

FULLFORMDEFINITION
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your Miscellaneous full forms knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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What is the full form of ADCA (एडीसीए) ? |
Answer» ADCA (एडीसीए) का मतलब या फुल फॉर्म Advance Diploma in Computer Applications (एडवांस डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन) होता है जैसा कि हम जानते हैं आज का युग कंप्यूटर और इंटरनेट का है, और ऐसे समय में जो छात्र 10वीं या 12वीं से पहले कंप्यूटर से रिलेटेड कोई कोर्स नहीं कर पाते हैं, उन सभी के बीच आज एडीसीए कोर्स यानी कि एडवांस डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन बहुत ज्यादा फेमस हो रहा है एडीसीए कोर्स की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी छात्र कर सकता है चाहे वह दसवीं पास हो या ग्रेजुएशन कर चुका हो आज हर सेक्टर में कंप्यूटर का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, और जो छात्र या जो काम करने वाले लोग कंप्यूटर का नॉलेज नहीं रखते हैं, उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो उन सभी लोगों या छात्रों के लिए एडीसीए कोर्स बहुत मददगार साबित हो रहा है, और यह कोर्स उनको कंप्यूटर ऑपरेशन और कंप्यूटर पर रोजमर्रा के सभी काम को करने लायक, सभी नॉलेज प्रदान कर देता है कुछ समय पहले तक लोग डीसीए यानी डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स कर रहे थे, लेकिन अब साथ में ADCA कोर्स, जो की DCA से काफी एडवांस है, शुरू कर दिया गया है आज बहुत सारे युवा, छात्र और काम करने वाले लोग हैं, जिन्हें कंप्यूटर सीखने की बहुत इच्छा है, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि उन्हें शुरुआत कहां से करनी है तो उन सभी लोगों के लिए एडीसीए कोर्स एक बहुत ही बेहतरीन कोर्स है, जहां उन्हें कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स को जीरो लेवल से शुरू कर सिखलाया जाता है एडीसीए (ADCA) कोर्स क्या है?एडीसीए एक बेसिक कंप्यूटर डिप्लोमा कोर्स है जिसे कोई भी छात्र दसवीं पास करने के बाद कंप्यूटर फील्ड का एक बेसिक नॉलेज प्राप्त करने के लिए कर सकता है यह कोर्स किसी छात्र का कंप्यूटर के फील्ड में पहला कोर्स हो सकता है, जिसके बाद वह कंप्यूटर के सेक्टर में नौकरी करना शुरू कर सकता है, या कंप्यूटर और आईटी सेक्टर में और कोर्सेज कर अपने कैरियर को अच्छे मुकाम पर ले जा सकता है आज बहुत बड़ी संख्या में छात्रों के साथ-साथ उम्रदराज लोग भी एडीसीए यानी एडवांस डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स कर रहे हैं और खुद को कंप्यूटर लिटरेट बना रहे हैं एडीसीए (ADCA) कोर्स के लिए एलिजिबिलिटीएडीसीए कोर्स ज्वाइन करने के लिए मिनिमम योग्यता दसवीं है मतलब दसवीं पास कोई भी छात्र इस कोर्स को ज्वाइन कर सकता है तो यहां मैं आपको बताता चलूं कि अगर कोई छात्र 12वी या ग्रेजुएशन के बाद भी एडीसीए कोर्स करना चाहे, तो वह कर सकते हैं एडीसीए कोर्स के लिए एक छात्र की उम्र कम से कम 14 साल होनी चाहिए और अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं बताई गई है adca कोर्स की अवधिएडीसीए कोर्स 12 महीने का, मतलब 1 साल का होता है, जिसके दौरान छे छे महीने के 2 सेमेस्टर होते हैं किनको एडीसीए कोर्स करनी चाहिएवैसे तो एडीसीए कोर्स एक कंप्यूटर का बेहतरीन बेसिक कोर्स है जिसे कोई भी छात्र जिसने दसवीं पास कर ली है कर सकते हैं लेकिन अगर किसी छात्र ने दसवीं तक कंप्यूटर से रिलेटेड कोई भी पढ़ाई नहीं की है, तो छात्र को जरूर यह कोर्स कर लेनी चाहिए, क्योंकि आगे वह किसी भी फील्ड में कोई भी कोर्स करेंगे, तो उनका यह कंप्यूटर ज्ञान उनको उनके सब्जेक्ट्स को समझने, और इंटरनेट के माध्यम से बेहतर सीखने में काफी मददगार साबित होगा साथ ही जो लोग हायर एजुकेशन कर रहे हैं और फिर भी अभी तक उनको कंप्यूटर का ज्यादा ज्ञान नहीं है तो उन छात्रों को भी यह कोर्स कर लेनी चाहिए ADCA पाठ्यक्रम के दौरान छात्र क्या सीखते हैं?एडीसीए के 1 साल के कोर्स के दौरान छात्रों को कंप्यूटर बेसिक से लेकर बेसिक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग तक की नॉलेज दी जाती है पहले सेमेस्टर के सब्जेक्ट
दूसरे सेमेस्टर के सब्जेक्ट
एडमिशन की प्रक्रियाअधिकतर इंस्टिट्यूट आपको सीधे डायरेक्ट एडमिशन दे देते हैं, और परसेंटेज क्राइटेरिया भी सिंपल ही रहता है, मतलब १०थ पास कर चुके स्टूडेंट्स, इस कोर्स के लिए ज्वाइन कर सकते हैं एडीसीए कोर्स के लिए कुछ अच्छे इंस्टिट्यूटएडीसीए कोर्स के लिए आज सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के अलावा, कई तरह के प्राइवेट इंस्टिट्यूट में उपलब्ध है छात्र जब भी इस कोर्स में एडमिशन ले तो उनको दो बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए-
यहां कुछ अच्छे एडीसीए इंस्टिट्यूट का नाम बताया गया है-
एडीसीए कोर्स के लिए ट्यूशन फीसएडीसीए कोर्स के लिए ट्यूशन अधिकतर कॉलेज में ₹5000 से ₹20000 तक होता है वही कुछ प्राइवेट कॉलेज ₹50000 तक भी इस कोर्स के लिए फीस लेते हैं जॉब प्रोफाइलएडीसीए कोर्स के बाद आप एक अच्छी सैलरी की उम्मीद कर सकते हैं या फिर अगर आप पहले से नौकरी कर रहे हैं तो उसमें तरक्की की उम्मीद कर सकते हैं इस कोर्स के बाद छात्रों को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने का मौका मिलता है, जहां उन्हें निम्न प्रोफाइल मिल सकता है-
एडीसीए कोर्स के बाद छात्रों को शुरुआती सैलरी 7 से ₹10000 तक की मिल सकती है जो एक्सपीरियंस के साथ और उनके स्किल डेवलपमेंट के साथ बढ़ सकता है
कंप्यूटर में Pgdca का फुल फॉर्म क्या है?PGDCA का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए भी उपयोगी है, जो इग्नू से एमसीए करना चाहते हैं, और 12 वीं या स्नातक के दौरान गणित के पेपर का अध्ययन नहीं किया है। |
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What is the full form of B. Ed (बीएड) ? |
Answer» B.Ed (बीएड) का फ़ुल फ़ॉर्म बैचलर ऑफ एजुकेशन होता है। B.Ed का फुल फॉर्म आपको यहां पता चल गया, कि बैचलर ऑफ एजुकेशन होता है , B.Ed या बैचलर ऑफ एजुकेशन टीचर ट्रेनिंग का कोर्स है जिसको करने के बाद आप टीचर बनने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। एनसीईआरटी के नियम के अनुसार अगर आप किसी भी लेवल पर टीचर बनना चाहते हैं तो आपको टीचर ट्रेनिंग कोर्स करना जरूरी होता है। अलग अलग लेवल के लिए अलग अलग तरह का टीचर ट्रेनिंग कोर्स करना होता है। अगर आप हायर सेकेंडरी लेवल तक के बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको B.Ed करना जरूरी होता है। टीचर की नौकरी एक ऐसा नौकरी होता है जिसमें आपको अच्छी सैलरी के साथ-साथ बहुत सारा रिस्पेक्ट भी मिलता है, और आपका यह सपना पूरा करने में B.Ed कोर्स आपकी मदद करता है। बी एड कोर्स के दौरान छात्र क्या सीखते हैं?बहुत सारे लोगों को, बच्चों को पढ़ाना एक बहुत ही आसान काम मालूम पड़ सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं है। बच्चों को उनके लेवल पर जाकर पढ़ाना मन को समझा पाना एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया होती है। इसलिए इस कोर्स के दौरान आपको सीख लाया जाता है कि आप कैसे बच्चों को समझ सकते हैं कैसे कोई भी विषय उनको बेहतर समझा सकते हैं। मतलब यह हुआ कि इस कोर्स के दौरान आपको पढ़ाया जाता है कि बच्चों को पढ़ाना कैसे हैं। B.Ed कोर्स कितने साल होता हैB.Ed कोर्स b.com/tag/2-236987">2 साल का होता है जिसे कोई भी स्टूडेंट ग्रेजुएशन करने के बाद कर सकता है। लेकिन b.com/tag/b.com/tag/2-236987">2018-b.com/tag/2-236987">28b.com/tag/4-b.com/tag/2-236987">238406">46">b.com/tag/2-236987">2018 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा B.Ed कोर्स को और ज्यादा प्रोफेशनल बनाने के लिए, कोर्स को b.com/tag/4-b.com/tag/2-236987">238406">4 साल के इंटीग्रेटेड कोर्स में बदलने का फैसला किया गया। 4 साल के इंटीग्रेटेड कोर्स के अंतर्गत आपके पास ऑप्शन होता है कि आप BA , बीएसई या बीकॉम के साथ बीएड कोर्स भी कर सकते हैं । अभी २ साल के बीएड कोर्स को बंद नहीं किया गया है, ताकि जो स्टूडेंट्स अपना ग्रेजुएशन कर चुके है, वे भी अपना बीएड कर सके। अगर आप अभी ट्वेल्थ में है और B.Ed कोर्स में इंटरेस्टेड हैं तो आपके लिए इंटीग्रेटेड कोर्स करना ज्यादा बेहतर रहेगा।
बीएड कोर्स के लिए पात्रता (Eligibility)-अगर आप ग्रेजुएशन के बाद B.Ed करना चाहते हैं तो उसके लिए पात्रता , कम से कम 50 परसेंट ग्रेजुएशन में होना चाहिए। एससी एसटी और फिजिकली हैंडिकैप्ड लोगों के लिए पांच परसेंट का कंसेशन दिया जाता है। वहीं अगर आप b.com/tag/4-b.com/tag/2-236987">238406">4 साल का इंटीग्रेटेड B.Ed कोर्स करना चाहते हैं तो आप आपका 1b.com/tag/2-236987">2th में परसेंटेज कम से कम 50 होना चाहिए। यहां भी एससी एसटी और फिजिकल हैंडिकैप्ड लोगों को पांच परसेंट का रिलैक्सेशन मिलता है। बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स के विकल्प- बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) + बीएड = b.com/tag/4-b.com/tag/2-236987">238406">4 साल बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) + बीएड = b.com/tag/4-b.com/tag/2-236987">238406">4 साल बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी कॉम) + बीएड = b.com/tag/4-b.com/tag/2-236987">238406">4 साल
बीएड कोर्स के अंतर्गत स्पेशलाइजेशन-B.Ed कोर्स के अंतर्गत बहुत सारे स्पेशलाइजेशन मौजूद हैं जिनमें से आप किसी एक को चुन सकते हैं
B.Ed कोर्स ऐडमिशन प्रोसीजर-B.Ed कोर्स में आपको दो तरह से एडमिशन मिल सकता है पहला डायरेक्ट एडमिशन और दूसरा एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू अधिकतर प्राइवेट कॉलेज में आपको सीधे ऐडमिशन आपके मार्क के बेसिस पर मिल जाएगा। लेकिन सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम लिखना होगा। टॉप के एंट्रेंस एग्जाम बी एड कोर्स में एडमिशन के लिए निम्न है-
बी.एड कोर्स की फीस-B.Ed कोर्स के लिए कोर्स 5 हजार पर ईयर से लेकर 100000 पर ईयर तक भी हो सकता है । भारत में शीर्ष B. Ed कॉलेज-
बीएड कोर्स के बाद करियर विकल्प-B.Ed कोर्स करने के बाद आपके पास कैरियर के कई ऑप्शन होते हैं, जैसे कि आप हायर एजुकेशन के लिए जा सकते हैं, या फिर नौकरी के लिए जा सकते हैं । अगर आप जॉब करना चाहते हैं तो टीचर की नौकरी के अलावे भी आपके पास कई ऑप्शंस होते हैं- टीचर – अगर आप टीचर की नौकरी करना चाहते हैं तो उसके बहुत सारे मौके होते हैं टीचर के रूप में आप का मुख्य काम छात्रों को पढ़ाना होता है। लायब्रेरीयन- B.Ed करने के बाद आपके पास लाइब्रेरियन के रूप में काम करने का भी मौका होता है। जहां आपको लाइब्रेरी को सही ढंग से मैनेज करना होता है यहां भी आप डेढ़ से ₹300000 पर साल तक कमा सकते हैं। काउन्सिलर – बहुत सारे लोगों को B.Ed करने के बाद काउंसलर के रूप में नौकरी मिल जाता है जहां उनका काम बच्चों का काउंसलिंग करना होता है ।
B.Ed करने के बाद अगर आप प्राइवेट स्कूल में नौकरी करना चाहते हैं तो आप सीधे ज्वाइन कर सकते हैं । जैसे- TET – Teacher Eligibility Test
मुझे उम्मीद है कि बीएड के पूर्ण रूप के बारे में यह लेख, आपको बैचलर ऑफ आर्ट्स कोर्स को समझने में मदद करेगा। बीएड कोर्स की पूरी हिंदी में पढ़ने के लिए विज़िट करे। , बैचलर ऑफ़ एजुकेशन कोर्स के बारे में पूरी जानकारी English में जानने के लिए कैरियर कनेक्शन पर जाएँ। |
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What is the full form of B.Tech (बीटेक) ? |
Answer» B.Tech (बीटेक) का फुल फॉर्म या मतलब Bachelor of Technology (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) होता है। बीटेक एक 4 साल का अंडर ग्रेजुएट कोर्स है, जिसे करने के बाद स्टूडेंट को इंजीनियर की उपाधि मिल जाती है। इसी कोर्स को बीई यानी बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग या इंजीनियरिंग भी कहते हैं। बीटेक एक टेक्निकल कोर्स है जिसके दौरान छात्र अपने मनपसंद फील्ड के बारे में सब कुछ सीखते हैं। तो जो स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग के फील्ड में अपना कैरियर बनाने में इंटरेस्टेड हैं उनको बी टेक कोर्स करनी चाहिए। जैसा कि आप जानते हैं इंजीनियरिंग का मतलब है कुछ नया करना, तो अगर आप भी कुछ नया करने में इंटरेस्टेड है, तो आपको बी टेक कोर्स ज्वाइन करना चाहिए। इस कोर्स के दौरान आपको प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल मेथड से, आपके ब्रांच से जुड़ी सारी टेक्निकल बातें पढ़ाई जाती हैं। B.Tech (बीटेक) / इंजीनियरिंग के लिए पात्रताकोई भी स्टूडेंट अगर बीटेक करना चाहता है तो उसे निम्न शर्तों को पूरा करना होता है-
B.Tech (बीटेक) कोर्स में प्रवेशअगर कोई छात्र भारत में बीटेक कोर्स करना चाहता है, तो वह दो तरीकों से किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक कोर्स में प्रवेश ले सकता है-
बीटेक प्रवेश के लिए शीर्ष प्रवेश परीक्षा
बीटेक के लोकप्रिय शीर्ष शाखाएँइंडिया में 50 से भी ज्यादा बीटेक के ब्रांचेज पढ़ाए जाते हैं, जिनमें से प्रमुख निम्न है
बीटेक के टॉप कॉलेजइंडिया में 5000 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जिनमें अधिकतर प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, कुछ प्रमुख फेमस इंजीनियरिंग कॉलेजेस के नाम निम्न है-
बीटेक कोर्स फीसबीटेक कोर्स के लिए ट्यूशन फीस अलग-अलग कॉलेजेस के लिए अलग-अलग होता है, जहां सरकारी कॉलेजेस का ट्यूशन फीस कम होता है, वहीं प्राइवेट कॉलेज का ट्यूशन फीस ज्यादा होता है। इंडिया में बीटेक कोर्स का ट्यूशन फीस 40000 पर ईयर से लेकर 500000 per year भी हो सकता है जो पूरी तरह कॉलेज और ब्रांच के ऊपर डिपेंड करता है।
बीटेक कोर्स का स्कोपअगर किसी स्टूडेंट ने एक अच्छे कॉलेज से अच्छे ढंग से पढ़ाई किया है, तो वह एक अच्छे भविष्य की उम्मीद कर सकता है। बीटेक करने के बाद एक अच्छी नौकरी अच्छी सैलरी के साथ मिलना बहुत आसान हो जाता है अधिकतर स्टूडेंट्स को एक अच्छी नौकरी मिल जाती है और कुछ को तो करोड़ों ke package में भी प्लेसमेंट मिला है।। बहुत सारे स्टूडेंट, इंजीनियरिंग करने के बाद आगे मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी मतलब एमटेक कोर्स भी करते हैं, ताकि वह रिसर्च के field me जा सके।
बी.टेक कोर्स के बाद भूमिकाएँ-B.tech पाठ्यक्रम के बाद अधिकांश छात्रों को निम्नलिखित भूमिकाएँ मिल रही हैं-
B.tech में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है?बीटेक के सारे कोर्स ही अच्छे हैं, और डिमांड में है इसीलिए चल रहे हैं । |
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What is the full form of BBA(बीबीए) ? |
Answer» बीबीए(BBA) का पूर्ण रूप या फ़ुल फ़ॉर्म बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन है। बीबीए या बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन 3 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है, जिसे कोई भी छात्र 12 वीं पास करने के बाद कर सकता है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह पाठ्यक्रम व्यवसाय और व्यवसाय को संचालित करने से संबंधित है। बीबीए कोर्स के दौरान, छात्रों को विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके किसी भी व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने का तरीका सिखाया जाता है। इस 3-वर्षीय पाठ्यक्रम के दौरान, छात्रों को किसी भी व्यवसाय को ठीक से चलाने, लाभप्रद रूप से चलाने के लिए सक्षम बनाया जाता है। यह एक अत्यधिक नौकरी उन्मुख पाठ्यक्रम है, जिसके बाद एक अच्छी नौकरी और एक अच्छा पैकेज प्राप्त करने की बहुत संभावना है। कई छात्र इस कोर्स को करने के बाद अपना स्टार्टअप शुरू करते हैं ,और इसमें सफलता प्राप्त करते हैं। क्योंकि उन्हें पाठ्यक्रम के दौरान बहुत सारी व्यावसायिक बुनियादी बातें सिखाई गई होती हैं।
आजकल, बहुत से लोग जो पहले इंजीनियरिंग को सर्वश्रेष्ठ करियर विकल्प मानते थे, उनका रुझान बीबीए कोर्स की ओर बढ़ रहा है। बीबीए कोर्स के लिए पात्रता-कोई भी छात्र जिसने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं या इंटरमीडिएट पास किया है, बीबीए कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है। बीबीए के तहत विशेषज्ञताबीबीए पाठ्यक्रम के तहत विशेषज्ञता निम्नलिखित है, एक छात्र अपनी रुचि के अनुसार चुन सकता है-
बीबीए कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया-भारत में कई कॉलेज हैं जहां आपको सीधे 12 वीं के अंकों के आधार पर बीबीए कोर्स में डायरेक्ट एडमिशन मिलेगा। कई शीर्ष कॉलेज भी हैं जहां आपको प्रवेश परीक्षा लिखने और पास करने की आवश्यकता होती है। बीबीए प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा-बीबीए प्रवेश के लिए शीर्ष प्रवेश परीक्षा निम्नलिखित हैं- यूजीटीआई – (एआईएमए) अखिल भारतीय प्रबंधन संघ द्वारा भारत भर के टॉप बीबीए कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए। बीबीए कोर्स की अवधि-बीबीए कोर्स की अवधि 3 वर्ष है, जिसे 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। बीबीए कोर्स के लिए ट्यूशन फीस-बीबीए कोर्स के लिए ट्यूशन फीस प्रति वर्ष 10 हजार से शुरू होती है और प्रति वर्ष 1 लाख तक जाती है। सरकारी कॉलेज की फीस कम है, जबकि प्राइवेट कॉलेज की फीस ज्यादा है।
बीबीए कोर्स के दौरान छात्र क्या सीखते हैं-बीबीए कोर्स के दौरान, आपको सभी कौशल सिखाए जाते हैं ताकि आप एक व्यवसाय को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकें और लाभ में चल सकें।
बीबीए धारक बिजनेस ग्रोथ में कैसे मदद कर सकता है-बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से स्नातक व्यक्ति निम्नलिखित तरीकों से एक व्यवसाय विकसित करने में मदद कर सकता है-
बीबीए कोर्स के बाद नौकरियां-बीबीए कोर्स करने के बाद, आप लगभग सभी क्षेत्रों में नौकरी कर सकते हैं। आप बैंकिंग क्षेत्र, उत्पादन क्षेत्र, आईटी क्षेत्र, शैक्षिक क्षेत्र, परिवहन क्षेत्र और अन्य में काम कर सकते हैं। बीबीए के लिए शीर्ष भर्तीकर्ता हैं- एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, एलएंडटी, इंफोसिस, एएआई, भारतीय रेलवे और अन्य। वेतन- बीबीए कोर्स शुरू करने के बाद, आप शुरुआती वेतन ₹ 1.5 lakh से but 3 lakh तक पा सकते हैं, लेकिन अनुभव के साथ, आपका वेतन जल्द ही बढ़ जाएगा।
विषय –बीबीए कोर्स के दौरान अध्ययन करने के लिए मुख्य विषय निम्नलिखित हैं-
बीबीए कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज-भारत भर में बीबीए के लिए कुछ शीर्ष कॉलेजों की सूची-
दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि मैं आपको BBA फुल फॉर्म इन हिंदी के बारे में बुनियादी लेकिन महत्वपूर्ण जानकारी दे पाया। यदि आपके पास हमारी ओर से कोई सुझाव या प्रश्न हैं, तो आप हमारे एक्स्पर्ट से पूछ सकते हैं। अगर आप BBA का full form English में पढ़ना चाहते हैं, तो जाएँ- fullform.website Related course full form- ITI full form in Hindi B.ED full form in Hindi BA full form in Hindi |
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What is the full form of BA (बीए) ? |
Answer» BA (बीए) का फ़ुल फ़ॉर्म क्या है? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, जो कई लोगों द्वारा पूछा जाता है। बीए दो प्रसिद्ध पूर्ण रूपों के साथ एक प्रसिद्ध एक्रोनिम है। पहला बैचलर ऑफ आर्ट्स है जो एक अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए उपयोग किया जाता है, और दूसरा एक एयरलाइन है जिसे ब्रिटिश एयरवेज कहा जाता है। इसलिए, हम यहां इस बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। BA (बीए) – बैचलर ऑफ आर्ट्सबीए या बैचलर ऑफ आर्ट 3 साल का एक अंडर ग्रैजुएट कोर्स है जिसमें आर्ट्स से जुड़े सब्जेक्ट्स जैसे कि हिस्ट्री हिंदी कॉमिक्स साइकोलॉजी फिलॉस्फी सोशल साइंस आदि के बारे में पढ़ना होता है। इस कोर्स में आपको आर्ट्स सब्जेक्ट का डीप नॉलेज दिया जाता है। जैसे कि अगर आपने हिस्ट्री सब्जेक्ट choose किया है, अपने b.a. के दौरान, तो आपको हिस्ट्री के बारे में सब कुछ पढ़ना होगा जैसे इंडियन हिस्ट्री वर्ल्ड हिस्ट्री इत्यादि। मतलब यह हुआ कि आपने जो भी सब्जेक्ट choose किया होगा उसके बारे में आपको एक अच्छा नॉलेज हासिल हो जाएगा। हमारे एजुकेशन सिस्टम में एक बहुत ही गलत धारणा बनी हुई है कि, जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं या इंटर में कम स्कोर करते हैं वही ग्रेजुएशन में आर्ट्स से लेकर पढ़ाई करते हैं, जो कि बिल्कुल सही नहीं है। छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार अपने विषय का उपयोग करना चाहिए और इसका सबसे अच्छा उदाहरण बैचलर ऑफ आर्ट्स कोर्स है। मध्यांतर के बाद, छात्रों के पास इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन और बहुत कुछ जैसे कैरियर के बहुत सारे विकल्प हैं। उनमें से, बीए पाठ्यक्रम भी बहुत महत्वपूर्ण है और एक कैरियर को नई ऊंचाई पर ले जाने का एक विकल्प है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में शीर्ष परीक्षा, जो यूपीएससी या लोक सेवा आयोग है, कई बच्चे जो इसके लिए अर्हता प्राप्त करते हैं, वे कला पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं। बीए- कला स्नातक पाठ्यक्रम के लिए पात्रता-बैचलर ऑफ आर्ट्स कोर्स के लिए बेसिक योग्यता 12 वीं पास होना जरूरी है। यदि आपने किसी विषय से 12 वीं पास की है, तो आप बैचलर ऑफ आर्ट्स कोर्स के लिए योग्य हैं। प्रवेश प्रक्रिया-इस कोर्स के लिए, आपको अपने 12 वीं के अंकों के आधार पर अधिकांश कॉलेजों में सीधे प्रवेश मिलता है। कुछ शीर्ष कॉलेज हैं जो या तो आपके व्यक्तिगत साक्षात्कार का संचालन कर सकते हैं या प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकते हैं, ट्यूशन शुल्क-इस कोर्स के लिए शिक्षण शुल्क नगण्य है क्योंकि अधिकांश कॉलेज सरकार द्वारा संचालित हैं। भारत में उपलब्ध बीए पाठ्यक्रम-भारत में उपलब्ध प्रसिद्ध बीए पाठ्यक्रम निम्नलिखित हैं-
बीए – बैचलर ऑफ आर्ट्स कोर्स के बाद कैरियर विकल्प –बैचलर ऑफ आर्ट्स कोर्स करने के बाद करियर के कई विकल्प हैं, जैसे कि छात्र नौकरी के लिए जा सकता है, अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है या इस कोर्स को करने के बाद उच्च अध्ययन के लिए जा सकता है। प्रमुख भूमिका – अध्यापक बीए कोर्स के बाद वेतन-अगर आपने ठीक से पढ़ाई की है तो बीए कोर्स करने के बाद आपको अच्छा वेतन मिल सकता है। अगर आपको अपने विषय की अच्छी जानकारी है तो सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में अच्छी नौकरी हर जगह उपलब्ध है।और वहां आपको बहुत अच्छा वेतन मिल सकता है। बीए कोर्स करने वालों के अचीवेमेंट्स –आज जब आप अपने आसपास देखेंगे तो पाएंगे कि बहुत सारे गवर्नमेंट ऑफिशल्स जो हायर पोस्ट पर हैं, उन्होंने बीए कोर्स ही किया है। बहुत सारे बिजनेसमैन को आप देखेंगे तो उन्होंने आर्ट्स सब्जेक्ट को लेकर पढ़ाई किया है। आज आप अपने टेलीविजन पर जितने भी न्यूज़ एंकर देखते हैं सबने लगभग सब ने आर्ट्स सब्जेक्ट से ही पढ़ाई किया है। भारत के कुछ शीर्ष बीए कॉलेजों की सूची-लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन, नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय डीयू की आधिकारिक वेबसाइट- यहां क्लिक करें
बीए- ब्रिटिश एयरवेज (British Airways)बीए – ब्रिटिश एयरवेज का फ़ुल फ़ॉर्म है। यह भी बीए का एक बहुत प्रसिद्ध पूर्ण रूप है। ब्रिटिश एयरवेज इंग्लैंड (यूके) की फ़्लैग कैरीअर एयरलाइन है। इसका मुख्यालय लंदन हीथ्रो हवाई अड्डे के पास वॉटर साइड में है। यह बेड़े के आकार और यात्री गाड़ी के मामले में इंग्लैंड में दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है। यह एयरलाइन कंपनी बेहतर यात्री सेवा देने के साथ-साथ बहुत अधिक मुनाफा कमा रही है, और इस कंपनी के नाम कई रिकॉर्ड हैं। ब्रिटिश एयरवेज के बारे में मुख्य बातें-
ब्रिटिश एयरवेज की आधिकारिक वेबसाइट- यहां क्लिक करें
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What is the full form of BCA (बीसीए) ? |
Answer» BCA (बीसीए) का मतलब या फुल फॉर्म Bachelor of Computer Application (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) होता है। बीसीए 3 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स है जिसके दौरान स्टूडेंट कंप्यूटर और आईटी से रिलेटेड गहन नॉलेज प्राप्त करते हैं। इस कोर्स के दौरान स्टूडेंट कंप्यूटर से रिलेटेड सभी इंपॉर्टेंट एरियाज के बारे में पढ़ते हैं जैसे कि बेसिक प्रोग्रामिंग बेसिक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग।
जो स्टूडेंट कंप्यूटर के फील्ड में नॉलेज प्राप्त करना और आगे अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए यह बेहतरीन कोर्स है। बीसीए कोर्स कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के बाद सबसे अच्छा कंप्यूटर से रिलेटेड कोर्स है जो कंप्यूटर और आईटी सेक्टर का अच्छा नॉलेज और अच्छी नौकरी की गारंटी देता है। आज बहुत सारे लोग यहां तक भी मानते हैं, कि बीसीए कोर्स करना, और कंप्यूटर साइंस से रिलेटेड किसी ब्रांच से इंजीनियरिंग करना, दोनों लगभग बराबर ही है। बीसीए के लाभ बीसीए कोर्स आज बहुत ज्यादा फेमस, और बहुत सारे स्टूडेंट जिनको कंप्यूटर के फील्ड में इंटरेस्ट है, का पहला चॉइस बनता जा रहा है, क्योंकि यह कोर्स करने के बाद कोई स्टूडेंट कंप्यूटर फील्ड से रिलेटेड लगभग सभी प्रकार का काम कर सकता है। इसीलिए बहुत सारी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी इस कोर्स को प्रमोट कर रही है, और सरकारी कॉलेज में इस कोर्स के लिए फीस बहुत कम रखा जाता है ,ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्किल्ड बनाया जा सके। BCA (बीसीए) पाठ्यक्रम पात्रताबीसीए कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया बहुत ही आसान है, कोई भी एक स्टूडेंट जिसमें मिनिमम 45% मार्क्स के साथ ट्वेल्थ पास किया है, यह कोर्स ज्वाइन कर सकता है (आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए 40%)। बीसीए कोर्स की एक अच्छी बात यह भी है कि इसमें साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स लेकर 12th कर चुके सभी एक्सीडेंट ज्वाइन कर सकते हैं। जिन स्टूडेंट्स ने 10th के बाद कोई डिप्लोमा कोर्स कर लिया है वे भी बीसीए कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं।
बीसीए पाठ्यक्रम प्रवेश प्रक्रियाबीसीए कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया दो तरह की हो सकती है एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू या डायरेक्ट ऐडमिशन बीसीए कोर्स के लिए सीधा प्रवेश- पूरे इंडिया में आज बहुत सारे ऐसे कॉलेज हैं जहां आपको bca कोर्स के लिए डायरेक्ट एडमिशन, आपके ट्वेल्थ मार्क के बेसिस पर मिल जाता है, यह एडमिशन प्रक्रिया फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व बेसिस पर होती है। प्रवेश परीक्षा के माध्यम से बीसीए में प्रवेश- बहुत सारे प्राइवेट और सरकारी बीसीए कॉलेज हैं जहां बीसीए कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के स्कोर के आधार पर मिलता है। कुछ फेमस बीसीए एंट्रेंस एग्जाम निम्न है-
BCA पाठ्यक्रम के दौरान छात्र क्या अध्ययन करते हैं?बीसीए कोर्स के दौरान छात्रों को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के दौरान, छात्रों को कंप्यूटर से संबंधित ज्यादातर पेपर पढ़ना पड़ता है, जैसे- अलग-अलग भाषा (C, C ++, JAVA), वेब डेवलपमेंट, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, वेब सिक्योरिटी आदि। इस पाठ्यक्रम के दौरान, प्रबंधन या विपणन के विषयों को अलग-अलग कंप्यूटर पेपरों के अलावा पढ़ा जाता है। टॉप कॉलेजेस
कैरियर संभावना
बीसीए पाठ्यक्रम लेने के बाद, एक अच्छे करियर की कई संभावनाएं हैं, कई भूमिकाएं हैं जिनमें से किसी को काम करने का मौका मिल सकता है। वेब डेवलपर- बीसीए कोर्स करने के बाद, कई छात्र वेब डेवलपर के रूप में कार्यरत हो जाते हैं, जहां वे वेबसाइट विकास और रखरखाव के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं। सिस्टम अभियन्ता- एक सिस्टम इंजीनियर के रूप में, जब एक बीसीए छात्र काम करता है, तो उसका काम सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सर्किट टेस्ट आदि होता है। सॉफ्टवेयर डेवलपर- एक BCA छात्र को सॉफ्टवेयर डेवलपर की भूमिका भी मिल सकती है, इस भूमिका में, उसका काम सॉफ्टवेयर विकास, रखरखाव और परीक्षण है। कार्यकारी प्रबंधक- सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर का काम विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर और सर्वर को बनाए रखना और प्रबंधित करना है। Programmer- एक प्रोग्रामर के रूप में, BCA छात्र विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए कोडिंग करता है। बीसीए कोर्स के बाद उच्च शिक्षाबीसीए कोर्स करने के बाद, कई छात्रों को अच्छी नौकरी मिल जाती है, फिर भी कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए जाना चाहते हैं, ताकि वे कंप्यूटर क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकें।
सैलरीबीसीए करने के बाद स्टूडेंट एक अच्छी सैलरी की उम्मीद कर सकते हैं, शुरुआत में बीसीए स्टूडेंट्स को 10 से ₹20000 महीने का सैलरी मिल सकता है, लेकिन एक्सपीरियंस के साथ यह सैलरी बहुत जल्दी बढ़ जाता है। सैलरी आपकी कंपनी और आपके रोल पर भी डिपेंड करता है। अक्सर देखा गया है बीसीए करने के बाद बहुत सारे स्टूडेंट अपना खुद का कंप्यूटर से रिलेटेड बिज़नेस शुरू करते हैं, और अच्छी कमाई करते हैं। BCA (बीसीए) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नक्या 12 वीं के बाद बीसीए एक अच्छा कोर्स है?ट्वेल्थ के बाद जिन स्टूडेंट का इंटरेस्ट कंप्यूटर के फील्ड में आगे पढ़ाई करने, या एक ऐसा कोर्स करने की है, जो कम खर्च में एक ऐसा डिग्री और नॉलेज दे सके, जिससे अच्छी नौकरी और अच्छी सैलरी मिलने की उम्मीद बहुत ज्यादा हो, तो उनके लिए बीसीए कोर्स बहुत ही बेहतरीन साबित हो सकता है आने वाले भविष्य को देखते हुए, बीसीए एक बहुत ही बेहतरीन कोर्स है इसी तरह की फुल फॉर्म बीबीए फुल फॉर्म |
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What is the full form of COPA (कोपा) ? |
Answer» COPA (कोपा) का फुल फॉर्म या मतलब Computer Operator and Programming Assistant (कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट) होता है आज जब लोगों के बीच आईटीआई कोर्स का क्रेज बढ़ता जा रहा है, तो उसमें से कई ऐसे ब्रांच हैं जिसका डिमांड सबसे ज्यादा है उन्हीं में से एक फेमस और बहुत ही ज्यादा डिमांड वाला आईटीआई ट्रेड कोपा यानी कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट है, चुकी यह कंप्यूटर और आईटी से रिलेटेड ब्रांच है, इसलिए युवाओं को काफी पसंद आ रहा है यह भारत सरकार की तरफ से चलाए जाने वाले स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम में से एक है जिसे एनसीवीटी यानी नेशनल कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग की देखरेख में चलाया जाता है
इस कोर्स के दौरान कंप्यूटर से जुड़ी सारी जानकारी दी जाती है, जिससे आप कंप्यूटर कैसे ऑपरेट करना है यह जान पाते हैं, और साथ में प्रोग्रामिंग का भी बेसिक नॉलेज दिया जाता है मतलब यह कोर्स करने के बाद आप कहीं भी कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करने के लिए एलिजिबल होंगे अगर किसी स्टूडेंट का इंटरेस्ट कंप्यूटर की फील्ड में है या वह एक ऐसा कोर्स करना चाहता है, जिससे कम खर्च में, कम समय में कमाई करना शुरू कर दें, तो उसे यह कोर्स जरूर करनी चाहिए पात्रता (Eligibility)-कोई भी स्टूडेंट जिसने दसवीं साइंस और मैथ पेपर के साथ पास कर लिया है इस कोर्स को ज्वाइन कर सकता है COPA (कोपा) पाठ्यक्रम के उद्देश्य
कोर्स का ड्यूरेशनइस कोर्स का ड्यूरेशन 1 साल का होता है जिसमें से 6 महीने के 2 सेमेस्टर होते हैं COPA प्रवेश प्रक्रिया-
ट्यूशन फीसइस कोर्स के लिए ट्यूशन फीस सरकारी इंस्टीट्यूशंस के लिए 5000 के अंदर होता है, वही प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस में 40 से 50 हजार तक भी हो सकता है कोपा ट्रेड सिलेबस
COPA (कोपा) पाठ्यक्रम के बाद नौकरी का अवसरजैसा कि आप जानते हैं आज कंप्यूटर का प्रयोग हर फील्ड में हो रहा है, तो साथ में बहुत ज्यादा डिमांड है, कंप्यूटर ऑपरेटर का
प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की नौकरियां उपलब्ध हैं कोपा कोर्स करने वाले स्टूडेंट के लिए अधिकतर स्टूडेंट जिनको गवर्नमेंट सेक्टर में नौकरी मिलती है इस कोर्स के बाद ,उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर या डाटा एंट्री ऑपरेटर का रोल मिलता है हायर एजुकेशन के ऑप्शनइस कोर्स को करने के बाद आप कंप्यूटर या किसी अन्य फील्ड में भी हायर एजुकेशन के लिए जा सकते हैं आप अपने 10th मार्क के बेसिस पर ही आगे के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं सैलरीइस कोर्स के को करने के बाद स्टूडेंट को शुरुआती सैलरी ₹10000 से ₹15000 तक मिल जाती है, एक्सपीरियंस के साथ आपकी सैलरी बढ़ जाएगी बहुत सारे स्टूडेंट इस कोर्स को करने के बाद अपना खुद का बिजनेस शुरू करते हैं, जैसे कि कुछ कंप्यूटर सेंटर शुरू करते हैं, वहीं कुछ स्टूडेंट इंटरनेट कैफ़े शुरू करते हैं
Similar full forms- |
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What is the full form of BDS (बीडीएस) ? |
Answer» BDS (बीडीएस) का मतलब या फुल फॉर्म Bachelor of Dental surgery (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) होता है बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी मेडिकल फील्ड का एमबीबीएस के बाद दूसरा सबसे फेमस कोर्स है यह 5 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स है जिसके दौरान दांत के बारे में सब कुछ पढ़ाया जाता है इस 5 साल के कोर्स के दौरान 4 साल प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल मेथड से दांत और उससे जुड़ी बीमारियों के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है, आखिरी का 1 साल कंपलसरी इंटर्नशिप होता है
बीडीएस कोर्स करने के बाद स्टूडेंट को डॉक्टर की उपाधि मिल जाती है और उसे दांत से जुड़ी हर तरह के बीमारी का इलाज करने का अनुमति मिल जाता है भारत में डेंटल कोर्स को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया यानी डीसीआई रेगुलेट करती है भारत में कुल 313 डेंटल कॉलेज हैं, जिसमें बीडीएस के 28 हजार के करीब सीट है BDS (बीडीएस) पाठ्यक्रम के लिए पात्रताभारत में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स 12वीं यानी इंटरमीडिएट के बाद किया जा सकता है स्टूडेंट का इंटरमीडिएट में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ मिनिमम 50 % मार्क होना जरूरी है बीडीएस ऐडमिशन के समय छात्र की उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए और नीट एंट्रेंस एग्जाम में क्वालीफाई करना चाहिए बीडीएस प्रवेश प्रक्रियाBDS प्रवेश के लिए NEET प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। काउंसलिंग के दौरान अधिकतर छात्र जानकारी डेंटल कॉलेज में एडमिशन की कोशिश करते हैं, क्योंकि सरकारी डेंटल कॉलेज का फीस कम होता है, वहीं प्राइवेट डेंटल कॉलेज का फीस बहुत ज्यादा होता है इस कोर्स का फीस सरकारी कॉलेज के लिए हर साल ₹100000 तक होता है, वही प्राइवेट कॉलेज के लिए 200000 से ₹300000 सालाना तक होता है BDS (बीडीएस) कोर्स का स्कोपभारत में बीडीएस एकमात्र डेंटल सर्जरी से रिलेटेड कोर्स है, इसलिए दांत से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी का इलाज या सुझाव के लिए बीडीएस कोर्स करना जरूरी है बीडीएस कोर्स करने वाले स्टूडेंट सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में आज अच्छी सैलरी पाते हैं बीडीएस कोर्स के इंटर्नशिप के दौरान कोई स्टूडेंट 15 से ₹25000 तक कमा सकता है और परमानेंट काम मिल जाने के बाद ५० हजार से ₹100000 तक की भी शुरुआती सैलरी पा सकता है वही बहुत सारे स्टूडेंट हायर एजुकेशन मतलब मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स के लिए भी चले जाते हैं, जिसके बाद उनकी जॉब की चांस और सैलरी बहुत अच्छी हो जाती है बहुत सारे बीडीएस डॉक्टर अपना खुद का क्लीनिक शुरू करके भी बहुत अच्छी कमाई करते हैं बीडीएस कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेजभारत के कुछ टॉप बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कॉलेजेस की लिस्ट निम्न है-
BDS (बीडीएस) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालक्या BDS से MBBS तक कोई ब्रिज कोर्स है?जी हां, जो स्टूडेंट बीडीएस करने के बाद एमबीबीएस कोर्स करना चाहते थे उनके लिए भारत सरकार ने 2019 में नया नियम जारी किया कोई भी बीडीएस कंप्लीट कर चुका स्टूडेंट 3 साल के एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में ज्वाइन कर सकता है, 3 साल के इस ब्रिज कोर्स के बाद उस स्टूडेंट को एमबीबीएस की डिग्री भी मिल जाएगी शुरुआत में यह कोर्स केवल सरकारी मेडिकल कॉलेज से ही किया जा सकता है और कुछ सालों बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेस को भी इस ब्रिज कोर्स की इजाजत दी जाएगी
कौन सा बेहतर MBBS या BDS ?एमबीबीएस और बीडीएस दोनों ही मेडिकल से जुड़े कोर्स हैं, जिसके बाद आप डॉक्टर बन जाते हैं जहां एमबीबीएस कोर्स के बाद आप मानव शरीर के हर अंग से जुड़ी बीमारियों को देख सकते हैं, और उसका इलाज कर सकते हैं वहीं बीडीएस कोर्स करने के बाद आप केवल दांत का डॉक्टर बनते हैं, मतलब आप दांत से जुड़ी बीमारियों को देख सकते हैं, और उसका इलाज कर सकते हैं इसीलिए कई बार लोग ऐसा मानते हैं कि एमबीबीएस करना ज्यादा बेहतर है बीडीएस के मुकाबले
इसी तरह के समान फुल फॉर्म एमबीबीएस फुल फॉर्म नीट फुल फॉर्म |
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What is the full form of DCA (डीसीए) ? |
Answer» DCA (डीसीए) का फुल फॉर्म या मतलब Diploma in Computer Applications (डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन) होता है |
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What is the full form of DCE (डीसीई) ? |
Answer» DCE (डीसीई) का फुल फॉर्म या मतलब Diploma in Civil Engineering (डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग) होता है डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक के सबसे बेहतरीन कोर्स में से एक है यह 3 साल का कोर्स कंस्ट्रक्शन और कंस्ट्रक्शन के प्लानिंग के बारे में है जहां कहीं भी कंस्ट्रक्शन का काम होता है, तो उसका डिजाइन तैयार करना एक आर्किटेक्ट का काम होता है, और उस डिजाइन के अनुसार ही कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा है, यह सुनिश्चित करना सिविल इंजीनियर का काम होता है आज भारत और दुनिया के कई देश डेवलपिंग कंट्री है जहां कंस्ट्रक्शन का बहुत सारा काम लगातार चल रहा है और साथ में जरूरत हो रही है बहुत सारे सिविल इंजीनियर की जो कंस्ट्रक्शन के काम को सही ढंग से करवा सकें डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए कोई छात्र दसवीं पास कर ज्वाइन कर सकते हैं, या कुछ छात्र 12वीं के बाद भी या कोर्स ज्वाइन करते हैं इस कोर्स में एडमिशन के लिए कई राज्यों द्वारा एंट्रेंस एग्जाम भी कनेक्ट किया जाता है जिसमें क्वालीफाई कर स्टूडेंट उस राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं इस कोर्स के लिए हर राज्य में बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट कॉलेज उपलब्ध है जहां छात्रा अपनी सुविधा के अनुसार एडमिशन ले सकते हैं डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग (DCE (डीसीई) )कोर्स का duration 3 साल का होता है जिसमें 6 महीने के 6 सेमेस्टर होते हैं इस कोर्स के लिए ट्यूशन फीस 5000 से लेकर ₹50000 सालाना तक हो सकता है जहां सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज का ट्यूशन फीस कम होता है वही प्राइवेट कॉलेज में ज्यादा फीस पे करना होता है डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग (DCE (डीसीई)) कोर्स के बाद करियर विकल्प-डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करने वाले छात्रों को आसानी से सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी मिल रही है आज डिप्लोमा स्तर का सबसे ज्यादा नौकरी डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स कर चुके छात्रों को ही मिल रही है बहुत सारे राज्य सरकारों ने अपने कई नौकरियों में डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग कर चुके छात्रों को रिजर्वेशन दे रखा है इस कोर्स के बाद छात्रों को शुरुआती सैलरी प्राइवेट सेक्टर में 10 से ₹15000 और सरकारी नौकरी लग जाने पर 25 से ₹30000 आसानी से मिल रही है इस कोर्स के बाद छात्र इंजीनियरिंग करना चाहे, तो वह सिविल और उस से रिलेटेड ब्रांच में सीधे सेकंड ईयर में लेटरल एंट्री के थ्रू एडमिशन ले सकते हैं इसी तरह की फुल फॉर्मb.ed फुल फॉर्म बीटेक फुल फॉर्म |
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What is the full form of IA ? |
Answer» IA- आइ ए – कला के मध्यवर्ती इंटरमीडिएट आर्ट्स एक इंटरलेवल या 12 वीं स्तर का कोर्स है जो 10 वीं या मैट्रिक के सफल समापन के बाद किया जा सकता है। मैट्रिक या 10 वीं के बाद आपके पास करियर के कई विकल्प हैं। विज्ञान, कला, वाणिज्य, आईटीआई और विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। आप उनमें से कोई भी चुन सकते हैं। यदि किसी छात्र की रुचि उपरोक्त कला विषयों या किसी अन्य कला विषय में है, तो उसे IA पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहिए। IA- कला पाठ्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड-जिस किसी ने भी किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10 वीं या मैट्रिकुलेशन पूरी की है वह IA पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है। इस कोर्स में दाखिले के लिए पास मार्क ही पर्याप्त है। कुछ शीर्ष कॉलेजों में इंटरमीडिएट ऑफ आर्ट्स पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 10 वीं के अच्छे प्रतिशत के लिए कहा जा सकता है।
IA पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया-10 वीं प्रतिशत के आधार पर प्रत्यक्ष प्रवेश अधिकांश कॉलेजों और स्कूलों द्वारा दिया जाता है। अधिकांश कॉलेजों के लिए प्रतिशत मानदंड केवल पास अंक हैं। केवल कुछ शीर्ष कॉलेज कक्षा 10 वीं में एक अच्छा प्रतिशत माँग सकते हैं। IA के लिए ट्यूशन फीस –इस कोर्स के लिए कोई ट्यूशन फीस नहीं है, क्योंकि ज्यादातर कॉलेज राज्य या केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं। इन सभी कॉलेजों में छात्रों को केवल परीक्षा शुल्क देना होगा। इस कोर्स के लिए निजी कॉलेजों की फीस प्रति माह 1000 से शुरू होती है।
विषय जो आप इंटरमीडिएट ऑफ आर्ट्स के तहत चुन सकते हैं-कई विषय विकल्प उपलब्ध हैं जो निम्नलिखित में से किसी को भी चुन सकते हैं- इतिहास IA के बाद कैरियर और नौकरी के विकल्पकोई भी अपनी रुचि और विषय के अनुसार उच्च अध्ययन के लिए जा सकता है। इस पाठ्यक्रम के बाद कई उच्च संभावित उच्च शिक्षा विकल्प उपलब्ध हैं। इस कोर्स के बाद जॉब विकल्प भी उपलब्ध हैं। मुझे उम्मीद है कि IA का Full form के बारे में यह लेख आपको इस पाठ्यक्रम को समझने में मदद करता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या सवाल है तो आप हमें लिख सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपकी सहायता करेंगे। आप अन्य पाठ्यक्रमों के पूर्ण रूप को भी देख सकते हैं, जैसे कि ITI का Full Form। कुछ प्रमुख Recognized boards-768905">boards जो IA कोर्स provide करते है- Bihar Board UP Board Related important topics- Intermediate of Arts Intermediate of Arts in Hindi
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What is the full form of I COM ? |
Answer» I COM का फुल फॉर्म इंटरमीडिएट ऑफ़ कॉमर्स होता है।किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10 वीं कक्षा के सफल समापन के बाद इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स कोर्स कर सकते हैं। इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स एक 12 वीं स्तर का पाठ्यक्रम है जो अकाउंटेंसी और अर्थशास्त्र से संबंधित है। वाणिज्य क्षेत्र में सीखने और जानने के लिए बहुत कुछ है। जिन छात्रों की एकाउंटेंसी और अर्थशास्त्र में रुचि है, उन्हें यह कोर्स करना चाहिए। यदि आप वाणिज्य के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो इंटरमीडिएट विद कॉमर्स इसका पहला कदम है। इस कोर्स को करने के बाद आप एक अच्छे करियर और एक अच्छे जीवन की उम्मीद कर सकते हैं। भारत में 10 वीं स्तर के बाद, छात्रों को अपने पाठ्यक्रम या अध्ययन के क्षेत्र को तय करने का मौका मिलता है। इतने सारे विकल्प उपलब्ध हैं जैसे कि- इंटरमीडिएट ऑफ आर्ट्स, इंटरमीडिएट ऑफ साइंस, इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(ITI), डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग और अन्य। छात्र अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार किसी भी समूह को चुन सकते हैं। I COM के लिए पात्रता –आई-कॉम कोर्स के लिए पात्रता मानदंड बहुत आसान है। कोई भी छात्र जिसने दसवीं कक्षा उत्तीर्ण की है वह इस पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है। ज्यादातर कॉलेज और स्कूल आपको अपने 10 वीं के अंक के आधार पर प्रवेश देते हैं। लेकिन कुछ शीर्ष कॉलेज या स्कूल 10 वीं में आपसे बहुत अच्छे प्रतिशत की मांग कर सकते हैं, उदाहरण के लिए, डीयू- दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों में प्रवेश के लिए, आपको 10 वीं में 90% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने होंगे। आई कॉम के लिए प्रवेश प्रक्रिया –लगभग सभी स्कूलों और कॉलेजों में, आपको सीधे अपने 10 वीं के अंक के आधार पर प्रवेश मिलता है। कुछ शीर्ष कॉलेज हैं, वे आपका साक्षात्कार भी आयोजित कर सकते हैं। आई कॉम में विषय-इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स कोर्स में, आपके पास दो प्रकार के विषय होंगे-
अनिवार्य विषयों और वैकल्पिक विषयों सहित, प्रत्येक छात्र को न्यूनतम पांच विषय का अध्ययन करना होगा। हम उनके बारे में नीचे विस्तार से चर्चा करेंगे- अकाउंटेंसी (अनिवार्य) – अकाउंटेंसी इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य विषय है। इसके तहत आपको सिखाया जाता है कि विभिन्न प्रकार के खातों को कैसे प्रबंधित किया जाए। अकाउंटेंसी को वाणिज्य का एक अभिन्न अंग भी कहा जाता है। इसके तहत, आप संख्यात्मक और सैद्धांतिक विधियों के माध्यम से संख्या और वित्तीय डेटा के बारे में सीखते हैं। अर्थशास्त्र (अनिवार्य) – अर्थशास्त्र विषय के तहत, आपको भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में पढ़ना होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का इतिहास क्या रहा है। अर्थव्यवस्था ने अच्छा या बुरा कैसे किया? व्यावसायिक अध्ययन (अनिवार्य) – बिजनेस स्टडीज के तहत आपको विभिन्न प्रकार के व्यवसाय के बारे में पढ़ाया जाता है। किसी भी व्यवसाय का लक्ष्य और उसे कैसे पाया जा सकता है। अंग्रेजी (अनिवार्य) – अंग्रेजी भाषा का एक विषय है जो आपके करियर में बहुत मदद करता है। NOTE- कई राज्य बोर्डों में अंग्रेजी अनिवार्य विषय नहीं है। कई राज्य बोर्ड आपको एक वैकल्पिक विषय के रूप में अंग्रेजी का अध्ययन करने का विकल्प देते हैं। यहां प्रदान की गई सभी जानकारी सीबीएसई (CBSE) पाठ्यक्रम पर आधारित है। गणित (वैकल्पिक) उद्यमिता (वैकल्पिक) कंप्यूटर विज्ञान (वैकल्पिक) आईटी (वैकल्पिक) हिंदी (वैकल्पिक) संगीत (वैकल्पिक) शारीरिक शिक्षा (वैकल्पिक) सीबीएसई बोर्ड और अन्य राज्य बोर्ड इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स कोर्स के दौरान छठा विषय लेने का विकल्प भी देते हैं। छह विषयों को लेने का लाभ यह है कि यदि आपका स्कोर 5 विषयों में से एक में कम है, तो अंतिम प्रतिशत की गणना के समय, आपके 6 वें पेपर को शीर्ष 5 में रखकर रैंक दी जाती है, जिसके साथ आपका अंतिम प्रतिशत थोड़ा बढ़ सकता है । कोर्स की फीस-अधिकांश सरकारी कॉलेजों के लिए, आपको किसी भी ट्यूशन फीस का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। निजी कॉलेजों या स्कूलों के लिए, आपको प्रति माह 1000 से 10000 का शिक्षण शुल्क देना होगा। आई कॉम के बाद नौकरी और उच्च शिक्षा के विकल्पआई कॉम कोर्स पूरा होने के बाद कई निजी और सरकारी क्षेत्र के विकल्प उपलब्ध हैं। यदि आप निजी नौकरी के लिए जा रहे हैं, तो आप प्रति माह 10000 का प्रारंभिक वेतन प्राप्त कर सकते हैं। उच्च शिक्षा के विकल्प-
मुझे उम्मीद है कि I COM ka full form के बारे में यह लेख आपको इस पाठ्यक्रम को समझने में मदद करता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या सवाल है तो आप हमें लिख सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपकी सहायता करेंगे। आप अन्य पाठ्यक्रमों के पूर्ण रूप को भी देख सकते हैं, जैसे कि IA का full form । अन्य सम्बंधित FULL FORMS ITI का फ़ुल फ़ॉर्म |
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What is the full form of ITI (आईटीआई) ? |
Answer» ITI का Full Form- Industrial Training Institute आईटीआई 12 वीं स्तर का व्यावसायिक तकनीकी पाठ्यक्रम है। कोई भी छात्र जिसने अपनी 10 वीं पूरी की है वह इस कोर्स में शामिल हो सकता है। कई आईटीआई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जो कोई भी छात्र अपने नामांकन के सफल समापन के बाद शामिल हो सकता है। यह शॉर्ट टर्म कोर्स छात्रों को जल्दी में एक उत्कृष्ट तकनीकी नौकरी की तलाश में फायदेमंद है। इसका मतलब है कि यह 2-वर्षीय पाठ्यक्रम आपको विभिन्न उद्योगों में एक तकनीशियन के रूप में काम करने का मौक़ा देगा। रोजगार और प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGET) कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development And Entrepreneurship) औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए प्राथमिक प्राधिकरण है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह पाठ्यक्रम आपको विभिन्न उद्योगों में काम करने में सक्षम बनाता है। आईटीआई एक अत्यधिक नौकरी उन्मुख पाठ्यक्रम है और अधिकांश छात्रों के लिए आसानी से सुलभ है। यह कौशल विकास के लिए एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम है, और भारत सरकार इस पर अधिक ध्यान दे रही है ताकि अधिक से अधिक लोग कुशल हो सकें। NCVT या SCVT मान्यता आईटीआई पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले सभी संस्थानों के लिए जरूरी है। एनसीवीटी और एससीवीटी के बीच आज कोई ज्यादा अंतर नहीं रहा गया है, फिर भी अगर आपका कॉलेज एनसीवीटी हो तो ज्यादा अच्छा है भारत में विभिन्न ITI (आईटीआई) पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं-ITI (आईटीआई) पाठ्यक्रमों की प्रकृति के आधार पर हम कक्षाओं को दो श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं- इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम (ट्रेड्स) – आईटीआई पाठ्यक्रम जो तकनीकी हैं उन्हें इंजीनियरिंग आईटीआई पाठ्यक्रम या ट्रेड कहा जाता है। इन पाठ्यक्रमों के तहत, आपको गणित, भौतिकी और अन्य तकनीकी पत्रों का अध्ययन करना होगा। इस कोर्स की अवधि आमतौर पर 2 साल होगी। गैर-इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम- गैर-इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के तहत, आपको उन ट्रेडों का अध्ययन करना होगा जो दैनिक जीवन और प्रबंधन से संबंधित हैं। इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अधिकांश पाठ्यक्रमों की अवधि 6 महीने से 1 वर्ष तक होगी। इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम (ट्रेड) की सूची –
ITI (आईटीआई) पाठ्यक्रम के लिए पात्रता-
आईटीआई पाठ्यक्रम की अवधि-ITI का full form को अच्छी तरह से समझने के लिए, हमें आईटीआई से संबंधित कुछ आवश्यक बिंदुओं का पालन करना होगा। आईटीआई की अवधि उन महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक है जो प्रत्येक आईटीआई उम्मीदवारों को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए। आईटीआई पाठ्यक्रम की अवधि छह महीने, नौ महीने, 1 वर्ष, 1.5 वर्ष और दो वर्ष है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस कोर्स में शामिल होने जा रहे हैं। इसलिए किसी भी आईटीआई पाठ्यक्रम में शामिल होने से पहले, आपको पाठ्यक्रम की अवधि के बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए। आईटीआई प्रवेश प्रक्रिया-तकनीकी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश दो तरह से संभव है। १।सीधा प्रवेश (1oth निशान के आधार पर) सरकारी कॉलेजों के लिए, आपको विभिन्न राज्य एजेंसियों द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा लिखनी होगी। इन परीक्षाओं की रैंक से, आपको शीर्ष आईटीआई कॉलेजों में एक सीट मिल जाएगी। आईटीआई पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य सरकारों द्वारा शीर्ष प्रवेश परीक्षा-
भारत के कुछ शीर्ष आईटीआई कॉलेज-
कोर्स की फीस-औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की फीस प्रति वर्ष 5 हजार से शुरू होती है और निजी कॉलेज के लिए 50 हजार प्रति वर्ष तक जाती है। सरकारी कॉलेजों की लागत निजी कॉलेजों की तुलना में कम है। सरकारी कॉलेजों की फीस 2 हजार प्रति वर्ष से शुरू होती है और कुछ मामलों में प्रति वर्ष 10 हजार तक जाती है। इसलिए यह बेहतर है कि आप सरकारी कॉलेज में दाखिला ले सकें। लेकिन नहीं। सरकारी कॉलेजों में सीटें बहुत कम हैं। ट्यूशन फीस के अलावा, छात्रों को प्रत्येक परीक्षा के समय परीक्षा शुल्क भी देना होगा। आईटीआई पाठ्यक्रम के बाद नौकरियां-चूंकि यह एक अल्पकालिक तकनीकी पाठ्यक्रम है, इसलिए नौकरी पाना बहुत आसान है। रेलवे, बिजली विभाग, रक्षा जैसे सरकारी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध है। कोर्स के बाद वेतन- निजी क्षेत्र में अपना कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी पाने वाले अधिकांश छात्रों को प्रति माह लगभग 10 हजार का मासिक वेतन मिल जाता है। Role- इस कोर्स के पूरा होने के बाद, छात्रों को कई भूमिकाएँ निभानी होती हैं-
मुझे उम्मीद है कि ITI ka full form के बारे में यह लेख आपको इस पाठ्यक्रम को समझने में मदद करता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या सवाल है तो आप हमें लिख सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपकी सहायता करेंगे। आप अन्य पाठ्यक्रमों के पूर्ण रूप को भी देख सकते हैं, जैसे कि IA का full form । नोट- किसी भी संस्थान में प्रवेश पाने से पहले, छात्रों ने उस संस्थान की संबद्धता को ध्यान से जांचने की सलाह दी जाती। ITI course की पूरी जानकारी। ITI कोर्स की जानकारी हिंदी में। |
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What is the full form of I SC ? |
Answer» I SC- इंटरमीडिएट ऑफ साइंस एक +२ कोर्स है, कुछ भारतीय राज्यों में +2 विज्ञान भी कहा जाता है। विज्ञान के मध्यवर्ती 10 वीं कक्षा के पूरा होने के बाद छात्रों द्वारा चुने गए प्रसिद्ध विषयों में से एक है। भारतीय शिक्षा प्रणाली में, सभी छात्रों को कक्षा 10 वीं तक सभी विषयों को पढ़ना पड़ता है। दसवीं के बाद ही, उन्हें पहली बार अपने विषय का उपयोग करने का विकल्प मिलता है। अब वे अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार अपना विषय चुन सकते हैं और उस विषय में अपना करियर आगे बढ़ा सकते हैं। दसवीं के बाद, कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें से छात्र एक विकल्प चुन सकता है। इंटरमीडिएट आर्ट्स, इंटरमीडिएट ऑफ कॉमर्स, आईटीआई और डिप्लोमा कोर्स विज्ञान के इंटरमीडिएट या I sc के अलावा अन्य विकल्प हैं। तो यहाँ हमलोग I SC का फ़ुल फ़ॉर्म को समझने की कोशिश करेंगे। I SC क्या है?विज्ञान विषयों के साथ अध्ययन के संयोजन को आईएससी इंटरमीडिएट ऑफ साइंस कहा जाता है। इसके तहत छात्र भौतिकी रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान विषयों का अध्ययन करते हैं। इंटरमीडिएट साइंस के तहत दो प्रकार के संयोजन विकल्प भी हैं।
पीसीएम के तहत, छात्र भौतिकी रसायन विज्ञान और गणित विषयों का अध्ययन करते हैं। इन तीन अनिवार्य विषयों के अलावा, एक भाषा विषय है और छात्र को वैकल्पिक विषय का उपयोग करने का अवसर दिया जाता है। जो छात्र इंजीनियरिंग या विज्ञान विषयों में अपनी उच्च पढ़ाई करना चाहते हैं, वे बाद में पीसीएम संयोजन लेते हैं। पीसीबी विषय संयोजन के तहत, छात्रों को भौतिकी रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों का अध्ययन करना होता है। इसके अलावा, छात्र को भाषा विषय और 5 वीं वैकल्पिक विषय चुनने का अवसर मिलता है। जो छात्र चिकित्सा क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, वे पीसीबी विषय संयोजन के साथ अध्ययन करते हैं। इसके अलावा, कुछ छात्र जो उलझन में हैं कि वे किस क्षेत्र में आगे जाना चाहते हैं, तो वे पीसीएमबी या पीसीबीएम के संयोजन के साथ अध्ययन करते हैं ताकि आगे और चिकित्सा और इंजीनियरिंग दोनों क्षेत्रों के लिए उनका रास्ता खुला रहे। प्रवेश प्रक्रिया-इंटरमीडिएट के विज्ञान पाठ्यक्रमों के लिए कई कॉलेज या स्कूल हैं और वे 10 वीं के आधार पर सीधे प्रवेश देते हैं। लेकिन आजकल जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, कई कॉलेज या स्कूल अच्छे प्रतिशत की मांग करने लगे हैं। आज आपको कई शीर्ष विद्यालय मिलेंगे, जिनमें प्रवेश के लिए आपको कम से कम 90% के साथ 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। वैकल्पिक या 5 वीं पेपर के विषयHindi Economics Sculpture Music IT Computer Physical education ये कुछ प्रसिद्ध वैकल्पिक विषय विकल्प हैं। I sc की ट्यूशन फीस-I SC कोर्स के लिए, यदि आप सरकारी कॉलेज में हैं, तो आपको कोई फीस नहीं देनी होगी, बस परीक्षा की फीस देनी होगी। लेकिन निजी स्कूलों के मामले में, आपको 1000 से 1000 महीने तक फीस देनी पड़ सकती है।
इंटरमीडिएट विज्ञान के बाद कैरियर विकल्प –इंटरमीडिएट साइंस करने के बाद, छात्रों के पास पढ़ाई के लिए बहुत अधिक उच्च शिक्षा के विकल्प हैं, इसके अलावा अगर वे नौकरी करना चाहते हैं, तो उनके पास भी मौका है। एक छात्र निम्न में से किसी एक विकल्प को उच्च शिक्षा विकल्प के रूप में ले सकता है-
आप I SC के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए CBSE के official website पर विज़िट कर सकते है। मुझे उम्मीद है कि I SC ka full form के बारे में यह लेख आपको इस पाठ्यक्रम को समझने में मदद करता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या सवाल है तो आप हमें लिख सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपकी सहायता करेंगे। आप अन्य पाठ्यक्रमों के पूर्ण रूप को भी देख सकते हैं, जैसे कि IA का full form । |
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What is the full form of MBA (एमबीए) ? |
Answer» MBA (एमबीए) का फुल फॉर्म या मतलब Master of Business Administration (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) होता है। एमबीए पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स है जिसके दौरान स्टूडेंट्स को किसी भी तरह के बिजनेस को सही ढंग से कैसे मैनेज किया जा सकता है, के बारे में सभी तरह के जरूरी स्किल्स सिखलाया जाते हैं। बिजनेस चाहे बड़ा हो या छोटा फैमिली बिजनेस, उसे सही ढंग से और फायदे में चलाने के लिए बहुत सारे स्किल की जरूरत होती है, जैसे कि मार्केटिंग, सेल्स, इंप्लॉय मैनेजमेंट आदि, और यह सब कुछ एमबीए कोर्स के दौरान विस्तार से पढ़ाया जाता है। एमबीए बिजनेस मैनेजमेंट का सबसे फेमस कोर्स है जिसका मकसद स्टूडेंट में बिजनेस और मैनेजमेंट स्किल को उभारना और उन्हें हर तरह के बिजनेस चैलेंज के लिए तैयार करना होता है।
आज एमबीए कोर्स का डिमांड बहुत ज्यादा है, क्योंकि इस कोर्स को कर चुके स्टूडेंट्स को अच्छी नौकरी मिल रही है, और वह किसी भी तरह की कंपनी को आगे ले जाने में काफी मदद कर रहे हैं। MBA (एमबीए) कोर्स के लिए योग्यताकोई स्टूडेंट जिसने किसी रिकॉग्नाइज्ड यूनिवर्सिटी या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया है एमबीए कोर्स ज्वाइन कर सकता है। अधिकतर कॉलेज एमबीए एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन में 50% मिनिमम मार्क्स का कंडीशन रखते हैं वही रिजर्व कैटिगरी के स्टूडेंट्स के लिए 45% मार्क्स जरूरी होता है। भारत के एमबीए कॉलेजेस में दो तरह से एडमिशन मिल सकता है, डायरेक्ट एडमिशन और एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू एडमिशन। एमबीए प्रवेश के लिए भारत में प्रवेश परीक्षाभारत के सरकारी और प्राइवेट एमबीए कॉलेज में एडमिशन के लिए कई इंट्रेंस एग्जाम हर साल कंडक्ट किए जाते हैं।
इंडिया के बहुत सारे एमबीए कॉलेज जो अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट नहीं करते हैं, या तो आपके ग्रेजुएशन मार्क्स के आधार पर आपको डायरेक्ट एडमिशन देते हैं, या फिर कैट या MAT स्कोर को कंसीडर करते हैं एमबीए की ट्यूशन फीससमय के साथ एमबीए कोर्स का डिमांड बढ़ता गया और इसका फीस भी। आज किसी भी अच्छे एमबीए कॉलेज का फीस 1000000 से ऊपर है। तो आज भारत में एमबीए कोर्स पूरा करने में आपको कम से कम ₹100000 और अधिक से अधिक ₹3000000 तक भी लग सकता है। एमबीए के प्रकारभारत में एमबीए कोर्स अलग-अलग फॉर्मेट में अवेलेबल है जिसे लोग अपनी जरूरत के हिसाब से ज्वाइन करते हैं कुछ महत्वपूर्ण एमबीए के प्रकार इस प्रकार हैं MBA (एमबीए) में विशेषज्ञताएमबीए कोर्स के अंतर्गत जरूरत और डिमांड के अनुसार कई तरह के स्पेशलाइजेशन बनाए गए हैं ।
एमबीए का स्कोपआज के समय में एमबीए का स्कोप बहुत हाई है एमबीए करने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स को अच्छी नौकरी के साथ अच्छा पैकेज भी मिलता है। एक अच्छा स्टूडेंट जिसने एमबीए कोर्स के दौरान बिजनेस की बारीकियों को अच्छे से समझा है, वह किसी कंपनी को आगे ले जाने में काफी मददगार साबित होता है। एमबीए कोर्स के बाद शीर्ष प्रोफ़ाइल और वेतनएमबीए करने के बाद अलग-अलग कंपनी में लोगों को टॉप प्रोफाइल मिलता है काम करने के लिए फाइनेंस मैनेजर मार्केटिंग मैनेजर सेल्स मैनेजर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर ऑपरेशन मैनेजर प्रोडक्ट मैनेजर इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजर रिस्क मैनेजर सैलेरी अधिकतर स्टूडेंट जो किसी अच्छे मैनेजमेंट कॉलेज से एमबीए करते हैं को 300000 से ₹1000000 सालाना तक का पैकेज आसानी से मिल जाता है ।
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What is the full form of LLB (एलएलबी) ? |
Answer» LLB (एलएलबी) का फुल फॉर्म या मतलब Bachelor of Legislative Law (बैचलर ऑफ लेजिसलेटिव लॉ ) होता है |
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What is the full form of MCA (एमसीए) ? |
Answer» MCA (एमसीए) का फुल फॉर्म या मतलब Master of Computer Application (मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस) होता है एमसीए कंप्यूटर और आईटी सेक्टर से जुड़ा एक बेहतरीन मास्टर्स कोर्स है, जिसके बाद छात्र के पास कंप्यूटर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर आदि का बेहतरीन नॉलेज होता है आज के इस कंप्यूटर और इंटरनेट युग में अगर कोई छात्र आईटी सेक्टर में बहुत अच्छा पोजीशन और अच्छी सैलरी पाना चाहता है, तो उसे एमसीए कोर्स जरूर करनी चाहिए एमसीए यानी मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स इस तरह प्लान किया गया है, कि यह किसी छात्र के सॉफ्टवेयर स्किल और कंप्यूटर एप्लीकेशन स्किल्स को मजबूती दे
इस कोर्स को करने वाले छात्रों को कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग, हार्डवेयर आदि का अच्छा नॉलेज हो जाता है एमसीए कंप्यूटर से रिलेटेड सबसे बेहतरीन प्रोफेशनल टेक्निकल मास्टर्स कोर्स है और इसके बाद छात्रों को बहुत अच्छी कंपनी में नौकरी मिलना आसान हो जाता है जिन छात्रों की रुचि कंप्यूटर के क्षेत्र में मास्टर करने की है, उनके साथ साथ जिन छात्रों ने बीसीए या कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कर लिया है, और आगे अपने कैरियर को नई ऊंचाई पर लेकर जाना चाहते हैं, उनको एमसीए कोर्स करना चाहिए एमसीए कोर्स की एक बहुत अच्छी बात यह है, कि जिन छात्रों ने ग्रेजुएशन तक कंप्यूटर से रिलेटेड कोई कोर्स नहीं किया है, वह भी एमसीए कर सकते हैं, और कंप्यूटर के क्षेत्र में अपने कैरियर को आगे बढ़ा सकते हैं पात्रता (Eligibility)एमबीए कोर्स के लिए पात्रता बहुत ही आसान है, कोई भी छात्र जिसने किसी भी विषय से ग्रेजुएशन कर लिया है, एमसीए कोर्स के लिए ज्वाइन कर सकता है छात्र का ट्वेल्थ या ग्रेजुएशन के दौरान मैथ्स पेपर पढ़ना जरूरी होता है, वही ग्रेजुएशन के दौरान कम से कम 50% मार्क्स का होना जरूरी होता है एमसीए पाठ्यक्रम की अवधि2020 सेशन से एमसीए कोर्स की अवधि 2 साल का हो गया है, जिसके दौरान 4 सेमेस्टर होंगे ,और अब लेटरल एंट्री का कांसेप्ट खत्म कर दिया गया है छात्र कोर्स के दौरान क्या सीखते हैं?एमसीए कोर्स के दौरान छात्र कंप्यूटर एप्लीकेशन नेटवर्किंग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से जुड़े सब्जेक्ट पढ़ते हैं कुछ इंपॉर्टेंट टॉपिक जैसे कि php, .net टेक्नोलॉजी, डेटाबेस मैनेजमेंट, नेट वर्किंग मॉडल्स, एप्लीकेशन डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी, लाइनेक्स प्रोग्रामिंग, वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग आदि छात्रों को पढ़ना होता है छात्रों को प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल मेथड से अलग-अलग तरह के टूल्स के बारे में बताया जाता है, जिसकी मदद से छात्र बेहतर सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर एप्लीकेशन और मोबाइल एप्लीकेशन बना सके एडमिशन प्रक्रियाएमसीए कोर्स में एडमिशन दो तरह से मिल सकता है डायरेक्ट एडमिशन और एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू इंडिया के बहुत सारे ऐसे कॉलेज हैं, जहां आपको आपके ग्रेजुएशन मार्क्स बेसिस पर डायरेक्ट ऐडमिशन मिल सकता है बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी के लिए एंट्रेंस एग्जाम में क्वालीफाई करना जरूरी होता है कुछ टॉप एंट्रेंस एग्जाम यह सब है-
ट्यूशन फीसएमसीए कोर्स के लिए ट्यूशन फीस ₹25000 सालाना से शुरू होकर ₹200000 सालाना तक हो सकता है इंडिया के मेट्रो सिटी चेन्नई और बेंगलुरु के अच्छे एमसीए कॉलेज का फीस ₹100000 सालाना के करीब होता है एमसीए कोर्स के बाद करियर ऑप्शंसएमसीए कोर्स के बाद छात्रों को कंप्यूटर, आईटी और गवर्नमेंट सेक्टर की बड़ी कंपनियों में अच्छी सैलरी के साथ नौकरी मिल जाती है एमसीए के बाद छात्रों को मिलने वाले कुछ प्रमुख रोल्स यह सब हैं-
इसके अलावा छात्रों को बड़ी सरकारी कंपनियों जैसे कि एनटीपीसी, भेल, एनएचएआई, इंडियन रेलवे आदि में भी नौकरी मिली है वहीं अगर सैलरी की बात करें तो एमसीए करने वाले छात्रों को शुरुआती सैलरी 3 से ₹400000 तक आसानी से मिल जाती है, और एक्सपीरियंस के साथ यह सैलरी उनकी सैलरी और भी अच्छी हो जाती है एमसीए कोर्स के लिए कुछ अच्छे कॉलेज-
इसके अलावा भी एमसीए कोर्स के लिए इंडिया में बहुत सारे अच्छे कॉलेज है जहां आपको आसानी से एडमिशन मिल सकता है |
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What is the full form of MCVC (एमसीवीसी) ? |
Answer» MCVC (एमसीवीसी) का फुल फॉर्म या मतलब Minimum Competency Vocational Courses (मिनिमम कम्पेटेन्सी वोकेशनल कोर्सेज) होता है। एमसीवीसी यानी मिनिमम कम्पेटेन्सी वोकेशनल कोर्सेज, जिसे अब एचएससी वोकेशनल कोर्सेज भी कहा जाता है। यह छात्रों को दसवीं के बाद ट्रेडिशनल इलेवंथ और ट्वेल्थ कोर्स करने के बजाए, इतने ही समय में वोकेशनल कोर्स करने का मौका देता है, जिससे उनके नौकरी और स्वरोजगार के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। तो इस तरह से देखा जाए तो अब दसवीं पास करने वाले छात्रों के पास प्लस टू कोर्स, आईटीआई कोर्स, और डिप्लोमा कोर्स के अलावा एमसीवीसी कोर्स का भी ऑप्शन उपलब्ध हो गया है। एमसीवीसी कोर्स की एक और अच्छी बात यह होती है, कि इसमें छात्रों को कई तरह के ब्रांच का ऑप्शन मिल जाता है, जिसमें से स्टूडेंट अपने इंटरेस्ट के अनुसार कोई एक फील्ड चुन सकते हैं, और आगे उस फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं, जैसे कि इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी आदि। इस 2 साल के कोर्स के दौरान छात्रों को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज दिया जा सके इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाता है। MCVC पाठ्यक्रम के तहत उपलब्ध शाखाएँएमसीवीसी के अंतर्गत 5 कोर्स उपलब्ध हैं-
एमसीवीसी कोर्स के लिए पात्रताकोई भी छात्र जिसमें किसी रिकॉग्नाइज्ड बोर्ड से दसवीं पास कर ली है, एमसीवीसी कोर्स के लिए ज्वाइन कर सकता है, इस कोर्स में एडमिशन के लिए केवल 10वीं में पास मार्क इसको करना ही काफी है। एमसीवीसी कोर्स का ड्यूरेशनएमसीवीसी कोर्स 2 साल का होता है और साधारण प्लस टू पैटर्न की तरह ही इसमें भी 11th और 12th होता है एमसीवीसी कोर्स के लिए ट्यूशन फीसएमसीवीसी कोर्स के लिए ट्यूशन फीस बहुत ही कम हो गया है अधिकतर संस्थान में इस कोर्स को पूरा करने के लिए छात्रों को 2 से ₹5000 तक का फीस देना पड़ सकता है। इस कोर्स के लिए अधिकांश कॉलेजों या संस्थानों का प्रबंधन राज्य और केंद्र सरकार स्वयं करती हैं। एमसीवीसी के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें
एमसीवीसी कोर्स से जुड़ा अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्नMCVC के बाद मैं क्या कर सकता हूं?एमसीवीसी कोर्स के बाद आप वह सब कुछ कर सकते हैं जो आप 12th करने के बाद करते, कहने का मतलब है कि आप एमसीवीसी कोर्स के बाद टेक्निकल नौकरी के लिए जा सकते हैं, या अपना खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इस कोर्स के बाद अगर आप हायर एजुकेशन के लिए जाना चाहे, तो आप टेक्निकल कोर्सेज जैसे कि डिप्लोमा और इंजीनियरिंग के साथ-साथ नॉन टेक्निकल कोर्स में भी ज्वाइन कर सकते हैं। क्या MCVC ITI के बराबर है?नहीं,एमसीवीसी आईटीआई के बराबर नहीं है। ऐसी कई सरकारी और प्राइवेट नौकरियां होती हैं, जिसमें केवल आईटीआई वाले स्टूडेंट अप्लाई कर सकते हैं, एमसीवीसी वाले नहीं कर सकते हैं। इसी तरह की फुल फॉर्मITI ka full form Computer ka full form
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What is the full form of PGDCA (पीजीडीसीए) ? |
Answer» PGDCA (पीजीडीसीए) का फुल फॉर्म या मतलब Post Graduate Diploma in Computer Applications (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन) होता है |
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