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1.

What is the full form of AI (एआई) ?

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AI (एआई) का फुल फॉर्म या मतलब Artificial Intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) होता है

2.

What is the full form of Gmail(जीमेल) ?

Answer»

Gmail(जीमेल) का फुल फॉर्म या मतलब Google Mail(गूगल मेल) होता है।

जीमेल गूगल के तरफ से दी जाने वाले फ्री ईमेल सर्विस है।

यह दुनिया की सबसे बड़ी ओपन प्लेटफार्म ईमेल सर्विस प्रोवाइडर है, जो सबके लिए हैं, और फ्री है।

आप जीमेल की व्यापकता और सफलता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दुनिया के बहुत सारे लोग ईमेल का मतलब जीमेल ही जानते हैं।

आज दुनिया का हर इंसान जो इंटरनेट यूज करता है, जिसके पास मोबाइल या कंप्यूटर है, जीमेल का प्रयोग करता है।

पूरी दुनिया में जीमेल के 1.5 बिलियन से ज्यादा यूजर हैं, और हर दिन 3 बिलियन से ज्यादा ईमेल भेजें और रिसीव किए जाते हैं।

एंड्राइड जो कि दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, भी गूगल का ही एक प्रोडक्ट है।

अगर आप एंड्राइड में अपने जीमेल अकाउंट से लॉगिन करते है, तो आपको एंड्राइड पर नया अकाउंट क्रिएट करने की जरुरत नहीं होगी,

और और गूगल के सर्विसेज जैसे, गूगल ड्राइव, गूगल ट्रांसलेशन, गूगल वौइस् टाइपिंग आदि का बेनिफिट ले सकते है।

जीमेल का इतिहास

जीमेल की शुरुआत 1 अप्रैल 2004 को हुई थी।

जीमेल का प्रयास रहा है, कि समय के साथ खुद को ज्यादा यूजर फ्रेंडली बनाते जाए।
उसी के तहत जीमेल का मोबाइल ऐप लांच किया गया, और आज दुनिया के लगभग हर व्यक्ति के मोबाइल में जीमेल ऐप है।

जीमेल इतना ज्यादा फेमस क्यों है?

जीमेल दुनिया का सबसे फेमस और सबसे ज्यादा यूज किए जाने वाला फ्री ईमेल सर्विस है और बहुत सारे अच्छे कारण है, जिसके कारण जीमेल इतना ज्यादा फेमस है, जिनमें से कुछ कारण निम्न है

1. यूजर फ्रेंडली इंटरफेस

जीमेल का इंटरफ़ेस सबसे यूजर फ्रेंडली है और कोई नया यूजर जो जीमेल पर पहली बार लॉगइन करता है बिना किसी कन्फ्यूजन के आपने मेल को एक्सेस कर पाता है।

जीमेल का रिसर्च और डेवलपमेंट टीम बहुत ही बेहतरीन है, जो हर एक यूजर का ध्यान रखती है, और आप यह देखेंगे कि अगर आपको किसी फंक्शन को यूज करने में कोई प्रॉब्लम आ रही है, तो जल्दी गूगल के द्वारा वह सुधार कर लिया जाता है।

जीमेल में आप अपने इनबॉक्स को टैब्स ऑप्शन का प्रयोग कर डिफरेंट फ़ोल्डर्स में रख सकते है, इससे बहुत सारे मेल्स में से अपने जरुरी मेल को ढूंढना बहुत आसान हो जाता है।

2. सबसे ज्यादा स्टोरेज

जीमेल अपने हर यूजर को 15gb तक का फ्री स्टोरेज प्रदान करती है, जो कि किसी भी अन्य फ्री ईमेल सर्विस प्रोवाइडर से ज्यादा है।

जब जीमेल की शुरुआत हुई थी, तब हर यूजर को 1GB फ्री स्टोरेज मिलता था, लेकिन समय के साथ इसे 15gb तक बढ़ा दिया गया, जो किसी नॉर्मल यूजर के लिए बहुत ही ज्यादा है।

और अगर कोई उधर इससे ज्यादा भी स्टोरेज का प्रयोग करना चाहता है तो वह जीमेल के तरफ से प्रोवाइड की जाने वाली प्रीमियम सर्विस को भी बहुत कम दाम में खरीद सकता है।

3. अटैचमेंट साइज का बड़ा होना

जीमेल पर जब आप कोई ईमेल भेज रहे होते हैं, तो आपको सबसे ज्यादा बड़े फाइल को अटैच करने की सुविधा दी जाती है।
आप 50MB तक के फाइल को अटैच कर सकते हैं।
अगर आपका कोई फाइल इससे बड़ी साइज का होगा, तो आप उसे गूगल ड्राइव की मदद से मेल कर सकते हैं।

4. एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स होना

जीमेल सबसे उन्नत सिक्योरिटी फीचर्स से लैस है, और समय के साथ खुद को और ज्यादा सिक्योर बनाते रहता है।

आज जब हम कोई ईमेल रिसीव करते हैं, तो जीमेल उसे पहले किसी भी प्रकार के वायरस या अन्य खतरे से बचाव के लिए स्कैन करता है, और अगर सब कुछ ठीक रहा, तभी हमें उस मेल को एक्सेस करने देता है।

5. जीमेल कई भाषाओं में उपलब्ध है

चाहे आप दुनिया के किसी भी भाग में रहते हो, और आपको इंग्लिश भाषा का ज्ञान हो या ना हो, आप जीमेल सर्विस का फायदा उठा सकते हैं।
जीमेल दुनिया के लगभग सभी फेमस भाषाओं में उपलब्ध है।

कुछ भाषा जैसे हिंदी, जर्मन, फ्रेंच, रशियन आदि ऐसे भाषा है, जो दुनिया के बहुत बड़े जनसंख्या के द्वारा प्रयोग किया जाता है, और इनमें से अधिकतर लोगो को इंग्लिश का सही ज्ञान नहीं है।

तो उनके लिए जीमेल सर्विस काफी लाभकारी साबित हो रहा है, क्योंकि वे अपने लोकल भाषा में जीमेल सर्विस का फायदा उठा रहे हैं, और विभिन्न क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।

GMAIL के अन्य लाभ-

  • जीमेल पर आपको हर दिन 500 ईमेल भेजने की सुविधा है जो कि किसी नॉर्मल यूजर या छोटे बिजनेस के लिए काफी है।
  • जीमेल पर आप बहुत ही कम चार्ज पर कर कस्टम डोमेन ईमेल आईडी यूज कर सकते हैं।
  • जीमेल मोबाइल ऐप पर आप किसी भी ईमेल सर्विस प्रोवाइडर के ई-मेल को एक्सेस कर सकते हैं।
3.

What is the full form of Email (ईमेल) ?

Answer»

Email(ईमेल) का मतलब या फुल फॉर्म Electronics Mail (इलेक्ट्रॉनिक मेल) होता है

ईमेल का मतलब होता है इलेक्ट्रॉनिक ढंग से दो लोगों के बीच पत्राचार करना

पुराने जमाने में हम एक दूसरे को पत्र या मैसेज भेजने के लिए चिट्ठी लिखा करते थे इसी को इंटरनेट और कंप्यूटर के जमाने में इलेक्ट्रॉनिक ढंग से किया जाता है

ईमेल एक जरिया है, जिसके तहत 2 लोगों के बीच इलेक्ट्रॉनिक ढंग से, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज जैसे कंप्यूटर या मोबाइल का प्रयोग कर मैसेज या मेल भेजा जाता है

यह मेल भेजने का सबसे आसान उन्नत और सुरक्षित तरीका है

आज दुनिया का लगभग हर इंसान ई-मेल का प्रयोग करता है

जब हम किसी को ईमेल यानी इलेक्ट्रॉनिक मेल भेजते हैं, तो उसमें एक मैसेज के साथ बहुत सारे फॉर्मेट के डाक्यूमेंट्स भी भेज सकते हैं, जैसे की इमेज, वीडियो, पीडीएफ, एनिमेशन आदि

आज पूरी दुनिया में हर दिन 125 बिलियन से ज्यादा बिजनेस ईमेल भेजा जाता है

वहीं 112 बिलियन से ज्यादा कंजूमर मेल हर दिन भेजा जाता है

Email(ईमेल) का इतिहास

ई-मेल की शुरुआत 1960 में बहुत सारे लिमिटेशंस के साथ हुई थी

अमेरिकन कंप्यूटर प्रोग्रामर Raymond Samuel Tomlinson ने ईमेल का आविष्कार किया था

जब शुरू में ईमेल का चलन शुरू हुआ तो यह इंस्टेंट मैसेजिंग की तरह था
जिसमें मेल भेजने वाले और मेल रिसीव करने वाले दोनों का ऑनलाइन होना जरूरी होता था

1970 के बाद से ही ईमेल ने सही ढंग से काम करना शुरू किया और इसका सही मायने में प्रयोग शुरू हुआ

ईमेल एड्रेस क्या होता है

ईमेल एड्रेस वह एड्रेस होता है, जिस पर किसी मेल को डिलीवर होना है
शुरुआत में इसके लिए कई लेटर का प्रयोग किया जाता था, लेकिन बहुत रिसर्च के बाद @ को ईमेल एड्रेस के रूप में पहचान मिली

जैसे अगर कोई ईमेल आईडी अजय @ Gmail.com है, तो यह ईमेल एड्रेस @ के बाद का पार्ट gmail.com हुआ, मतलब भेजा हुआ मेल जीमेल के प्लेटफार्म पर डिलीवर होगा

ओपन सोर्स ईमेल प्लेटफॉर्म

ई-मेल यूज़ करने के लिए दुनिया में बहुत सारे ओपन प्लेटफार्म है जिनका प्रयोग आप फ्री में कर सकते हैं लेकिन उनके तरफ से कुछ कंडीशन से लगाए जाते हैं जिनका आपको पालन करना होगा

इन सारे ई-मेल ओपन प्लेटफार्म में जीमेल यानी गूगल मेल सबसे ज्यादा फेमस है और दुनिया में लगभग 1.5 बिलियन लोग इसका प्रयोग करते हैं

ईमेल और जीमेल में क्या अंतर है?

ईमेल यानि इलेक्ट्रॉनिक मेल है, इसका मतलब है कि यह सेवा का नाम है, जिसके उपयोग से हम दुनिया में किसी को भी संदेश, दस्तावेज और अन्य प्रकार की फाइलें भेजने में है
इस सेवा प्रयोग हम कंप्यूटर या मोबाइल की मदद से करते है

जबकि, जीमेल यानी Google मेल, Google द्वारा एक मुफ्त ईमेल सेवा मंच है।

4.

What is the full form of DMCA (डीएमसीए) ?

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DMCA (डीएमसीए) का फुल फॉर्म या मतलब The Digital Millennium Copyright Act (डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट) होता है

5.

What is the full form of google (गूगल) ?

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Global Organization of Oriented Group Language of Earth (ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ओरिएंटेड ग्रुप लैंग्वेज ऑफ अर्थ)

6.

What is the full form of GSM(जीएसएम) ?

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GSM का अर्थ या पूर्ण रूप Global System for Mobile Communication है। इसे 2जी डिजिटल सेलुलर नेटवर्क के लिए प्रोटोकॉल का वर्णन करने के लिए विकसित किया गया था।

इस सेलुलर नेटवर्क का उपयोग मोबाइल उपकरणों जैसे मोबाइल फोन और टैबलेट द्वारा किया जाता था। Global system for mobile communication मोबाइल को पहली बार फ़िनलैंड में दिसंबर 1991 में विकसित किया गया था।

Global system for mobile communication 2010 के मध्य तक मोबाइल संचार के लिए वैश्विक मानक बन गई, जहां इसने 90% से अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल की और यह 190 से अधिक देशों और क्षेत्रों में संचालित हुई।

यूरोपीय दूरसंचार मानक संस्थान ने एक मानक विकसित किया। यह एक मानक है जिसे उन्होंने GSM या Global system for mobile communication का नाम दिया है।

2G या दूसरी पीढ़ी के नेटवर्क को पहली पीढ़ी के कनेक्शन एनालॉग सेलुलर नेटवर्क के प्रतिस्थापन के रूप में विकसित किया गया था।

GSM के बारे में

  • Global System for Mobile Communication (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन) मानक थी जिसे पहले एक डिजिटल सर्किट स्विच्ड नेटवर्क के रूप में वर्णित किया गया था।
  • यह नेटवर्क पूर्ण डुप्लेक्स वॉयस टेलीफोनी के लिए अनुकूलित किया गया था।
  • आने वाले समय में मोबाइल के लिए वैश्विक व्यवस्था का विस्तार हुआ।
  • GSM का विस्तार डेटा संचार को शामिल करना था। GSM का यह डेटा संचार विस्तार सबसे पहले सर्किट स्विच्ड ट्रांसपोर्ट द्वारा हुआ। सर्किट स्विच्ड ट्रांसपोर्ट के बाद यह पैकेट डेटा ट्रांसपोर्ट के लिए हुआ। ये सामान्य पैकेट रेडियो सेवाओं के साथ-साथ GSM विकास के लिए बढ़ी हुई डेटा दरों के माध्यम से थे।
  • 3GPP ने तीसरी पीढ़ी के UPTS मानक विकसित किए और फिर चौथी पीढ़ी के 4G LTE उन्नत संस्करण के रूप में आए और पांचवीं पीढ़ी के 5G मानक जो ETSI GSM मानक का हिस्सा नहीं हैं।

GSM इतिहास

  • 1983 में डिजिटल सेलुलर वॉयस टेलीकम्युनिकेशन के लिए एक यूरोपीय मानक विकसित करने के लिए। यह तब था जब डाक और दूरसंचार प्रशासन के यूरोपीय सम्मेलन ने ग्रुप स्पेशल मोबाइल या GSM समिति का निर्माण किया था। बाद में इसने पेरिस में एक स्थायी तकनीकी सहायता समूह प्रदान किया।
  • 1987 में कोपेनहेगन में एक समझौता ज्ञापन पर 13 यूरोपीय देशों के 15 प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। पूरे यूरोप में एक सामान्य सेलुलर टेलीफोन प्रणाली विकसित करने के लिए इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • यह तब हुआ जब यूरोपीय संघ के नियम पारित किए गए थे। इस GSM को अनिवार्य मानक बनाने के लिए नियम पारित किए गए थे। एक महाद्वीपीय मानक विकसित किया गया जो एक एकीकृत, खुला और मानक आधारित नेटवर्क बन गया। यह नेटवर्क संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में बड़ा और बड़ा था।
  • फरवरी 1987 में यूरोप द्वारा पहली सहमत GSM तकनीकी विनिर्देश तैयार किया गया था। मई में वैश्विक सूचना नेटवर्क पर बॉन घोषणा के साथ GSM के लिए एक राजनीतिक समर्थन और चार बड़े यूरोपीय संघ के देशों के मंत्रियों द्वारा सितंबर में GSM समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • यह 38 सप्ताह की समयावधि थी जब पूरे यूरोप को एकता और गति में GSM के पीछे लाया गया था। यह चार सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा निर्देशित किया गया था जैसे कि आर्मिन साइबरहॉर्न फॉर्म गर्नमनी, यूके से स्टीफन टेम्पल, इटली से रेन्ज़ो फैली और फ्रांस से फिलिप डुपुइस।
  • थॉमस हग और फिलिप ड्यूपियस को 2018 जेम्स क्लर्क मैक्सवेल मेडल से सम्मानित किया गया। यह उन्हें पहले अंतरराष्ट्रीय मोबाइल संचार मानक के विकास में उनके नेतृत्व के लिए प्रदान किया गया था।
  • अब यह GSM या 2G नेटवर्क 3G, 4G और 5G नेटवर्क में विकसित हो गया है।

GSM(Global System for Mobile Communication(ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन)) द्वारा समर्थित आवेदन

जब उपयोगकर्ता अपने GSM फोन को कंप्यूटर सिस्टम से जोड़ता है तो Global system for mobile communication सुविधाओं के रूप में समर्थन करती है।

मोबाइल फैक्स

GSM के कारण उपयोगकर्ता किसी भी स्थान पर फैक्स भेज और प्राप्त कर सकता है जहां GSM सेवा उपलब्ध है

इंटरनेट

Global System for Mobile Communication(ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन) इंटरनेट एक्सेस के लिए सबसे मजबूत वायरलेस डेटा कनेक्टिविटी प्रदान करती है।

सुरक्षित लैन एक्सेस

Global system for mobile communication कॉर्पोरेट स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क के लिए एक सुरक्षित पहुंच प्रदान करती है और यह हवाई लिंक को एन्क्रिप्ट करती है। GSM यहां निजी ईमेल और फैक्स के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।

7.

What is the full form of ICT (आईसीटी) ?

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ICT की फुल फॉर्म Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology है जो एकत्रित या समूह शब्द है जो तकनीकी उपकरणों और संबंधित संसाधनों जैसे संचार उपकरणों के बारे में बताता है ।

जिनका उपयोग नेटवर्क आधारित नियंत्रण और निगरानी, ​​ऑडियो-विजुअल प्रोसेसिंग, इंटेलीजेंट बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम, दूरसंचार प्रसारण, मीडिया आदि में किया जाता है।

इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी डिजिटल उपकरणों और उत्पादों के लिए उपकरणों के समूह के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्दों के अलावा और कुछ नहीं है, जो डिजिटल डेटा जैसे रोबोट, मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि को पुनः प्राप्त, प्रबंधित और संग्रहीत करता है।

Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology के तहत अनुप्रयोग और संचार के तरीके हर दिन बदलते हैं इसलिए इस शब्द को Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology को एक विशेष तरीके से परिभाषित करना संभव नहीं है।

शिक्षा में ICT (आईसीटी)

Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology का उपयोग समय के साथ विकसित हुआ है और समय के साथ तेजी से बढ़ रहा है। चूंकि सूचना प्रौद्योगिकी और संचार एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है, इसलिए विशेष रूप से व्यवसायों और संगठनों में ICT उत्पाद और सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ा है।

इन सूचना और संचार उपकरणों को स्कूलों में व्यापक रूप से सूचना बनाने, संग्रहीत करने, प्रसारित करने या संचार करने और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

पारंपरिक चॉकबोर्ड को डिजिटल व्हाइटबोर्ड के साथ-साथ फ़्लिप किए गए कक्षा मॉडल के साथ बदलने जैसे तरीकों से शिक्षण और सीखने की बातचीत के लिए ICT महत्वपूर्ण हो गया है, जहां छात्र घर पर व्याख्यान देखते हैं जिसे अपने कंप्यूटर या डिजिटल उपकरणों पर “ऑनलाइन शिक्षण” भी कहा जाता है और कक्षा के समय का उपयोग करते हैं, अधिक अन्य इंटरैक्टिव अभ्यासों के लिए।

Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology उच्च स्तर की सोच कौशल को बढ़ावा देगी, छात्रों को अपनी समझ को व्यक्त करने के लिए रचनात्मक विकल्प प्रदान करेगी। ये ICT उत्पाद छात्रों को अपने परिवेश में चल रहे तकनीकी परिवर्तनों से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार करते हैं।

यह सब तभी हो सकता है जब शिक्षक इन सभी Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology उपकरणों का उपयोग करने के लिए डिजिटल रूप से साक्षर और प्रशिक्षित हो सकें, खासकर भारत जैसे देश में।

ICT के उपयोग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुल लागत लाभ समीकरण पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ICT उपकरण और सॉफ्टवेयर के लिए हार्डवेयर, शिक्षक सहायता आदि जैसे बुनियादी ढांचे को बनाए रखना चाहिए।

ICT विशेषताएं

Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology रोजमर्रा की जिंदगी और आने वाली पीढ़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology अब बुनियादी जरूरतों में शामिल है और व्यावसायिक संगठन इसे कई अलग-अलग तरीकों से उपयोग करते हैं। ICT का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है जैसे कि व्यावसायिक संसाधनों को बढ़ावा देना, ग्राहकों को लाना, व्यवसाय में उत्पादकता बढ़ाना आदि।

Information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and Communication Technology आधारित उद्योग का किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। सूचना और संचार में कुछ स्मार्ट और बुद्धिमान विशेषताएं शामिल हैं और मौजूदा तकनीकों में अधिक से अधिक जोड़ें।

विभिन्न औद्योगिक सेवाएं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सूचना संचार और प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं। इन आधुनिक संचार नेटवर्क का उपयोग विज्ञापन बढ़ाने के साथ-साथ व्यवसायों के विकास के लिए भी किया जाता है।

आईसीटी के कंपोनेंट

The ictionary.tuteehub.com/tag/information-238790">information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and communication सभी तकनीकी उपकरणों और संसाधनों जैसे संचार उपकरणों और अनुप्रयोगों का वर्णन करने वाला एक शब्द है। ये The ictionary.tuteehub.com/tag/information-238790">information ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and communication शब्द व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है क्योंकि इसमें सभी प्रौद्योगिकियां शामिल हैं जो संघों और व्यक्तियों को एक दूसरे के साथ डिजिटल दुनिया में जुड़ने में सक्षम बनाती हैं।

ये सूचना संचार और प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक हैं –

  • सॉफ्टवेयर
  • क्लाउड कम्प्यूटिंग
  • संचार प्रौद्योगिकी
  • इंटरनेट का उपयोग
  • हार्डवेयर
  • डेटा
  • Transaction

ICT महत्व

ICT अब एक बुनियादी जरूरत और महत्वपूर्ण है। ये हैं सूचना संचार और प्रौद्योगिकी के महत्व –

  • ICT क्षेत्र में किसी भी देश के आर्थिक विकास पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के प्रभाव शामिल हैं।
  • आज कई उत्पाद और सेवाएं जाने-अनजाने ICT क्षेत्र पर निर्भर हैं।
  • The ictionary.tuteehub.com/tag/information-238790">information communication ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and technology समाज के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है।
  • व्यवसाय विभिन्न तरीकों से ICT का उपयोग उत्पादकता, लाभ, ग्राहकों को प्राप्त करने, संगठन की कुशलता को बढ़ाने आदि के लिए करते हैं।
  • ये The ictionary.tuteehub.com/tag/information-238790">information communication ictionary.tuteehub.com/tag/and-245048">and technology अन्य बुद्धिमान और स्मार्ट कार्यों को भी वर्तमान प्रौद्योगिकियों में प्रस्तुत कर रहे हैं।
  • ICT आधुनिक संचार नेटवर्क को उद्यम विज्ञापन और विकास में सुधार के लिए उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
8.

What is the full form of OTP(ओटीपी) ?

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OTP(ओटीपी) का मतलब या फुल फॉर्म One Time Password (वन टाइम पासवर्ड) होता है।

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है यह एक ऐसा पासवर्ड होता है जिसका यूज केवल एक बार किया जा सकता है।

अलग-अलग तरह के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए वन टाइम पासवर्ड की जरूरत होती है।

आपका बैंक या कोई अन्य सर्विस प्रोवाइडर आपको वन टाइम पासवर्ड देता है ताकि आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान यह सिद्ध कर सके कि ट्रांजैक्शन आप ही कर रहे हैं।

वन टाइम पासवर्ड ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बहुत हद तक सिक्योर बना दिया है, और जो लोग सावधानी से वन टाइम पासवर्ड का यूज करते हैं, उनके साथ ऑनलाइन फ्रॉड होने का चांस बहुत कम हो जाता है।

तो इस आर्टिकल में हम ओटीपी मतलब वन टाइम पासवर्ड के बारे में पूरी जानकारी हासिल करेंगे।

OTP(ओटीपी) क्या होता है?

जैसा की आपको पहले ही बताया जा चुका है, की ओटीपी का मतलब होता है वन टाइम पासवर्ड।

एक ऐसा पासवर्ड जिसे आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान केवल एक बार ही यूज कर सकते हैं।

आज के इस नए युग में जब हम अपना बहुत सारा काम ऑनलाइन करते हैं, जैसे की शॉपिंग, बैंकिंग, पेमेंट आदि।

तो वहीं पर ऑनलाइन फ्रॉड होने का भी चांस बना रहता है।

जब भी हम कोई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं तो हमें अपना यूजर आईडी और पासवर्ड इंटर करना होता है

इसके साथ ही एक एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर का भी यूज़ किया जाता है जिसे वन टाइम पासवर्ड करते हैं

जब भी आप किसी ट्रांजैक्शन के लिए अपना यूजर आईडी और पासवर्ड इंटर करते हैं, उसके बाद ट्रांजैक्शन के अंतिम प्रक्रिया में आपके पास एक वन टाइम पासवर्ड आपके मोबाइल या ईमेल आईडी पर आता है, जिसे दर्ज करने के बाद ही आपका ट्रांजैक्शन पूरा हो पाता है

ओटीपी कुछ निर्धारित समय तक के लिए ही वैलिड होता है अगर उस निर्धारित समय के दौरान अगर आपने उस ओटीपी को यूज़ नहीं किया तो वह बेकार हो जाता है

अलग-अलग ट्रांजैक्शन के लिए हर बार आपको एक नया ओटीपी आपके सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से दिया जाता है ओटीपी चार या 6 अंकों का होता है
जो अंक या, अंक और अक्षर का मिलाजुला रूप हो सकता है

जैसे कि अगर आप अपना डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन यूज करते हैं, तो आपको आपके बैंक की तरफ से उस ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए एक वन टाइम पासवर्ड भेजा जाता है जो 10 मिनट से लेकर 30 मिनट तक वैलिड रह सकता है

OTP(ओटीपी) कैसे काम करता है?

ओटीपी या वन टाइम पासवर्ड किसी भी ट्रांजैक्शन को पूरा करने के दौरान जनरेट होता है
ओटीपी हाईली सिक्योर होता है। क्योंकि यह सिस्टम के द्वारा अपने आप जनरेट किया जाता है, और इसमें कहीं से भी इंसानी दखलंदाजी नहीं होता है

वन टाइम पासवर्ड का वैल्यू हैस्ड मैसेज ऑथेंटिकेशन कोड अल्गोरिथम (Hashed message authentication code algorithm) और मूविंग फैक्टर जैसे की टाइम बेस्ड इनफार्मेशन या इवेंट काउंटर के द्वारा गेनेराते होता है.

तो मान लिया कि आप कोई बैंकिंग ट्रांजैक्शन कर रहे हैं. तो उस के दौरान जो ओटीपी जनरेट हुआ है. वह आपके अलावा किसी और को पता नहीं होता है
यहां तक कि आपके बैंक के कर्मचारी को भी नहीं

आपकी किसी भी ट्रांजैक्शन के दौरान जो ओटीपी आपको मिला है, उसे जब आप सिस्टम पर दर्ज करते हैं, तो सिस्टम उसे जनरेट किए हुए पासवर्ड के साथ मिलान करता है
अगर जो पासवर्ड सिस्टम ने जेनेरेट किया था, वही आपने दर्ज किया, तो आपका ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल हो जाता है

ओटीपी (OTP) का यूज कहां -कहां होता है?

आज किसी भी तरह का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के लिए ओटीपी की जरूरत होती है, निम्न प्रमुख स्थानों पर आपको ओटीपी का प्रयोग करना होता है

  • बैंकिंग ट्रांजैक्शन के दौरान
  • ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान
  • ऑनलाइन किसी भी सर्विस का लाभ उठाते समय
  • सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म पर अपना अकाउंट बनाते समय

ओटीपी (OTP) कैसे प्राप्त किया जा सकता है?

अलग-अलग प्लेटफार्म पर अलग-अलग सर्विसेस का प्रयोग करने के लिए आप अलग अलग ढंग से ओटीपी प्राप्त कर सकते हैं

निम्न चार तरह से आप अपनी ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए ओटीपी प्राप्त कर सकते हैं-

  1. s.m.s. के द्वारा
  2. ईमेल के द्वारा
  3. वॉइस कॉल के द्वारा
  4. डाक के द्वारा

आज अधिकतर बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए ओटीपी s.m.s. या ईमेल के द्वारा प्राप्त किया जाता है

वहीं कई जगह पर आपको Voice ओटीपी की भी सुविधा मिलती है

डाक के द्वारा ओटीपी आपको कुछ ही ट्रांजैक्शन के लिए दिया जाता है, जैसे कि वैसा ट्रांजैक्शन जिसमें आप का एड्रेस वेरिफ़िकेशन भी होना है

तो उस मामले में आप का ओटीपी आपको पोस्ट द्वारा आपके रजिस्टर्ड एड्रेस पर भेजा जाता है

डाक से मिलने वाले पासवर्ड में यूजर और उसके पता दोनों की पहचान एक साथ हो जाती है

ओटीपी कैसा होता है?

ओटीपी अक्षर या अंक और अक्षर का मिलाजुला रूप हो सकता है

अधिकतर बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए जो ओटीपी आपको प्राप्त होता है, वह अंक ही होता है ओटीपी 4 से 6 अंक का हो सकता है

Example of OTP-

Numeric OTP- 548736

Alphanumeric password- ILB- 229634

ओटीपी कितना सिक्योर होता है?

ओटीपी बहुत ही सिक्योर होता है

ओटीपी जिस यूजर द्वारा जनरेट किया गया है, केवल उसी को पता होता है, यह उस यूजर के मोबाइल और ईमेल आईडी पर प्राप्त होता है

ओटीपी को सिक्योर बनाने के लिए समय के साथ इसमें और भी सिक्योरिटी फीचर जोड़ा जाता रहता है

ओटीपी के फायदे

ऑनलाइन कि इस दुनिया में ओटीपी ट्रांजैक्शंस को सेक्युरीली पूरा करने में बहुत मददगार साबित हो रहा है, ओटीपी के कुछ प्रमुख फायदे निम्न है-

  • ओटीपी आपको ऑनलाइन फ्रॉड होने से बचाता है
  • कई बार जब हम अपना क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड कहीं स्वाइप करते हैं तो कई धोखेबाज उसे कॉपी कर ले सकते हैं ,लेकिन ओटीपी के कारण वे किसी भी तरह का कोई ट्रांज़ैक्शन नहीं कर पाएंगे
  • ओटीपी किसी भी हालत में रजिस्टर्ड मोबाइल और ईमेल आईडी पर ही डिलीवर होता है
  • किसी भी ट्रांजैक्शन के दौरान जनरेट होने वाला ओटीपी केवल यूजर को ही पता होता है

अपना ओटीपी किसी के साथ शेयर क्यों नहीं करना चाहिए?

अक्सर आपको आपके बैंक और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर हमेशा सलाह देते हैं, कि अपना ओटीपी किसी भी हाल में किसी भी व्यक्ति, चाहे वह बैंक का ही क्यों ना हो नहीं बताना चाहिए

क्योंकि ओटीपी किसी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का लास्ट स्टेप से होता है

अगर किसी कारण से किसी व्यक्ति के पास आपका कार्ड डिटेल्स या इंटरनेट बैंकिंग डिटेल चला गया है, तो वह किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन तभी कर पाएगा

जब उसे आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर मिलने वाला ओटीपी पता होगा

इसलिए कभी भी किसी भी हाल में किसी भी पर्सन को अपना ओटीपी नहीं बताना चाहिए

क्या ओटीपी के बिना भी बैंकिंग ट्रांजैक्शन किया जा सकता है?

जी हां बहुत सारी ऐसे सर्विस प्रोवाइडर हैं,जहां अगर आप अपना कार्ड ऑनलाइन यूज करते हैं तो बिना ओटीपी के भी आपका ट्रांजैक्शन पूरा हो जाएगा

इसीलिए कभी भी आप अपना कार्ड डिटेल्स किसी को ना बताएं

तो दोस्तों उम्मीद है कि ओटीपी फुल फॉर्म के बारे में यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा

अगर आप ही आर्टिकल इंग्लिश में पढ़ना चाहें तो फुल फॉर्म डॉट वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं

आप कोई जानकारी या सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बता सकते हैं

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What is the full form of RTF (आरटीएफ ) ?

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संक्षिप्त नाम RTF का फुल फॉर्म या अर्थ Rich Text Format है। जैसा कि नाम से संकेत मिलता है कि Rich Text Format कंप्यूटर या किसी भी डिजिटल डिवाइस में डिजिटल दस्तावेज़ फ़ाइल का एक प्रकार का प्रारूप है।

Rich Text Format एक प्रारूप है जिसे 1987 में विकसित किया गया था। इसे Microsoft Corporation द्वारा विकसित किया गया था जो अपने Microsoft फैमिली उत्पादों के लिए जाना जाता है।

Microsoft ने इसे अन्य Microsoft उत्पादों के साथ क्रॉस प्लेटफ़ॉर्म दस्तावेज़ इंटरचेंज के उद्देश्य से 2008 तक विकसित किया।

Rich Text Format का एक अद्यतन (Latest) डिज़ाइन 2008 में Microsoft द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसमें Office और Microsoft संस्करणों के प्रमुख संशोधन थे।

RTF के बारे में

Rich Text Format वर्तमान में उपयोग किया जाने वाला डिजिटल दस्तावेज़ फ़ाइल स्वरूप है।

वर्ड प्रोसेसर जो वर्ड डॉक्यूमेंट बनाने और पढ़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं, Rich Text Format या RTF के कुछ संस्करणों को पढ़ने और लिखने में सक्षम होते हैं।

डिजिटल डिवाइस या कंप्यूटर में बनाई गई फाइलें एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर और एक प्रोसेसर से दूसरे में पोर्टेबल होती हैं, हालांकि Rich Text Format फाइलों की यह पोर्टेबिलिटी RTF के उस संस्करण पर निर्भर करती है जिसका उपयोग फाइल बनाने या फाइल को पढ़ने के लिए किया जा रहा है।

Rich Text Format डिज़ाइन के विभिन्न संस्करण हैं।

Rich Text Format की तरह IBM कंपनी ने RFT-DCA विकसित किया जो कि रिवाइजेबल फॉर्मेट टेक्स्ट डॉक्यूमेंट कंटेंट आर्किटेक्चर है।

इसी तरह अन्य प्रारूप उपलब्ध हैं जैसे समृद्ध पाठ, पूर्ववर्ती समृद्ध पाठ आदि। हालांकि Rich Text Format इनमें से किसी की तरह नहीं है, क्योंकि RTF सभी प्रारूपों में अलग-अलग है।

RTF (आरटीएफ ) क्या होता है? (आसान भाषा में)

RTF का फुल फॉर्म रिच टेक्स्ट फॉरमैट होता है

जैसा कि आप जानते हैं कई तरह के फ़ाइल format होते हैं जैसे कि doc , pdf आदि, तो शुरुआत में, जब doc और अन्य तरह के फाइल फॉर्मेट नहीं आए थे, तब माइक्रोसॉफ्ट ने txt format से आगे बढ़ते हुए, १९८७ में उस समय का नया और advance रिच टेक्स्ट फॉरमैट यानी RTF को बनाया था

यह उस समय पहला ऐसा फाइल फॉरमैट था जिसमें एक साथ टेक्स्ट और इमेज के साथ-साथ अन्य जरूरी एलिमेंट्स जैसे की इटैलिक,बोल्ड आदि को भी यूज किया जा सकता था

लेकिन जैसे-जैसे डॉक फाइल फॉर्मेट का चलन बढ़ता गया, आम लोगों के बीच RTF फ़ॉर्मैट का प्रयोग कम होता गया और आज बहुत कम लोग ही, इस फाइल फॉर्मेट का यूज़ करते हैं

अगर आपको कोई RTF फ़ाइल को ओपन करना हो तो आप उसे माइक्रोसॉफ्ट के वर्ड पैड में ओपन कर सकते हैं

वर्ड पैड RTF पाइल्स के लिए डिफॉल्ट एडिटर होता है

RTF का इतिहास

1980 के दशक के मध्य में Rich Text Format का मूल संस्करण विकसित किया गया था। Rich Text Format का यह पहला संस्करण माइक्रोसॉफ्ट वर्ड विकसित टीम के 3 सदस्यों द्वारा विकसित किया गया था जिसका नाम रिचर्ड ब्रॉडी, चार्ल्स सिमोनी और डेविड ल्यूबर्ट था।

Microsoft सदस्यों द्वारा विकसित Rich Text Format का यह मूल संस्करण पाठक और लेखक के रूप में काम करने में सक्षम था और इसे पहली बार 1987 में शिप किया गया था। इस संस्करण को Macintosh के लिए Microsoft 3.0 के एक भाग के रूप में शिप किया गया था। यह Rich Text Format संस्करण 1.0 डिज़ाइन था।

Rich Text Format के पहले संस्करण के लॉन्च के बाद विंडोज और मैकिन्टोश दोनों के लिए माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के सभी आने वाले संस्करण इस Rich Text Format को पढ़ने और लिखने में सक्षम थे।

ये Rich Text Format फ़ाइलें मुख्य रूप से Windows में Windows मदद फ़ाइलें बनाने के लिए उपयोग की जाती थीं। हालाँकि वर्तमान में इन Windows मदद फ़ाइलों को Microsoft Compiled HTML मदद प्रकार की फ़ाइलों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि Rich Text Format अब विकसित नहीं हुआ है क्योंकि 2008 में माइक्रोसॉफ्ट ने Rich Text Format के और विकास को छोड़ दिया था।

इस मामले में माइक्रोसॉफ्ट के सभी आने वाले संस्करण जैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 2010 और आगे पूरी तरह से Rich Text Format में सेव नहीं करते हैं।

इस फ़ाइल प्रकार के Rich Text Format के लिए बाद में कोई अपडेट नहीं हैं, हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा की थी कि वह Rich Text Format डिजाइन पैटर में संपादकीय और गैर-मौलिक संशोधन करेगा।

यह एक संबद्ध ISO/IEC 29500 सर्वेक्षण समय के दौरान है। इस प्रकार फ़ाइल प्रारूप का अंतिम संस्करण Rich Text Format 2008 में था जो इसका 1.9.1 संस्करण था और माइक्रोसॉफ्ट 2007 में उपलब्ध था।

माइक्रोसॉफ्ट के लिए RTF

RTF का पहला संस्करण 1.0 1987 में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 3 में प्रकाशित हुआ था। इस संस्करण 1.0 में ऑब्जेक्ट लिंकिंग और एम्बेडिंग ऑब्जेक्ट्स के साथ-साथ मैकिंटोश संस्करण मैनेजर सब्सक्राइबर ऑब्जेक्ट्स जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। इसने विंडोज मेटाफाइल, पीआईसीटी, और विंडोज़ डिवाइस को स्वतंत्र और आश्रित बिटमैप के समावेशन का समर्थन किया।

RTF का दूसरा संस्करण 1989 में Microsoft 4 में 1.1 प्रकाशित हुआ था, जिसमें मुख्य रूप से फ़ॉन्ट एम्बेडिंग की अनुमति थी।

RTF का संस्करण 1.5 माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 97 और वर्ड 8 में लॉन्च किया गया था। इसे 1997 में लॉन्च किया गया था जिसने यूनिकोड Rich Text Format प्रस्तुत किया था और यह एन्कोडिंग स्कीम के 16 बिट यूनिकोड वर्णों का समर्थन करता था। इसमें डिफ़ॉल्ट रूप से PNG, JPEG, EMF आदि चित्र प्रारूप भी शामिल थे।

Rich Text Format 1.9.1 का अंतिम संस्करण 2006 में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 7 में लॉन्च किया गया था, जो उपयोगकर्ताओं को एक्सएमएल मार्क-अप, स्मार्ट टैग, गणित तत्व, पासवर्ड सुरक्षा और कस्टम एक्सएमएल टैग आदि की अनुमति देता था।

RTF FAQs in Hindi

आरटीएफ उदाहरण क्या है?

Microsoft Word Pad, document RTF के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है।

RTF का फुल फॉर्म मेडिकल में

मेडिकल में आरटीएफ का फुल फॉर्म रेजिडेंशियल ट्रीटमेंट फैसिलिटी (Residential Treatment Facility) है।

रेजिडेंशियल ट्रीटमेंट फैसिलिटी (RTF) बैक्टीरिया में एक आनुवंशिक कारक है जो कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध को नियंत्रित करता है। यहां ध्यान देने वाली एक महत्वपूर्ण बात यह है कि आरटीएफ कारक एक जीवाणु से दूसरे जीवाणु में जा सकता है।

RTF का फुल फॉर्म बैंकिंग में

बैंकिंग में RTF का फुल फॉर्म रिटर्न ट्रांजेक्शन फाइल होता है।

इसी तरह की फुल फॉर्म

एचटीटीपी फुल फॉर्म

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What is the full form of SAP (सैप) ?

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SAP (सैप) का मतलब या फुल फॉर्म System Application & Products in Data Analysis (सिस्टम एप्लीकेशन एंड प्रोडक्ट्स इन डाटा एनालिसिस) होता है

सैप डेटा प्रोसेसिंग में सिस्टम, एप्लिकेशन और उत्पादों को संदर्भित करता है, जो अपने एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम और कंपनियों और व्यवसायों के लिए डेटा प्रबंधन कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है।

SAP के बारे में

SAP एक ऐसी कंपनी है जो व्यवसाय प्रबंधन के सभी पहलुओं को एकीकृत करने और कवर करने के लिए सॉफ्टवेयर और मॉड्यूल का उत्पादन करती है।

सैप को अपने भविष्य के प्रूफ क्लाउड ईआरपी समाधानों के लिए पहचाना जाता है जो व्यवसायों के लिए सिस्टम होना चाहिए।

यह कार्यों और कार्य, समय-प्रबंधन, धन, और मानव शक्ति सहित कंपनी के सभी संसाधनों को स्वचालित करने में सहायक है।

SAP एक कंपनी के रूप में संगठनों के लिए इन प्रकार के मानकीकृत सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए अग्रणी थी।

वर्तमान में मार्केट में सैप हावी है, और लगातार उद्योग के शीर्ष ईआरपी समाधानों की पेशकश कर रहा है।

SAP सॉफ्टवेयर क्या है?

सैप व्यवसायों और संगठनों को अपने वर्कफ़्लो का प्रबंधन करने और उस संगठन के भीतर सभी डेटा का रिकॉर्ड रखने के लिए सॉफ़्टवेयर बनाता है। यह सॉफ्टवेयर रियल-टाइम बिजनेस प्रोसेसिंग के लिए है।

एक कंपनी के पास अपने ग्राहकों या उपयोगकर्ताओं के विभिन्न प्रकार के डेटा होते हैं यही कारण है कि उनके पास बड़े डेटाबेस हैं जिन्हें प्रबंधित करना आसान नहीं है।

यहां यह ईआरपी समाधान-आधारित सॉफ़्टवेयर (जो सैप का उत्पादन करता है) इन व्यवसायों को सभी विभागों के भीतर अपने डेटा तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। यह कर्मचारियों के लिए डेटा साझाकरण और निर्माण को आसान, सरल और उत्पादक बनाता है।

SAP सॉफ्टवेयर क्या करते हैं?

सैप उद्यमों और संगठनों के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम करता है और कंपनियों के लिए एक केंद्रीकृत विधि बनाता है।

हालाँकि, इस सॉफ़्टवेयर और प्रोग्राम को सीखने के लिए अभ्यास की आवश्यकता है। ये कौशल-आधारित सॉफ़्टवेयर हैं और इसके पूर्णकालिक पाठ्यक्रम इसे ठीक से सीखने में लगभग 8 से 12 सप्ताह तक का समय लेंगे।

यह उन्नत डाटा प्रोसेसिंग तकनीक पर आधारित है, इसलिए इस पर ध्यान देने और ध्यान देने की आवश्यकता है। लेकिन एक बार इन एसएपी ईआरपी कार्यक्रमों में महारत हासिल करने के बाद कार्यालयों में वर्कफ़्लो प्रबंधन के लिए आनंद की तरह है।

यह कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण है, जो कंपनियों को अपने काम के समय में सबसे अधिक लाभ उठाने में मदद करता है।

SAP का इतिहास

सैप की स्थापना जर्मनी के पांच उद्यमियों और आईबीएम के पूर्व कर्मचारियों द्वारा 1972 में की गई थी, जो ऐसे उद्यमों के लिए एक प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं जो वर्कफ़्लो का बेहतर प्रबंधन कर सकें।

सैप के ये पांच संस्थापक थे – डाइटमार होप, हैंस वर्नर हेक्टर, क्लॉस वेलेंरेउथेर, हासो प्लैटनर और क्लाउस त्सिरा।

यह पांच कर्मचारियों के एक छोटे से स्टार्ट-अप के रूप में शुरू हुआ लेकिन इसकी असाधारण तकनीक ने इसे एक बहुराष्ट्रीय उद्यम बना दिया जो 100000 से अधिक कर्मचारियों का प्रबंधन करता है।

इसकी स्थापना के बाद से SAP ने तीन संस्करण जारी किए हैं जो निम्न हैं –

SAP R/1

SAP R/2

SAP R/3

SAP ने दुनिया भर में सफलतापूर्वक विकसित किया है और 180 देशों में 500000 से अधिक ग्राहकों को प्रबंधित किया है, जबकि SAP का मुख्य मुख्यालय वाल्डोर्फ, जर्मनी में स्थित है।

SAP (सैप) पाठ्यक्रम (प्रशिक्षण) –

SAP (सैप) एक बहुत ही महत्वपूर्ण, सहायक और अच्छा सॉफ्टवेयर है, जिसे एसएपी प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि इसे पूरी तरह से समझा जा सके और इसे अच्छी तरह से उपयोग किया जा सके।
आज भारत के कई संस्थान और विश्वविद्यालय SAP के साथ गठजोड़ करते हैं और छात्रों को SAP का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

इस सॉफ्टवेयर की मुख्य अवधारणाओं को वितरित करने के लिए कई SAP मॉड्यूल का उपयोग किया जाता है।

बेसिक और एबीएपी तकनीकी ग्रेड SAP (सैप) प्रशिक्षण में दो प्रमुख मॉड्यूल हैं, जबकि कार्यात्मक ग्रेड मानव संसाधन प्रबंधन, बिक्री और वितरण, वित्त और नियंत्रण, सामग्री प्रबंधन जैसे विभिन्न प्रमुख मॉड्यूल में विभाजित है।

एसएपी प्रशिक्षण के लिए पात्रता

कोई भी छात्र जिसने इंजीनियरिंग या विज्ञान या वाणिज्य विषय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है, एसएपी प्रशिक्षण ले सकता है।

SAP प्रशिक्षण अवधि-

SAP (सैप) पाठ्यक्रम के प्रशिक्षण के लिए कोई मानक अवधि निर्धारित नहीं की गई है, यदि कोई छात्र पूर्णकालिक प्रशिक्षण लेता है, तो वह लगभग 8 से 12 सप्ताह में सैप प्रशिक्षण पूरा कर सकता है।
दूसरी ओर, यदि कोई छात्र अंशकालिक प्रशिक्षण लेता है, तो उसे 15 सप्ताह से अधिक समय लग सकता है।

SAP ट्रेनिंग ट्यूशन फीस-

सैप प्रशिक्षण एक बहुत ही महंगा काम है, आज भी, भारत में प्रशिक्षण संस्थान भारत में प्रशिक्षण के लिए 2 से 2.5 लाख रुपये की राशि लेते हैं।
जबकि यदि कोई छात्र इस कोर्स को ऑनलाइन करता है, तो वह बहुत कम लागत में अपना कोर्स पूरा कर सकेगा।

SAP (सैप) के लाभ

SAP (सैप) सॉफ्टवेयर व्यापार की दुनिया में लोकप्रिय और उपयोगी है, यही कारण है कि इसके कई फायदे हैं। यहाँ उन में से कुछ हैं –

  • यह विशेषज्ञों की तरह हाई लाइफ टाइम स्किल्स प्रदान करता है
  • सिस्टम बिल्डिंग और विधियों के कार्यान्वयन में मदद करता है
  • गलती की संभावनाओं को कम करता है
  • रियल टाइम बिजनेस प्रोसेसिंग के लिए सबसे अच्छा है
  • यह स्वचालित रूप से मुद्रा विनिमय दरों, संस्कृति और भाषा जैसे अवरोधों को जोड़ता है
  • सरल अंतरराष्ट्रीय एकीकरण की एक प्रणाली प्रदान करता है
  • कार्यालयों में एक कुशल कार्य वातावरण
  • कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ावा देना

SAP के नुकसान

SAP सॉफ़्टवेयर में कुछ कमियाँ और सीमाएँ हैं, यहाँ ये हैं –

  • इसकी ठेका प्रणाली विक्रेताओं और कंपनियों के लिए दर्दनाक है
  • यह छोटे स्टार्ट-अप के लिए महंगा हो सकता है
  • सुरक्षा स्तर उतना अच्छा नहीं है, इसलिए परियोजना विफल हो सकती है
  • यह ज्यादा अनुकूलनीय और कम लचीला नहीं है

SAP से जुड़ा अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न

SAP के समान अन्य सॉफ्टवेयर क्या हैं?

सैप ईआरपी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक नेता है। हालांकि, बाजार में एसएपी के लिए अधिक लोकप्रिय और सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले विकल्प हैं। ये SAP के लिए सबसे अधिक समान सॉफ्टवेयर कंपनियां मानी जाती हैं –

  • Adobe
  • IBM
  • Workday
  • Oracle
  • Microsoft
  • Tableau
  • Salesforce
  • VMware
  • Service Now
  • Symantec

SAP के बारे में रोचक तथ्य?

  1. सैप 12 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान करता है जिससे वे अपने बिजनेस को सही तरह मैनेज कर पा रहे हैं और आगे बढ़ पा रहे हैं।
  2. SAP का उपयोग करने वाले ग्राहकों को दुनिया में 52% अधिक फिल्में बनाने का अनुमान है।
  3. SAP के ग्राहकों को दुनिया भर में 65% अधिक टेलीविजन बनाने की सूचना दी जाती है
  4. SAP विभिन्न समाधानों के लिए एक उत्पाद प्रदान करता है जैसे –
  • ERP and Finance
  • Digital supply chain
  • HR and People engagement
  • Network and spend management
  • CRP and Customer experience
  • Digital transformation
  • Business technology platform
  • Small and Midsize enterprises etc.
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What is the full form of SFDC (एसएफडीसी) ?

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SFDC का फुल फॉर्म Salesforce dot com है, जिसे आमतौर पर Salesforce.com कहा जाता है।

Salesforce dot com का नाम सेल्सफोर्स inc है जो एक अमेरिकी क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर कंपनी है। SFDC की स्थापना मार्क बेनिओफ ने की थी और इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में है।

कंपनी SFDC का प्रमुख राजस्व ग्राहक संबंध प्रबंधन या सीआरएम (CRM) सेवा से आता है। सेल्सफोर्स एंटरप्राइज़ एप्लिकेशन का एक पूरक सूट बेचता है जो ग्राहक सेवा, एनालिटिक्स, मार्केटिंग ऑटोमेशन और एप्लिकेशन डेवलपमेंट आदि पर केंद्रित है।

SFDC के बारे में

SFDC को दुनिया का नंबर एक ग्राहक संबंध प्रबंधन या CRM प्लेटफॉर्म माना जाता है। SFDC डेटा पर आधारित मार्केटिंग, सेवा, बिक्री और अधिक संगठनात्मक कार्यों के लिए क्लाउड आधारित ग्राहक संबंध प्रबंधन प्रदान करता है।

SFDC ने मुख्य रूप से बदल दिया है कि एंटरप्राइज़ सॉफ़्टवेयर कैसे वितरित किया जाता है और आज इसे अक्सर कैसे उपयोग किया जाता है। SFDC का सॉफ्टवेयर क्लाउड आधारित है, इसलिए क्लाइंट या ग्राहक के लिए कुछ भी स्थापित करने के लिए उन्हें किसी सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं है।

SFDC ने संगठनों के लिए ग्राहकों से जुड़ने का आदर्श तरीका प्रस्तुत किया है। SFDC ने ग्राहक के साथ सार्थक और स्थायी बंधन बनाने, समस्याओं का तेजी से समाधान करने, ग्राहक केंद्रित ऐप्स को तैनात करने और कंपनी के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करने, ग्राहकों की जरूरतों की पहचान करने आदि के तरीके को परिभाषित किया।

SFDC या सेल्सफोर्स technologies सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में अग्रणी और लोकप्रिय प्रकार की प्रौद्योगिकी में से एक रही हैं। SFDC प्रौद्योगिकी के कारण SFDC डेवलपर्स के साथ-साथ बिक्री बल प्रशासन नौकरी आवेदकों के लिए नौकरी के कई अवसर पैदा होते हैं।

SFDC के आवेदकों को मुख्य रूप से प्रत्यक्ष बिक्री प्रयास के माध्यम से और परोक्ष रूप से अपने भागीदारों के माध्यम से सदस्यता के आधार पर प्रदान किया जाता है।

SFDC technologies

ये SFDC में उपयोग की जाने वाली technologies हैं –

Apex

SFDC में एपेक्स एक प्रोग्रामिंग भाषा है जो डिजाइनरों को स्ट्रीम को निष्पादित करने के साथ-साथ फोर्स डॉट कॉम पर व्यापार नियंत्रण अभिकथन की अनुमति देता है। एपेक्स एक तकनीकी भाषा या तकनीकी भाषा है और इसे डेटा कनेक्टेड, उपयोग में आसान, सावधान, मल्टीटेनेंट, प्रोत्साहित, सामान्य रूप से अपग्रेड करने योग्य, और परीक्षण और आकार में आसान आदि के रूप में बनाया गया है।

Visualforce

विजुअलफोर्स सेल्सफोर्स की मुख्य तकनीकों में से एक है जो एक ऐसी संरचना है जो पुन: प्रयोज्य इंटरफेस के निर्माण को सक्षम बनाती है, गतिशील जिसे स्थानीय रूप से force.com पर प्रोत्साहित किया जा सकता है।

विजुअलफोर्स का उपयोग बिक्री बल संबद्धता के अंदर कस्टम पेज बनाने के लिए किया जा सकता है और योजनाकार एपेक्स में लिखे गए नियंत्रक वर्ग के साथ तर्क की अपनी एक प्रकार की विधि को इंटरफ़ेस कर सकते हैं।

दृश्य बल के माध्यम से निर्माता आसानी से मानक प्राप्त करने के लिए पृष्ठ बना सकते हैं, कस्टम टैब का वर्णन कर सकते हैं, टैब ऑडिट पृष्ठों को निरस्त कर सकते हैं, डैशबोर्ड भाग बना सकते हैं, विवरण पृष्ठ डिज़ाइन में भागों को एम्बेड कर सकते हैं, SFDC समर्थन प्रणाली में साइडबोर्ड को फिर से आज़मा सकते हैं और साथ ही मेनू चीजों को शामिल कर सकते हैं आदि। .

Salesforce lightning

SFDC लाइटनिंग SFDC प्लेटफॉर्म के उल्लेखनीय उन्नयन के पीछे विभिन्न उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का एक प्रकार का संग्रह है। इस बिजली में शामिल हैं –

Lightning component framework.

लाइटनिंग घटक ढांचा एक जावास्क्रिप्ट ढांचा है और यह मानक घटकों का सेट है जो उपयोगकर्ता को बिजली के अनुभव, SFDC 1 मोबाइल ऐप और टेम्पलेट आधारित समुदायों को अनुकूलित करने और उपयोगकर्ता के स्वयं के स्टैंडअलोन ऐप बनाने के लिए पुन: प्रयोज्य घटकों का निर्माण करने में सक्षम बनाता है।

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What is the full form of SIM (सिम) ?

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SIM का फुल फॉर्म या इसका अर्थ subscriber identity module (सब्सक्राइबर आईडेंटिटी माड्यूल) है।

हालाँकि इसे subscriber identified module के रूप में भी जाना जाता है।

सब्सक्राइबर आईडेंटिटी माड्यूल एक एकीकृत सर्किट है, जो कार्ड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाता है।

इस प्रणाली का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान या IMSI नंबर को उसकी संबंधित key के साथ सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिए किया जाता है।

मोबाइल फोन और कंप्यूटर ,मोबाइल टेलीफोनी उपकरण हैं जिन पर ग्राहकों को प्रमाणित और पहचाना जाता है। यह IMSI और संबंधित key द्वारा किया जाता है।

संपर्क जानकारी विभिन्न SIM कार्डों पर भी संग्रहीत की जाती है। ये Subscriber identity module कार्ड वैश्विक प्रणाली पर मोबाइल संचार फोन के लिए, सीडीएमए फोन के लिए उपयोग किए जाते हैं और ये केवल LTE सक्षम हैंडसेट के लिए आवश्यक हैं।

सब्सक्राइबर आईडेंटिटी माड्यूल कार्ड का उपयोग सैटेलाइट फोन, कंप्यूटर, कैमरा, स्मार्ट वॉच आदि में किया जा सकता है।

यह Subscriber identity module सार्वभौमिक एकीकृत सर्किट कार्ड या यूआईसीसी भौतिक स्मार्ट कार्ड के कार्य का एक हिस्सा है। ये स्मार्ट कार्ड पीवीसी से बने होते हैं जिनमें एम्बेडेड कॉन्टैक्ट्स के साथ-साथ सेमीकंडक्टर्स भी होते हैं।

SIM के बारे में

Subscriber identity module कार्ड विभिन्न मोबाइल उपकरणों के बीच हस्तांतरणीय हैं।

पहले यूनिवर्सल इंटीग्रेटेड सर्किट कार्ड या यूआईसीसी स्मार्ट कार्ड में क्रेडिट कार्ड के आकार का होता था। बाद में आकार को कई बार छोटा किया गया जिससे सामान्यत: विद्युत संपर्क पहले की तरह ही रहे।

सीरियल नंबर या ICCID, अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान या IMSI नंबर, सुरक्षा प्रमाणीकरण और सिफरिंग जानकारी, उन सेवाओं की सूची, जिन तक उपयोगकर्ता की पहुंच है, दो पासवर्ड जो सामान्य उपयोग के लिए व्यक्तिगत पहचान संख्या और पिन अनब्लॉकिंग के लिए व्यक्तिगत अनब्लॉकिंग key हैं, अस्थायी Subscriber identity module में स्थानीय नेटवर्क से संबंधित जानकारी।

आसान भाषा में कहें तो सिम कार्ड किसी मोबाइल यूजर की पहचान को बताता है, मोबाइल यूजर कब कौन सा लोकेशन पर है, कब उसने किस तरह से डेटा का उपयोग किया, सब कुछ सिम कार्ड बताता है

SIM इतिहास

Subscriber identity module यानी सीम कार्ड एक स्मार्ट कार्ड की तरह होता है जो सिलिकॉन इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी चिप से बना होता है।

1960 के दशक के अंत में एक प्लास्टिक कार्ड पर एक सिलिकॉन चिप को शामिल करने का विचार उत्पन्न हुआ था। तब से एमओएस मेमोरी टेक्नोलॉजी के साथ एमओएस इंटीग्रेटेड सर्किट चिप्स का इस्तेमाल स्मार्ट कार्ड जैसे फ्लैश मेमोरी, ईईपीरोम आदि द्वारा किया जाता था।

1991 में म्यूनिख स्मार्ट कार्ड मेक गिसेके और डेवरिएंट द्वारा पहली बार Subscriber identity module विकसित किया गया था। Giesecke और Devrient ने पहले 300 SIM कार्ड Radiolinja को बेचे जो कि एक फिनिश वायरलेस नेटवर्क ऑपरेटर था।

Subscriber identity module 7 बिलियन से अधिक उपकरणों को दुनिया भर में सेलुलर नेटवर्क से जोड़ता है क्योंकि ये सभी जगह काम करता हैं।

इंटरनेशनल कार्ड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन या ICMA के अनुसार 2016 में वैश्विक स्तर पर लगभग 5.4 बिलियन Subscriber identity module कार्ड बनाए गए थे।

चूंकि एम्बेडेड SIM या ई-SIM और रिमोट SIM प्रोविजनिंग या आरएसपी को जीएसएमए से पेश किया गया था।

यह नए कम्पनी के प्रवेश के साथ पारंपरिक SIM कार्ड पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित कर सकता है। यह मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों के लिए अन्य मूल्य वर्धित सेवाओं के साथ-साथ डिजिटल SIM कार्ड प्रावधान में विशेषज्ञता प्राप्त है।

SIM function

एक SIM कार्ड द्वारा बहुत सारी जानकारी संग्रहीत की जाती है और यह ग्राहकों के नेटवर्क में महत्वपूर्ण डेटा को ट्रान्स्फ़र करता है।

इसमें कुछ निजी और व्यक्तिगत डेटा भी होता है।

यहां कुछ अन्य कार्य या जानकारी दी गई है जो Subscriber identity module द्वारा संग्रहीत की जाती है –

  • मूल संदेश (Text Message)
  • नेटवर्क प्रमाणीकरण के संबंध में डेटा
  • पते के विवरण का डेटा (Data of Address Details)
  • व्यक्तिगत सुरक्षा कुंजियों से संबंधित डेटा (personal security key related data)
  • फोन नंबर की जानकारी और डेटा (Phone number information and data)

यहां कुछ आवश्यक डेटा प्रकार दिए गए हैं जो सदस्यता पहचान मॉड्यूल वहन करते हैं –

  • अद्वितीय सीरियल नंबर (Unique Serial Number)
  • अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान (IMSI)
  • स्थानीय नेटवर्क का संक्षिप्त विवरण
  • सुरक्षा जानकारी

सिम कार्ड के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें

  • शुरुआत में जब सिम कार्ड लांच किया गया था तो इसका साइज बहुत बड़ा हुआ करता था
    आज आप का क्रेडिट कार्ड कितना बड़ा है शुरुआत के सिम का साइज उतना ही बड़ा हुआ करता था
  • सिम कार्ड के मेमोरी क्षमता के बारे में जानकर आपको हंसी आ सकती है आज के सबसे अच्छे सिम कार्ड भी 128kb का डाटा ही स्टोर कर सकते हैं
  • आजकल नए जमाने का सिम भी बहुत सारे मोबाइल में यूज किया जा रहा है जहां आपको फिजिकल सिम के जगह पर वर्चुअल से आपके मोबाइल के साथ कनेक्ट कर लिया जाता है
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What is the full form of SSO(एसएसओ) ?

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SSO का full form Single sign on है जो एक सत्र और उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है।

यह यूजर ऑथेंटिकेशन सर्विस नेम Single sign on यूजर को कई एप्लिकेशन पर एक्सेस पाने के लिए लॉगिन क्रेडेंशियल जैसे नाम और पासवर्ड के एक सेट का उपयोग करने की अनुमति देता है।

सेवा पर एकल साइन का उपयोग उद्यमों द्वारा छोटे संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों द्वारा विभिन्न उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड आदि को प्रबंधित करना आसान बनाने के लिए किया जा सकता है।एप्लिकेशन के सर्वर पर बेसिक वेब Single sign on सर्विस में एक एजेंट मॉड्यूल होता है।

यह एजेंट मॉड्यूल पॉलिसी सर्वर पर समर्पित सिग्नल साइन के रूप में एक व्यक्तिगत उपयोगकर्ता के लिए विशिष्ट प्रमाणीकरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करता है।

दूसरी ओर यह उपयोगकर्ता को एक हल्के निर्देशिका एक्सेस प्रोटोकॉल या एलडीएपी निर्देशिका जैसे उपयोगकर्ता स्रोत के विरुद्ध प्रमाणित करता है।

सर्विस Single sign on सभी प्रकार के एप्लिकेशन के लिए अंतिम उपयोगकर्ता को भी प्रमाणित करता है जिसे उपयोगकर्ता को अधिकार प्रदान किए गए हैं और उसी समय सत्र में किसी भी व्यक्तिगत एप्लिकेशन के लिए भविष्य के पासवर्ड संकेतों को समाप्त करता है।

Work (कार्य ) SSO

  • Single sign on सर्विस की कार्य प्रक्रिया एक संघीय पहचान प्रबंधन व्यवस्था की तरह है और इस प्रणाली के उपयोग को पहचान संघ कहा जाता है।
  • Open onary.tuteehub.com/tag/authorization-18037">authorization वह ढांचा है जो अंतिम उपयोगकर्ता की खाता जानकारी को तृतीय पक्ष सेवाओं द्वारा उपयोग करने देता है और इस खुले प्राधिकरण को सामान्य रूप से OAuth या oh-auth कहा जाता है।
  • ये तृतीय पक्ष सेवाएं फेसबुक हो सकती हैं और यह उपयोगकर्ता के पासवर्ड को उजागर नहीं करती हैं। यह O-Auth एक एक्सेस टोकन के साथ सेवा देकर अंतिम उपयोगकर्ता की ओर से एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है। O-Auth द्वारा यह एक्सेस टोकन विशिष्ट खाता जानकारी को साझा करने के लिए अधिकृत करता है। यहां सेवा प्रदाता अपने प्रमाणीकरण के लिए पहचान प्रदाता को एक अनुरोध भेजता है।
  • तब सेवा प्रदाता प्रमाणीकरण की पुष्टि करता है और उस उपयोगकर्ता को लॉग इन करने की अनुमति देता है।

SSO कॉन्फ़िगरेशन प्रकार

इन Single sign on के विभिन्न प्रकार हैं और उनमें से कुछ केबरोस और सुरक्षा अभिकथन मार्क-अप भाषा SAML जैसे प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं।

यहाँ प्रोटोकॉल के आधार पर तीन प्रकार के Single sign on हैं –

केबरोस प्रोटोकॉल

उपयोगकर्ता द्वारा अपनी साख प्रदान करने के बाद Kerberos आधारित SSO टिकट देने वाला TGT जारी करता है। टिकट देने वाला यह टिकट या टीजीटी उन अन्य अनुप्रयोगों के लिए सेवा टिकट प्राप्त करता है जिन्हें उपयोगकर्ता अपने विवरण को फिर से दर्ज करने के लिए कहे बिना उपयोग करने के लिए तैयार है।

SAML( एसएएमएल )SSO

एक अन्य प्रकार का SSO एसएएमएल पर आधारित है जो एक एक्स्टेंसिबल मार्कअप भाषा एक्सएमएल मानक है। SAML सुरक्षित डोमेन में उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण और प्राधिकरण डेटा के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। SAML पर आधारित इस सिंगल सिंग ऑन सर्विस में उपयोगकर्ता, एक सेवा प्रदाता और एक पहचान प्रदाता के बीच संचार होता है जो एक उपयोगकर्ता निर्देशिका को बनाए रखता है।

स्मार्ट कार्ड SSO

स्मार्ट कार्ड आधारित सिंगल सिंग ऑन अंतिम उपयोगकर्ता को पहले लॉग इन के लिए विवरण में गायन रखने वाले कार्ड का उपयोग करने के लिए मिलता है। उपयोगकर्ता को अपने कार्ड का उपयोग करने के बाद उपयोगकर्ता नाम या पासवर्ड दोबारा दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। स्मार्ट कार्ड पर सिंगल साइन सर्टिफिकेट या पासवर्ड आदि को स्टोर करेगा।

SSO Benefits(लाभ)

ये हैं SSO के फायदे-

  • SSO गायन को प्रक्रिया और अनुप्रयोगों का उपयोग करते हुए सुव्यवस्थित करता है।
  • SSO के कारण पासवर्ड विवरण फिर से दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • SSO फ़िशिंग हमले के अवसर का पाठ पढ़ाता है।
  • SSO उपयोगकर्ताओं को प्रत्येक उपयोग किए गए एप्लिकेशन के लिए कम पासवर्ड के साथ-साथ उपयोगकर्ता नाम याद रखने और प्रबंधक करने में सक्षम बनाता है।
  • सेवा पर एकल साइन सूचना प्रौद्योगिकी हेल्प डेस्क आदि के लिए पासवर्ड के बारे में कम शिकायतें या परेशानी का कारण बनता है।

SSO Loss(नुकसान)

सर्विस Single sign on के ये हैं नुकसान –

  • यदि उपलब्धता समाप्त हो जाती है तो Single sign on सर्विस मददगार नहीं होती है क्योंकि तब उपयोगकर्ता इस एक SSO से जुड़े कई सिस्टम से लॉक हो जाते हैं।
  • यदि अनधिकृत उपयोगकर्ताओं को एक्सेस मिलता है तो वे SSO के कारण एक से अधिक एप्लिकेशन तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।
  • SSO सुरक्षा के उस निश्चित स्तर की चिंता नहीं करता है जिस पर प्रत्येक एप्लिकेशन को गाए जाने की आवश्यकता हो सकती है।
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What is the full form of TCS (टीसीएस) ?

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TCS (टीसीएस) एक प्रसिद्ध नाम है जिसमें कई प्रसिद्ध पूर्ण रूप या फुल फॉर्म है ।

यहाँ हम TCS के दो बहुत प्रसिद्ध पूर्ण रूपों या फ़ुल फ़ॉर्म पर चर्चा करने जा रहे हैं।

पहला फुल फॉर्म आईटी क्षेत्र में है- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

और दूसरा फुल फॉर्म income टैक्स के क्षेत्र में है, टैक्स कलेक्शन at सोर्स

TCS (टीसीएस) का फुल फॉर्म- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी कंपनी है।

टाटा समूह की इस कंपनी का हेड ऑफिस मुंबई में है, और दुनिया के 46 शहरों में इसके 149 ऑफिस हैं।

टीसीएस यानी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज आज दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनीज में शामिल है, और 2015 के फॉर्ब्स रैंकिंग के अनुसार इसे दुनिया की 64 वी सबसे बेहतरीन कंपनी माना गया है।

टीसीए दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनीज में से एक है।

टीसीएस का इतिहास

टीसीएस की शुरुआत 1968 में, कंसलटेंसी से रिलेटेड काम के साथ हुई थी।
शुरुआत में यह कंपनी टाटा स्टील के लिए कंसलटिंग का काम करती थी

1980 से टीसीएस ने सॉफ्टवेयर के फील्ड में काम करना शुरू किया।

TCS क्या काम करती है?

जैसा कि TCS एक सॉफ्टवेयर और सेवा प्रदाता कंपनी है, यह अपने ग्राहकों के लिए अलग सॉफ्टवेयर विकसित करती है।

आज दुनिया की कोई भी बड़ी कंपनी, किसी भी फील्ड की हो, उसे अपनी कंपनी और काम को सही ढंग से चलाने के लिए कई सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।
इन्हीं दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने और उनके कंपनी को सही ढंग से चलाने का काम टीसीएस करती है।

जैसे कि एसबीआई का बैंकिंग का पूरा सॉफ्टवेयर TCS ने बनाया है।
जिसके कारण बैंक कर्मचारी आसानी से लोगों को सर्विस दे पाते है, और एक आम यूज़र भी एसबीआई के बैंकिंग application से आसानी से घर बैठे बैंकिंग का लाभ ले पता है।

इसके अलावा टीसीएस आज बहुत सारे संस्थाओं के लिए एग्जाम कंडक्ट करती है।

आज इंडिया के बहुत सारे पासपोर्ट ऑफिस को टीसीएस ही चला रही है।

TCS की कुछ मुख्य बातें

  • मार्केट capitalization के अनुसार टीसीएस इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
  • यह दुनिया की सबसे बड़ी आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है।
  • इस कंपनी का सबसे बड़ा काम एप्लीकेशन डेवलपमेंट और मेंटेनेंस है।
  • 2004 में टीसीएस पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई, जिसका मार्केट कैनलाइजेशन आज 100 बिलियन से ज्यादा है।
  • TCS भारत की सबसे बड़ी नौकरी प्रदाता निजी कंपनी है, जिसमें लगभग 4.5 लाख लोग कार्यरत हैं, जिसमें 36% से अधिक महिलाएँ हैं।

टीसीएस के शीर्ष ग्राहक

TCS दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों के लिए काम करती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
  • आईआरसीटीसी (IRCTC)
  • जनरल इलेक्ट्रिक
  • मॉर्गन स्टेनली
  • वोडाफोन
  • लैंड रोवर
  • AVIVA
  • बीएसएनएल
  • CITI बैंक
  • HITACHI

TCS (टीसीएस) हर साल हजारों युवाओं को नौकरी देती है, चुकी यह सॉफ्टवेयर और सर्विसेस कंपनी है, तो कंप्यूटर और आईटी सेक्टर के फील्ड में पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए इस कंपनी में नौकरी के ज़्यादा चांसेस होते हैं।

कंपनी बहुत सारे अच्छे इंस्टीट्यूशंस में प्लेसमेंट ड्राइव चलाती है, जहां से एक साथ हजारों छात्र सेलेक्ट होकर आते हैं।

इसके अलावा कंपनी अपने रिक्वायरमेंट के अनुसार नोटिफिकेशन भी जारी करती है।

आमतौर पर यह कंपनी शुरुआती सैलरी 300000 प्रति वर्ष के करीब देती है लेकिन एक्सपीरियंस के साथ लोगों को बहुत अच्छा पैकेज मिलना शुरू हो जाता है।


TCS (टीसीएस) फुल फॉर्म टैक्स कलेक्टेड at सोर्स

भारत में कुछ वस्तुएं हैं जिन्हें जीएसटी से बाहर रखा गया है।
जब इन वस्तुओं को खरीदा और बेचा जाता है, तो खरीदार को विक्रेता को कुछ कर का भुगतान करना पड़ता है, जिसे स्रोत पर कर संग्रह कहा जाता है।

भारत के इनकम टैक्स एक्ट 206c के अनुसार कुछ ऐसे सामान है, जिसे बेचने वाले को टैक्स कलेक्ट करने का अधिकार होता है।

इनमें से अधिकांश वस्तुओं का व्यापार एक आम आदमी को प्रभावित नहीं करता है।

कुछ आइटम और उन पर लागू कर इस प्रकार है-

आइटमकर
मानव उपभोग के लिए शराब1%
लौह अयस्क और कोयला जैसे खनिज1%
पार्किंग लॉट और टोल प्लाजा1%
जंगल पट्टे के तहत लकड़ी2.5%
रद्दी माल1%

टीसीएस के कुछ अन्य प्रसिद्ध पूर्ण रूप

टीसीएस- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

TCS- टैक्स कलेक्टेड अट सोर्स

TCS- ट्रांजैक्शन कंट्रोल सिस्टम

TCS- टेलीविजन कॉरपोरेशन ऑफ सिंगापुर

Similar full forms-

TDS full form in Hindi

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What is the full form of VPS (वीपीएस) ?

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vps (वीपीएस) का फुल फॉर्म या मतलब वर्चुअल प्राइवेट सर्वर होता है।

वर्चुअल प्राइवेट सर्वर इंटरनेट होस्टिंग सर्विस प्रोवाइडर द्वारा बेची जाने वाली एक वर्चुअल मशीन है।

आसान भाषा में कहा जाए तो, वर्चुअल सर्वर वह सरवर होता है, जो एक पावरफुल फिजिकल सरवर को डिजिटल माध्यम से virtually डिवाइड करके बनाया जाता है

तो एक ही सरवर पर कई लोगों को digitally डिवाइड करके होस्टिंग स्पेस दे दिया जाता है, और यहां जो स्पेस हर सरवर के लिए allocate होता है, उस पर दूसरे वर्चुअल पार्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता है

तो कहने का मतलब हुआ कि एक ही फिजिकल सर्वर पर जो अलग-अलग स्पेस allocate किया गया है, वह अलग अलग काम करता है

इसीलिए इसे वर्चुअल प्राइवेट सरवर कहा जाता है, मतलब किसी एक क्लाइंट के वेबसाइट पर बहुत सारा ट्रैफिक आने से दूसरे vps क्लाइंट के होस्टिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (VPS) क्या होता है

वर्चुअल प्राइवेट सर्वर को अच्छे से समझने के लिए पहले हम समझते हैं सरवर की बारीकियों के बारे में

सरवर या होस्टिंग वह फिजिकल स्पेस होता है, जहां हम अपनी वेबसाइट और इसके डाटा को स्टोर करते हैं

चुकी हर वेबसाइट और क्लाइंट की जरूरत अलग-अलग होती है इसीलिए सर्वर या होस्टिंग भी कई तरह के होते हैं

कुछ फेमस होस्टिंग के प्रकार यह सब हैं-

शेयर्ड होस्टिंग (Shared Hosting)

शेयर्ड होस्टिंग- मतलब यहाँ एक ही फिजिकल सर्वर को सैंकड़ो या हजारों यूजर्स के साथ शेयर किया जाता है

मतलब अगर आप शेयर्ड होस्टिंग खरीदते हैं अपनी वेबसाइट को होस्ट करने के लिए, तो आपकी होस्टिंग प्रोवाइडर आपका वेबसाइट उसी सर्वर पर और उसी सेम स्पेस में रख देगी , जिसमे और बहुत सारे दूसरे क्लाइंट के भी वेबसाइट होंगे

इसलिए इस प्रकार के सर्वर में, सभी क्लाइंट उस विशेष सर्वर के प्रमुख संसाधनों का उपयोग करते हैं, जैसे कि सीपीयू, रैम और Disk Space।

इससे कई तरह की समस्याएं आती है, जैसे अगर किसी एक क्लाइंट की वेबसाइट पर बहुत सारे विजिटर आ गए, तो दूसरे क्लाइंट का वेबसाइट भी स्लो हो जाएगा

वही सिक्योरिटी का भी इशू रहता है, शेयर्ड होस्टिंग हाईली सिक्योर नहीं रहता है

लेकिन शेयर्ड होस्टिंग के साथ फायदा यह होता है कि यह काफी सस्ता होता है, और जो लोग नया वेबसाइट बना रहे हैं, या डिजिटल फील्ड में नया आए हैं वह शेयर्ड होस्टिंग से शुरुआत कर सकते हैं

आगे आपको इस आर्टिकल में विस्तार से समझाया गया है कि कौन से कंपनी का शेयर्ड होस्टिंग शुरुआत में लेना बेहतर रह सकता है

डेडीकेटेड सर्वर या प्राइवेट सर्वर

डेडीकेटेड सर्वर होस्टिंग को ही हम प्राइवेट सर्वर होस्टिंग भी कहते हैं, इस तरह के होस्टिंग में एक सरवर एक क्लाइंट को दिया जाता है

इसको अगर आसान भाषा में समझने की कोशिश करें, तो डेडीकेटेड सरवर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसका एक्सेस केवल एक क्लाइंट को दिया जाता है, और उसके सारे रिसोर्सेज जैसे कि सीपीयू, रैम, डिस्क स्पेस का उपयोग केवल एक ही क्लाइंट अपने लिए करता है

डेडीकेटेड सर्वर का सिक्योरिटी हाई लेवल का होता है, और चुकी किसी दूसरे क्लाइंट को सरवर का एक्सेस नहीं रहता है, तो सिक्योरिटी की समस्या बहुत कम रहती है

लेकिन डेडीकेटेड सर्वर महंगा होता है, और इस पर कोई एक टाइप का ही ऑपरेटिंग सिस्टम चलाया जा सकता है, जैसे विंडो या linux, कोई एक ही एक बार में इस पर काम करेगा

वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (VPS)

तो आप जब आपको शेयर्ड होस्टिंग और डेडीकेटेड होस्टिंग के बारे में पता चल चुका है, तो आप समझ सकते हैं कि वह सभी लोग जो शेयर्ड होस्टिंग से आगे बढ़ना चाहते हैं,

लेकिन डेडीकेटेड होस्टिंग को इसके दाम के कारण नहीं अफ़्फोर्डनहीं कर सकते हैं, तो उनके लिए एक बहुत ही शानदार सलूशन लाया गया वर्चुअल प्राइवेट सर्वर के रूप में

जब किसी फिजिकल सरवर को कई भागों में बांटा जाता है, तो हर पार्ट के लिए सीपीयू, रैम और डिस्क स्पेस allot कर दिया जाता है डिजटल माध्यम से

तो इस तरह से कम खर्च में बहुत सारे ऐसे लोग जिनकी जरूरत बहुत ज्यादा बड़ी नहीं है, को डेडीकेटेड होस्टिंग का बेनिफिट कम दाम में उपलब्ध कराया जाता है

तो वर्चुअल प्राइवेट सर्वर में भी आपको डेडीकेटेड होस्टिंग का सारा बेनिफिट मिल जाता है, लेकिन बैंडविथ और सीपीयू, डेडिकेटेड होस्टिंग के मुकाबले कम रहता है
VPS का सिक्योरिटी भी हाई लेवल का होता है

प्रत्येक VPS का अपना ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो अन्य VPS से पूरी तरह अलग होता है

मुख्य तौर पर VPS दो कंफीग्रेशन में आता है, सिंगल सर्वर VPS और क्लाउड VPS

5 सबसे अच्छे वीपीएस (VPS) और होस्टिंग प्रोवाइडर


शेयर्ड होस्टिंग एक वेबसाइट के लिए ₹79 महीने से शुरू होती है

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वीपीएस होस्टिंग के फायदे

वीपीएस होस्टिंग कम खर्च में आता है

VPS यानी वर्चुअल प्राइवेट सर्वर में आपको कम खर्च में ज्यादा सुविधाएं मिल जाती हैं, क्योंकि नेटवर्क फैसिलिटी, सर्वर मैनेजमेंट कॉस्ट, और फिजिकल हार्डवेयर दूसरे वर्चुअल प्राइवेट सर्वर क्लाइंट के साथ शेयर किया जाता है

वीपीएस होस्टिंग को आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है

आप अपने वर्चुअल प्राइवेट सर्वर पर कोई भी तरह का सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की आपको आजादी मिलती है और साथ में आप अपनी सुविधा के अनुसार टेक्निकल सेटिंग्स भी कर सकते हैं

VPS आपको अधिकतम परफॉर्मेंस और स्वतंत्रता देता है

VPS होस्टिंग में, आपकी होस्टिंग कंपनी आपके हार्डवेयर और अन्य संसाधनों को आपकी योजना के अनुसार आवंटित करती है।

इससे आपको ज्यादा से ज्यादा परफॉरमेंस और स्टेबिलिटी मिलती है।

आपको अपने वर्चुअल प्राइवेट सर्वर पर किसी भी प्रकार के सॉफ़्टवेयर को स्थापित करने की स्वतंत्रता भी मिलती है और साथ ही आप अपनी सुविधानुसार तकनीकी सेटिंग्स भी कर सकते हैं।

जितने वेबसाइट चाहे होस्ट कर सकते हैं

वीपीएस होस्टिंग के साथ आप जितने वेबसाइट चाहे, अपने सरवर पर होस्ट कर सकते हैं, हां यहां केवल वेबसाइट विजिटर का आपको ध्यान रखना होगा, जैसे ही आपके वेबसाइट पर विजिटर आपके प्लान से ज्यादा हो जाएं आपको अपने VPS को अपग्रेड करना होगा

VPS FAQs in Hindi

अनमैनेज्ड और मैनेज्ड वीपीएस होस्टिंग क्या होता है?

जब भी हम किसी भी कंपनी से कोई होस्टिंग खरीदते हैं, तो हमें कई तरह के टेक्निकल सेटिंग्स और डाटा ट्रांसफर करना होता है
अगर आप मैनेज्ड VPS खरीदते हैं, तो उस होस्टिंग प्रोवाइड करने वाली कंपनी के लोग आपके सारे टेक्निकल पार्ट का देखरेख करेंगे
मतलब आपको बस पेमेंट कर देना है और सारी टेक्निकल चीजें उनके एंपलाई आपके लिए कर देंगे, लेकिन अगर आप अनमैनेज्ड होस्टिंग खरीदते हैं तो आपको सारे सेटिंग्स और डाटा ट्रांसफर खुद करना होता है
तो इसीलिए जो लोग अच्छा टेक्निकल नॉलेज नहीं रखते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वह मैनेज्ड वेब होस्टिंग ही परचेस करें

18.

What is the full form of TLD (टीएलडी ) ?

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19.

What is the full form of YAHOO ?

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Yet Another Hierarchy of Officious Oracle / Yet Another Hierarchically Organized Oracle