों प्रति मिलियन) में मापा जाता है। सही टीडीएस के साथ पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अधिकांश घरों में आज आरओ जल शोधक (RO water purifier) का उपयोग किया जाता है।
TDS (टीडीएस) का मानव पर प्रभावक्या TDS का सेवन करना हानिकारक है? वैसे, पानी में टीडीएस की उचित मात्रा हानिकारक नहीं है। वास्तव में, पानी का एक टीडीएस परीक्षण सौंदर्यशास्त्र का एक संकेतक है। टीडीएस का बेहतर स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए बुरा नहीं है लेकिन नाइट्रेट, कॉपर और लेड जैसे कुछ आयनों की बढ़ती मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। पानी में टीडीएस की मात्रा के विभिन्न स्तर हैं जो उपभोग के लिए अच्छा है इसलिए उच्च स्तर का टीडीएस हानिकारक है। अधिक मात्रा में विभिन्न रोग हो सकते हैं जैसे मतली, चकत्ते, उल्टी, चक्कर आना, फेफड़ों में जलन आदि। इसलिए किसी को भी अधिक समय तक एक्सट्रा टीडीएस वाला पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह शरीर को लिवर, किडनी की बीमारियों आदि जैसी पुरानी बीमारियों से बचाता है। घर पर पानी के टीडीएस का परीक्षण कैसे करें?आज, आधुनिक मशीनों के साथ, घर पर बहुत आसानी से कोई भी अपने घर पर आने वाले पानी के टीडीएस स्तर की जांच कर सकता है। ₹ 300 से that 500 तक कई अच्छी TDS परीक्षण मशीनें उपलब्ध हैं, ताकि घर पर पानी की गुणवत्ता की जाँच की जा सके। आप इस टीडीएस लेवल चेकिंग मशीन को ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। जैसे कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट से टीडीएस के परीक्षण की प्रक्रिया भी बहुत आसान है, बस आपको इस मशीन की टोपी को निकालना होगा और उस टोपी में जिस पानी का आप परीक्षण करना चाहते हैं उसे डालना है, फिर मशीन के सिरे को उस टोपी के पानी में डालना है। यह आपको आपके पानी की सही टीडीएस रीडिंग बताएगा। सही टीडीएस के साथ पीने का पानी कैसे प्राप्त करें?यदि आप सही टीडीएस के साथ पीने का पानी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आरओ वॉटर प्यूरीफायर खरीदना सबसे अच्छा तरीका है, हालांकि आरओ वॉटर प्यूरीफायर की कीमत आज भी बहुत अधिक है और यह 5000 से 15000 के बीच उपलब्ध है। आज बाजार में सैकड़ों ब्रांड के वाटर प्यूरीफायर उपलब्ध हैं, और अगर आप वाटर प्यूरीफायर ऑनलाइन खरीदते हैं तो आप कुछ पैसे बचा सकते हैं। क्या 30 TDS (टीडीएस) वाला पानी पीना सुरक्षित है?जैसा कि बीएसआई (BSI) सुझाव देता है कि उपभोग करने के लिए TDS की एक आदर्श मात्रा 300mg / L से कम है और 600mg / L की अत्यधिक मात्रा हानिकारक है। इस तरह पानी में 30 TDS (टीडीएस)की मात्रा को मध्यम गुणवत्ता माना जाता है। चार्ट के नीचे देखें – Good – 300-600 Fair – 600-900 Poor – 900-1200 Harmful – 1200< क्या कम टीडीएस वाला पानी हानिकारक है?नहीं, कम टीडीएस वाला पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। दूसरे शब्दों में, किसी भी कम टीडीएस का पानी प्राकृतिक या उपचार प्रक्रिया से गुजरा है जो मानव शरीर और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
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What is the full form of IMF (आईएमएफ) ? |
Answer» IMF (आईएमएफ) का फुल फॉर्म या मतलब International Monetary Fund (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) होता है |
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